दिल्ली पुलिस की खिंचाई करते हुए उच्च न्यायालय ने गुरुवार को पूछा कि क्या उसने राष्ट्रीय राजधानी में किसी अवैध मसाज पार्लर को बंद किया है? मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने दिल्ली पुलिस से कहा, ‘‘कुछ करिये. कुछ काम करिये. उसके बाद स्थिति रिपोर्ट दाखिल करें. अन्यथा कौन आपकी रिपोर्ट को पढ़ना चाहेगा.'' पीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही जिसमें आरोप लगाया गया है कि मसाज पार्लर की आड़ में धड़ल्ले से सेक्स रैकेट चल रहे हैं.
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पीठ ने यह टिप्पणी पुलिस द्वारा दाखिल हालिया रिपोर्ट पर नाखुशी जताते हुए की, जिसमें इस बात का संकेत नहीं दिया गया था कि क्या उसने शहर में चलने वाले किसी भी अवैध मसाज पार्लर को बंद किया है. अदालत ने कहा, ‘‘आपको यह बताना चाहिये था कि अब तक आपने लगभग तीन दर्जन इस तरह के मसाज पार्लर बंद किये हैं और ऐसे प्रतिष्ठानों का पानी और बिजली का कनेक्शन काट दिया गया है. यहां दर्जनों मसाज पार्लर होने चाहिये. क्या आप एक भी उदाहरण दे सकते हैं कि आपने किसी मसाज पार्लर को बंद किया है? आपके अधिकारी कहां हैं?''
पीठ ने कहा कि वह पुलिस का काम करने के लिये समितियां गठित नहीं कर सकती और इस बात की चेतावनी दी कि अगर उसे समिति गठित करनी पड़ी, तो वह एजेंसी के खिलाफ कड़ी टिप्पणी कर सकती है. पीठ ने पुलिस को सुनवाई की अगली तारीख 25 नवंबर तक एक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा जिसमें इस तरह के पार्लर के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी देने को कहा गया है. पीठ नगर के रहने वाले अतीत बंसल की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
(इनपुट भाषा से)
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