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मनोवैज्ञानिक शव परीक्षण करने के लिए सीबीआई से मदद मांगी है
भाटिया परिवार के 11 सदस्यों ने की थी आत्महत्या
इसमें कुछ महीने पहले की मनोदशा जानने की भी कोशिश की जाती है.
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अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने सीबीआई के सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी से मृतकों की मनोस्थिति का विश्लेषण करने के वास्ते एक मनोवैज्ञानिक पैनल गठित करने के लिए संपर्क किया है. पुलिस ने बताया कि साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी या मनोवैज्ञानिक शव परीक्षण एक ऐसा तरीका है, जिसकी मदद से किसी मरने वाले के चिकित्सा रिकार्डों और परिजनों, दोस्तों, जानने वालों से बात कर मृतक की मनोस्थिति का विश्लेषण किया जाता है और मौत से पहले की उनकी मन:स्थिति पर शोध किया जाता है. मृतक परिवार में 11 में से दस सदस्य छत से लगे लोहे एक जाल से लटके मिले थे जबकि परिवार की प्रमुख 77 वर्षीय नारायणा देवी घर के दूसरे कमरे में फर्श पर मृत मिली थी. मृतकों में उनकी बेटी प्रतिभा (57) और दो बेटे भावेश (50) और ललित (45) शामिल थे.
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इसलिए कराई जाएगी सभी शवों की साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी
1 - विशेषज्ञों ने बताया कि मनोवैज्ञानिक ऑटोप्सी यह स्पष्ट करने की कोशिश करती है कि किसी व्यक्ति ने अपनी जान क्यों ली.
2- इसमें मेडिकल रिकॉर्डों का विश्लेषण होता है, मित्रों एवं परिजन का साक्षात्कार किया जाता है और मृत्यु से पहले उसकी मनोदशा पर शोध किया जाता है.
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