भारतीय एल्कोहल इंडस्ट्री के एक टॉप ग्रुप ने मंगलवार को दिल्ली सरकार से मांग की है कि उसे राष्ट्रीय राजधानी में शराब की सीधे घर पर डिलीवरी करने की अनुमति दी जाए. उद्योग ने कहा है कि शराब की दुकानों पर लोगों के बीच दूरी रखने के नियम को तोड़ा जा रहा है ऐसे में उसे सीधे घर पर शराब की डिलीवरी करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
कन्फेडरेशन आफ इंडियन एल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज (CIABC) ने कहा कि सरकार शराब बेचने के लिये टोकन प्रणाली की भी अनुमति दे सकती है. इससे भीड़ का बेहतर ढंग से प्रबंधन करने में मदद मिल सकती है.
दिल्ली में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन शराब की दुकानों पर लंबी लाइनें देखी गई। भीड़ इस कदम उमड़ पड़ती है कि दुकानों पर लोगों के बीच शारीरिक दूरी का नियम समाप्त हो जाता है. यहां तक कि शराब पर उसके अधिकतम खुदरा मूलय के ऊपर 70 प्रतिशत की दर से विशेष कोरोना शुल्क लगा दिये जाने का भी खरीदारों पर कोई असर नहीं दिखाई दिया. सीआईएबीसी के महानिदेशक विनोद गिरी ने कहा कि शराब की आनलाइन बुकिंग शुरू किये जाने से शराब की दुकानों के बाहर भीड़ को कम किया जा सकता है. गिरी ने कहा, ‘‘हम दिल्ली सरकार के पास जायेंगे और उससे शराब की घर पर डिलीवरी के विकल्प पर विचार करने का आग्रह करेंगे. शराब की घर पर डिलीवरी सुरक्षित तरीका है और इसमें कोई खतरा नहीं है.''
गिरी ने दूसरे तरीके का सुझाव देते हुये कहा कि सरकार टोकन प्रणाली भी शुरू कर सकती है. कोई भी व्यक्ति आनलाइन शराब की बुकिंग कर टोकन निकाल सकता है और बाद में वह बताये गये समय पर दुकान से अपनी मनपसंद शराब ले सकता है. दिल्ली में शराब पर 70 प्रतिशत की दर से ‘‘विशेष कोरोना शुल्क'' लगाये जाने के मुद्दे पर गिरी ने कहा कि शराब के दाम को अलग रखकर नहीं देखा जा सकता है. इन्हें पड़ोसी शहरों के संदर्भ में देखा जाना चाहिए.
सूत्रों ने बताया कि सरकार ने कहा है कि पड़ोसी राज्यों से राजधानी में शराब की तस्करी को रोकना बड़ी चुनौती है. ‘‘हमें इस पर कड़ी नजर रखनी होगी क्योंकि इससे सरकार के राजस्व पर असर पड़ता है.'' गृह मंत्रालय द्वारा लॉकडाउन में कुछ राहत दिये जाने के बाद सोमवार से दिल्ली में 190 शराब की दुकानें खुल गईं। मंगलवार को इनमें से करीब 150 दुकानें खुलीं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि जिन इलाकों में लोग सामाजिक स्तर पर दूरी रखने के नियम का पालन नहीं करेंगे उन इलाकों से राहत को वापस ले लिया जाएगा.
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