नई दिल्ली:
16 दिसबंर 2012 को हुए निर्भया गैंगरेप के बाद कांग्रेस की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने महिलाओं के लिए हेल्पलाइन 181 की शुरुआत की, लेकिन नई सरकार के सत्ता में आते ही यहां के कर्मचारियों के सामने समय पर सैलरी न मिलने की समस्या उठ खड़ी हुई। दिल्ली सरकार के रवैये से परेशान होकर अब इसकी प्रभारी ने इस्तीफे की पेशकश कर दी है।
दिल्ली में पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए बनी हेल्पलाइन खुद के लिए हेल्पलेस है। सालभर से समय पर सैलरी नहीं मिल रही। बीते हफ्ते दो महीने की जगह एक महीने की सैलरी मिली। महिला हेल्पलाइन 181 की प्रभारी खदीजा फारूकी ने बताया कि सरकार समझती है कि मैं किसी पॉलिटिकल पार्टी से जुड़ी हूं इसलिए वह परेशान कर रही है, लेकिन मैं महिला के मुद्दे पर काम करने वाली समाजसेवी हूं। सवाल सिर्फ मेरी समस्याओं का नहीं। पूरे विभाग की सैलरी का है।
सरकार के रवैये से परेशान होकर 21 कर्मचारियों में से तीन पहले ही इस्तीफा दे चुकी हैं। इस हेल्पलाइन के जरिए बीते तीन सालों में करीब 74 हजार FIR दर्ज करवाई गई। दूसरे राज्यों के 350 मामलों को सुलझाया गया। दुबई तक से लड़की को छुड़ाया गया। लेकिन सरकार ने फोन लाइनें कम कर दीं, लिहाजा रोजाना आने वाली तकरीबन 3000 कॉल्स सिमट कर 1000 तक पहुंच गईं। इस पूरे मसले पर महिला और बाल विकास मंत्री संदीप कुमार का कहना है कि 181 को बेहतर करने की कोशिश चल रही है और इसको महिला आयोग को सौंप रहे हैं। सैलरी की समस्या की बात मेरी जानकारी में नहीं..अगर ऐसा है तो बकाया पैसा हम दे देंगे।
जब सिस्टम पर सियासत हावी होती है तो खमियाजा पब्लिक भुगतती है। पहले मिसाल के तौर पर एमसीडी और दिल्ली सरकार का टकराव दिखा और अब महिला हेल्पलाइन की हालत भी उसी खींचतान में फंसी दिखती है जब सरकार बदलते ही कोई हेल्पलाइन हेल्पलेस हो जाती है।
दिल्ली में पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए बनी हेल्पलाइन खुद के लिए हेल्पलेस है। सालभर से समय पर सैलरी नहीं मिल रही। बीते हफ्ते दो महीने की जगह एक महीने की सैलरी मिली। महिला हेल्पलाइन 181 की प्रभारी खदीजा फारूकी ने बताया कि सरकार समझती है कि मैं किसी पॉलिटिकल पार्टी से जुड़ी हूं इसलिए वह परेशान कर रही है, लेकिन मैं महिला के मुद्दे पर काम करने वाली समाजसेवी हूं। सवाल सिर्फ मेरी समस्याओं का नहीं। पूरे विभाग की सैलरी का है।
सरकार के रवैये से परेशान होकर 21 कर्मचारियों में से तीन पहले ही इस्तीफा दे चुकी हैं। इस हेल्पलाइन के जरिए बीते तीन सालों में करीब 74 हजार FIR दर्ज करवाई गई। दूसरे राज्यों के 350 मामलों को सुलझाया गया। दुबई तक से लड़की को छुड़ाया गया। लेकिन सरकार ने फोन लाइनें कम कर दीं, लिहाजा रोजाना आने वाली तकरीबन 3000 कॉल्स सिमट कर 1000 तक पहुंच गईं। इस पूरे मसले पर महिला और बाल विकास मंत्री संदीप कुमार का कहना है कि 181 को बेहतर करने की कोशिश चल रही है और इसको महिला आयोग को सौंप रहे हैं। सैलरी की समस्या की बात मेरी जानकारी में नहीं..अगर ऐसा है तो बकाया पैसा हम दे देंगे।
जब सिस्टम पर सियासत हावी होती है तो खमियाजा पब्लिक भुगतती है। पहले मिसाल के तौर पर एमसीडी और दिल्ली सरकार का टकराव दिखा और अब महिला हेल्पलाइन की हालत भी उसी खींचतान में फंसी दिखती है जब सरकार बदलते ही कोई हेल्पलाइन हेल्पलेस हो जाती है।
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