मैक्स अस्पताल ने जिंदा बच्चे को मृत बताने के मामले में दो डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं
नई दिल्ली:
दिल्ली के शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल ने एक जीवित बच्चे को मृत बताने के मामले में शामिल दो डॉक्टरों को निकाल दिया है. एक बयान में मैक्स हेल्थकेयर ने कहा, 'विशेषज्ञ समूह द्वारा जांच जारी है, लेकिन हमने समय से पहले जुड़वां बच्चों के जन्म के मामले में दो डॉक्टरों- एपी मेहता और विशाल गुप्ता की सेवाएं समाप्त करने का फैसला किया है.' बयान में कहा गया, 'यह कड़ी कार्रवाई विशेषज्ञ समूह के साथ हमारी शुरुआती चर्चा के बाद की गई है.' गौरतलब है कि बीते 30 नवंबर की सुबह मैक्स अस्पताल में एक महिला ने जुड़वां बच्चों (एक लड़का और एक लड़की) को जन्म दिया था. बच्ची मृत ही पैदा हुई थी. अस्पताल ने बच्चे के माता-पिता को बताया कि दोनों बच्चे मृत पैदा हुए हैं और उन्हें दोनों बच्चे एक पोलिथिन बैग में सौंप दिए गए, लेकिन उनके अंतिम संस्कार से ठीक पहले परिवार ने पाया कि एक बच्चा जीवित है.
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दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को कहा था कि यदि अस्पताल को जांच में लापरवाही का दोषी पाया गया तो उसका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है. जैन ने कहा, 'एक बार रिपोर्ट आ जाने पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. यदि अस्पताल को मेडिकल लापरवाही का दोषी पाया जाता है तो इसका लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है.'
VIDEO :डॉक्टरों ने जिंदा बच्चे को बता दिया मृत
बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मामले में 'सख्त कार्रवाई' का वादा किया था.
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दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को कहा था कि यदि अस्पताल को जांच में लापरवाही का दोषी पाया गया तो उसका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है. जैन ने कहा, 'एक बार रिपोर्ट आ जाने पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. यदि अस्पताल को मेडिकल लापरवाही का दोषी पाया जाता है तो इसका लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है.'
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बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मामले में 'सख्त कार्रवाई' का वादा किया था.
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