बिहार में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद उत्तर प्रदेश में भी अवैध शराब को लेकर बड़ा अभियान चलाया जा रहा है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गंगा और हिंडन नदी के किनारे अवैध शराब बनाने वालों के कई ठिकानों पर यूपी पुलिस ड्रोन का इस्तेमाल करके आपरेशन जहरीली शराब चला रही है. अवैध शराब बनाने वालों को गंगा नदीं से पानी मिल जाता है और एक सुरक्षित माहौल भी, क्योंकि दूर-दूर तक कोई आबादी नहीं है.
पश्चिमी यूपी में गंगा नदी के बियाबान इलाके में पुलिस के ड्रोन ने आखिरकार अवैध शराब की एक जलती भट्टी को आसमान से देख लिया. यहां दूर-दूर तक न तो इंसानी आबादी है और न ही कोई रास्ता. हजारों एकड़ जमीन पर सिर्फ गन्ना, सरसों के खेत और गंगा नदी का विशाल किनारा ही दिखता है. यही वजह है कि शराब बनाने के लिए तस्करों का यह मनपसंद इलाका है. अब पुलिस के ड्रोन शराब की भट्टियों को खोज रहे हैं. गढ़मुक्तेश्वर कोतवाली की पुलिस ने इलाके में रेड की.
गंगा नदी के किनारे अवैध शराब बनाई जाती है. वहां पर पुलिस की टीम ने रेड की. उस स्थान तक पहुंचना बहुत मुश्किल था. गढ़मुक्तेश्वर की कोतवाली से करीब 15 किलोमीटर दूर जाकर पक्का रास्ता और आबादी दोनों खत्म हो गए. वहां से कच्चे रास्ते पर दो से तीन किलोमीटर किसी तरह चलने के बाद आखिरकार वाहन खड़े करने पड़े. वहां से पुलिस की रेड पार्टी को रास्ता ड्रोन के जरिए खोजना पड़ा. सैकड़ों एकड़ खेत और गंगा नदी के किनारे की बियाबान जगह देखने के लिए पुलिस ने ड्रोन उड़ाए. ऊपर ड्रोन और नीचे उसे देखकर पुलिस पार्टी नदी के किनारे-किनारे चलने लगी. कुछ संदिग्ध तस्करों ने पुलिस पार्टी को दूर से ही देख लिया और मोटर साइकिल से भागने लगे.
आसमान में उड़ते ड्रोन की नज़रों से देखकर खेत और नहरों को पार करके पुलिस पार्टी एक अवैध शराब की भट्टी तक पहुंची. भट्टी से धुंआ निकल रहा था. इन भट्टियों में करीब 190 लीटर अवैध शराब बनाई जा रही थी. पुलिस की एक दूसरी पार्टी ने भागे तस्करों को भी धरदबोचा.
हापुड़ के एसपी दीपक भूकर ने बताया कि ड्रोन की मदद से अवैध शराब बनाने वालों पर कार्रवाई करना कुछ हद तक आसान हो गया है. ड्रोन के जरिए हम दूर तक इन तस्करों के मूवमेंट और भट्टियों को देख सकते हैं.
सोचिए बारिश के वक्त जब इन इलाकों में गंगा नदी का पानी रहता है तो पुलिस का काम कितना मुश्किल होता होगा. यूपी की बात करें तो इस साल पुलिस ने सूबे के करीब 8000 से ज्यादा अवैध शराब बनाने वालों पर मामले दर्ज किए हैं. पुलिस और आबकारी विभाग आसमान से लेकर जमीन खोदकर अवैध शराब को नष्ट करने का सख्ती से अभियान चल रही है. इस तरह के दुर्गम और सुनसान इलाकों में पुलिस और आबकारी की टीम के साथ शराब तस्करों की मुठभेड़ होती रहती है.
गौरतलब है कि पिछले साल देशभर में ज़हरीली शराब से 782 लोगों की मौत हुई. सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में 137 लोगों की मौत हुई. इस साल 4500 से ज्यादा अवैध शराब की भट्टियां पकड़ी गईं और 13 लाख लीटर अवैध शराब नष्ट की गई.
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