
नई दिल्ली:
जेएनयू मामले की सुनवाई के दौरान एक वकील ने आज वंदेमातरम् का नारा लगाया है। वकील के इस प्रकार से नारा लगाने के कारण सुप्रीम कोर्ट नाराज हो गया। कोर्ट की नाराजगी को देखते हुए पुलिस उस वकील को कोर्ट से बाहर ले गई।
पुलिस ने वकील की पहचान राजीव यादव के रूप में की। कोर्ट की नाराजगी के बाद वकील ने कोर्ट से माफी मांगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप वकील हैं और संस्थान से जुडे हैं जिस पर लोगों को विश्वास है। आपको कोई बात कहनी है तो सीधे रख सकते हैं, लेकिन आपको ये सब करना शोभा नहीं देता।
आज कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें मांग की गई है कि कोर्ट पुलिस को निर्देश दे कि कन्हैया कुमार के खिलाफ चल रही सुनवाई में कोई बाधा न हो।
जेएनयू के पूर्व स्टूडेंट एनडी जयप्रकाश की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि कन्हैया के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान कोई व्यवधान न हो यह सुनिश्चित किया जाए।
याचिका में यह भी मांग की गई कि कोर्ट परिसर में सुरक्षा सुनिश्चित की जानी जरूरी है ताकि कोई भी शख्स हिंसा का शिकार न हो। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता भी फिजिकल वॉयलेंस का शिकार हुआ है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में जेएनयू स्टूडेंट, टीचर और जर्नलिस्ट कोर्ट में सुनवाई के लिए मौजूद थे, लेकिन तभी उनके साथ कुछ लोगों ने हिंसा की।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि
- पत्रकारों को कोर्ट रूम में जाने का अधिकार
- पत्रकारों की सुरक्षा बेहद अहम
- कोर्ट रूम में आम लोगों की बजाए पत्रकारों की उपस्थिति जरूरी
- पत्रकार कोर्ट की सुनवाई को लोगों को तक पहुंचाते है
- कई बार हमने देखा कि लोग आरोपी के लिए कोर्ट तक मार्च करते हैं
- आरोपी के समर्थक कोर्ट रूम में नारेबाजी भी कर देते हैं, क्या इसे अनुमति दी जानी चाहिए
- मद्रास का उदाहरण देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर बार पुलिस पर आरोप लगते हैं
- वे एक्शन लें तो दोनों पक्ष आरोप लगाते हैं और ना लें तो भी आरोप लगते हैं
पुलिस ने वकील की पहचान राजीव यादव के रूप में की। कोर्ट की नाराजगी के बाद वकील ने कोर्ट से माफी मांगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप वकील हैं और संस्थान से जुडे हैं जिस पर लोगों को विश्वास है। आपको कोई बात कहनी है तो सीधे रख सकते हैं, लेकिन आपको ये सब करना शोभा नहीं देता।
आज कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें मांग की गई है कि कोर्ट पुलिस को निर्देश दे कि कन्हैया कुमार के खिलाफ चल रही सुनवाई में कोई बाधा न हो।
जेएनयू के पूर्व स्टूडेंट एनडी जयप्रकाश की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि कन्हैया के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान कोई व्यवधान न हो यह सुनिश्चित किया जाए।
याचिका में यह भी मांग की गई कि कोर्ट परिसर में सुरक्षा सुनिश्चित की जानी जरूरी है ताकि कोई भी शख्स हिंसा का शिकार न हो। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता भी फिजिकल वॉयलेंस का शिकार हुआ है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में जेएनयू स्टूडेंट, टीचर और जर्नलिस्ट कोर्ट में सुनवाई के लिए मौजूद थे, लेकिन तभी उनके साथ कुछ लोगों ने हिंसा की।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि
- पत्रकारों को कोर्ट रूम में जाने का अधिकार
- पत्रकारों की सुरक्षा बेहद अहम
- कोर्ट रूम में आम लोगों की बजाए पत्रकारों की उपस्थिति जरूरी
- पत्रकार कोर्ट की सुनवाई को लोगों को तक पहुंचाते है
- कई बार हमने देखा कि लोग आरोपी के लिए कोर्ट तक मार्च करते हैं
- आरोपी के समर्थक कोर्ट रूम में नारेबाजी भी कर देते हैं, क्या इसे अनुमति दी जानी चाहिए
- मद्रास का उदाहरण देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर बार पुलिस पर आरोप लगते हैं
- वे एक्शन लें तो दोनों पक्ष आरोप लगाते हैं और ना लें तो भी आरोप लगते हैं
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