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This Article is From Feb 14, 2018

जवानों की सुरक्षा के लिए लालकिले में होगा राष्ट्र रक्षा महायज्ञ, चारों धाम और सीमाओं से लाई जाएगी मिट्टी

बुधवार को इंडिया गेट पर मंच सजा, वैदिक मंत्रोच्चार हुआ और ढोल-ताशों के बीच जल मिट्टी रथ को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

जवानों की सुरक्षा के लिए लालकिले में होगा राष्ट्र रक्षा महायज्ञ, चारों धाम और सीमाओं से लाई जाएगी मिट्टी
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रथ यात्रा को रवाना किया
नई दिल्‍ली: सीमाओं पर लड़ रहे जवानों की सुरक्षा के लिए 18 मार्च से लेकर 25 मार्च तक राष्ट्र रक्षा महायज्ञ का आयोजन लाल क़िले में किया जा रहा है जिसमें बनने वाले 108 कुंड के लिए मिट्टी और जल चारों धाम और सीमाओं से लाई जाएगी. इसके लिए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इंडिया गेट से मिट्टी और जल लाने वाले रथ को हरी झंडी दिखाई. बुधवार को इंडिया गेट पर मंच सजा, वैदिक मंत्रोच्चार हुआ और ढोल-ताशों के बीच जल मिट्टी रथ को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. ये रथ वाघा, पुंछ, डोकलाम जैसे सीमावर्ती इलाकों और चारों धाम जाकर महायज्ञ के लिए जल और मिट्टी लाएगा. राजनाथ ने कहा कि महायज्ञ राष्ट्र निर्माण के लिए किया जा रहा है.

भारत ‘पूरी दुनिया के कल्याण’ के लिए ताकतवर बनना चाहता है, न कि दूसरे देशों में रहने वाले लोगों को धमकाने के लिए. यह बात केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कही. भगवा झंडा लहराते हुए गृह मंत्री ने इंडिया गेट के लॉन से रथ यात्रा को रवाना किया जो मार्च में होने वाले एक हफ्ते के वैदिक यज्ञ के लिए मिट्टी और पानी एकत्रित करेगा. इसे ‘अद्भुत रथ यात्रा’ बताते हुए सिंह ने कहा कि यह कार्यक्रम किसी तरह की शक्ति हासिल करने के लिए नहीं बल्कि ‘राष्ट्र निर्माण’ और पूरी तरह सुरक्षित और समृद्ध भारत के लिए है.

उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि भारत केवल धनी बनने या शक्तिशाली या ताकतवर राष्ट्र बनने के लिए समृद्ध नहीं बने बल्कि ‘हम विश्व कल्याण के लिए ऐसा करना चाहते हैं.’ सिंह ने कहा, ‘‘अगर हम मजबूत बनना चाहते हैं तो दूसरे देशों में रहने वाले लोगों को आतंकित करने के लिए ऐसा नहीं है. हम चाहते हैं कि ऐसा समृद्ध भारत बने, जिसकी सांस्कृतिक विरासत अक्षुण्ण है. एक ऐसा भारत जो विश्व गुरु बन सके.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम देश की अखंडता न केवल भारत के लोगों के कल्याण के लिए चाहते हैं बल्कि पूरी दुनिया के कल्याण के लिए चाहते हैं.’’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी 2022 तक नये भारत का सपना देखा है जहां गरीबी, बेरोजगारी खत्म हो, सफाई के प्रति जागरूकता बढ़े, जाति, धर्म आदि के आधार पर भेदभाव खत्म हो.

मंत्री ने कहा कि भारत की भूमि से वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश फैला है और विदेशी विद्वानों ने भी भारतीय संस्कृति की प्रशंसा की है. उन्होंने कहा, ‘‘और यह सांस्कृतिक विरासत अक्षुण्ण बनी रहेगी अगर देश एक और अखंड बना रहे.’’ डोकलाम, पुंछ, वाघा सीमा और चार धाम से लाए गए मिट्टी एवं जल का इस्तेमाल यज्ञ का ढांचा बनाने में किया जाएगा. सिंह ने कहा, ‘‘इस यज्ञ की सबसे बड़ी खासियत है कि लोग हमारे देश की सीमाओं और चार धाम तक जाएंगे और मार्च में होने वाले यज्ञ के लिए मिट्टी और पानी लेकर आएंगे.’’ भाजपा सांसद महेश गिरी ने कहा कि यह घटना एक बार फिर सुनिश्चित करेगा कि ‘‘वेद और देश की आवाज एक स्वर में गुंजेगी.’’

VIDEO: भारत सभी के कल्याण के लिए शक्तिशाली बनना चाहता है न कि दूसरों को धमकाने के लिए : राजनाथ सिंह

इस पूरे महायज्ञ का आयोजन पूर्वी दिल्ली के सांसद महेश गिरी 18 मार्च से लेकर 25 मार्च तक लाल किले में करा रहे हैं जिसमें सारे केंद्रीय मंत्री मौजूद रहेंगे. इस यज्ञ में 11 हज़ार पंडित भारत की सुरक्षा के लिए मंत्रोच्चार करेंगे. बीजेपी को भी अच्छे से पता है कि 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले ऐसी धार्मिक और राष्ट्रवादी रथ यात्राएं उनके लिए बेहद मददगार साबित होंगी.

(इनपुट एजेंसी से...)

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