प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के खतरे को देखते हुए दक्षिण दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले करीब 580 विद्यालयों को पूरे सप्ताह के लिए तथा उत्तर और पूर्वी नगर निगमों के अंतर्गत आने वाले स्कूलों को बुधवार तक बंद कर दिया गया है.
भारी धुंध के कारण अस्थामा, एलर्जी और सांस फूलने के मामलों में बढ़ोतरी के चलते दिल्ली के तीनों नगर निगमों के अंतर्गत आने वाले 17,000 से अधिक स्कूलों को शनिवार को बंद कर दिया गया था. ऐसा डॉक्टरों के बच्चों और बुजुर्गों में अत्यधिक सुरक्षा के सुझाव दिए जाने के बाद किया गया. एमसीडी के अंतर्गत आने वाले सभी विद्याालय प्राथमिक विद्यालय हैं. तीनों नगर निगमों द्वारा चलाए जाने वाले स्कूलों में करीब 10 लाख बच्चे पढ़ते हैं.
दिल्ली सरकार ने भी कल नौ नवंबर तक इसकी सभी विद्यालयों को बंद करने का आदेश जारी किया है. एसडीएमसी के एक प्रवक्ता ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया, ‘‘हमने 12 नवंबर तक अपने सभी विद्यालयों को बंद करने का निर्णय लिया है. सुबह की पाली में भारी धुंध है. शाम में भी प्रदूषण का स्तर काफी अधिक है ऐसे में हमने इसे विस्तारित अवधि तक बंद रखने का फैसला किया है.’’ दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के अंतर्गत 579 स्कूल, उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के अंतर्गत करीब 740 और शेष पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएसमसी) के अंतर्गत आता है.
दक्षिण दिल्ली में सिरीफोर्ट इलाके और पूर्वी दिल्ली में आनंद विहार सहित अन्य स्थान हैं जहां पर हाल में सबसे अधिक प्रदूषण पीएम 2.5 और पीएम 10 के पैमाने पर उच्च स्तर का दर्ज किया गया. उत्तरी दिल्ली के मेयर संजीव नायर ने बताया, ‘‘हमने नौ नवंबर तक स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है. हम इसके बाद हालात की समीक्षा करेंगे और इसके बाद आगे निर्णय लेंगे.’’ ईडीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘पूर्वी दिल्ली नगर निगम के स्कूल भी नौ नवंबर तक बंद रहेंगे.’’ इसके अलावा, एसडीएमसी ने प्रदूषण को लेकर लोगों को जागरूक बनाने के लिए एक रेडियो अभियान भी शुरू किया है.
एसीडीएमसी के अधिकारी ने बताया, ‘‘हमारा रेडियो अभियान शुक्रवार से चल रहा है जिसमें एसडीएमसी की स्थायी समिति के अध्यक्ष ने लोगों को एक संदेश दिया है कि अगर हमारे नियंत्रण कक्ष में पत्तियां जलाने का कोई मामला आता है तो हम कार्रवाई करेंगे.’’ दिल्ली में पिछले 17 साल में धुंध के कारण सबसे खराब स्थिति देखी जा रही है. इसके कारण दिल्ली और केन्द्र सरकार को प्रदूषण कम करने के लिए तत्काल उपाय करने पड़े.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कल स्थिति से निपटने लिए दक्षिण दिल्ली में बदरपुर ऊर्जा संयंत्र को अस्थायी रूप से बंद करने और अगले पांच दिन तक निर्माण और तोड़-फोड़ गतिविधियों सहित ‘आपात’ उपायों की घोषणा की थी.
नायर ने कहा, ‘‘डीजल जनरेटर को बंद कर देना चाहिए, निर्माण कार्य को तत्काल रोक देना चाहिए और पत्तियों को जलाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. इसके अलावा, बच्चों की अच्छी तरह सुरक्षा की जाए और उनके लिए अतिरिक्त एहतियात बरतना चाहिए.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
भारी धुंध के कारण अस्थामा, एलर्जी और सांस फूलने के मामलों में बढ़ोतरी के चलते दिल्ली के तीनों नगर निगमों के अंतर्गत आने वाले 17,000 से अधिक स्कूलों को शनिवार को बंद कर दिया गया था. ऐसा डॉक्टरों के बच्चों और बुजुर्गों में अत्यधिक सुरक्षा के सुझाव दिए जाने के बाद किया गया. एमसीडी के अंतर्गत आने वाले सभी विद्याालय प्राथमिक विद्यालय हैं. तीनों नगर निगमों द्वारा चलाए जाने वाले स्कूलों में करीब 10 लाख बच्चे पढ़ते हैं.
दिल्ली सरकार ने भी कल नौ नवंबर तक इसकी सभी विद्यालयों को बंद करने का आदेश जारी किया है. एसडीएमसी के एक प्रवक्ता ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया, ‘‘हमने 12 नवंबर तक अपने सभी विद्यालयों को बंद करने का निर्णय लिया है. सुबह की पाली में भारी धुंध है. शाम में भी प्रदूषण का स्तर काफी अधिक है ऐसे में हमने इसे विस्तारित अवधि तक बंद रखने का फैसला किया है.’’ दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के अंतर्गत 579 स्कूल, उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के अंतर्गत करीब 740 और शेष पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएसमसी) के अंतर्गत आता है.
दक्षिण दिल्ली में सिरीफोर्ट इलाके और पूर्वी दिल्ली में आनंद विहार सहित अन्य स्थान हैं जहां पर हाल में सबसे अधिक प्रदूषण पीएम 2.5 और पीएम 10 के पैमाने पर उच्च स्तर का दर्ज किया गया. उत्तरी दिल्ली के मेयर संजीव नायर ने बताया, ‘‘हमने नौ नवंबर तक स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है. हम इसके बाद हालात की समीक्षा करेंगे और इसके बाद आगे निर्णय लेंगे.’’ ईडीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘पूर्वी दिल्ली नगर निगम के स्कूल भी नौ नवंबर तक बंद रहेंगे.’’ इसके अलावा, एसडीएमसी ने प्रदूषण को लेकर लोगों को जागरूक बनाने के लिए एक रेडियो अभियान भी शुरू किया है.
एसीडीएमसी के अधिकारी ने बताया, ‘‘हमारा रेडियो अभियान शुक्रवार से चल रहा है जिसमें एसडीएमसी की स्थायी समिति के अध्यक्ष ने लोगों को एक संदेश दिया है कि अगर हमारे नियंत्रण कक्ष में पत्तियां जलाने का कोई मामला आता है तो हम कार्रवाई करेंगे.’’ दिल्ली में पिछले 17 साल में धुंध के कारण सबसे खराब स्थिति देखी जा रही है. इसके कारण दिल्ली और केन्द्र सरकार को प्रदूषण कम करने के लिए तत्काल उपाय करने पड़े.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कल स्थिति से निपटने लिए दक्षिण दिल्ली में बदरपुर ऊर्जा संयंत्र को अस्थायी रूप से बंद करने और अगले पांच दिन तक निर्माण और तोड़-फोड़ गतिविधियों सहित ‘आपात’ उपायों की घोषणा की थी.
नायर ने कहा, ‘‘डीजल जनरेटर को बंद कर देना चाहिए, निर्माण कार्य को तत्काल रोक देना चाहिए और पत्तियों को जलाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. इसके अलावा, बच्चों की अच्छी तरह सुरक्षा की जाए और उनके लिए अतिरिक्त एहतियात बरतना चाहिए.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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