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VIDEO: जहां जलती थीं चिताएं, वहां सैलाब... अपनों को आखिरी विदाई देना मुश्किल, देखें निगम बोध घाट का हाल

निगमबोध घाट लाल किले के पीछे रिंग रोड पर मौजूद है. यहां पर 42 दाह स्थल हैं. यह शहर का सबसे पुराना, सबसे बड़ा और सबसे व्यस्त श्मशान घाट है. यहां औसतन हर दिन 55 से 60 दाह संस्कार होते हैं. यमुना का पानी घुसने से व्यवस्थाएं ठप हो गई हैं. 

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दिल्ली के निगम बोध घाट में भरा यमुना का पानी.
  • दिल्ली के निगमबोध घाट में यमुना नदी का पानी भरने से दाह संस्कार अस्थायी रूप से रोक दिया गया है.
  • निगमबोध घाट में लगभग दो फुट की दीवार ढहने से यमुना का बाढ़ का पानी घाट परिसर में घुस गया है.
  • निगमबोध घाट पर औसतन हर दिन पचपन से साठ दाह संस्कार होते हैं, जो बाढ़ के कारण ठप हो गए हैं
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नई दिल्ली:

यमुना मैया इन दिनों रौद्र रूप दिखा रही हैं. क्या दिल्ली और क्या आगरा, हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है. दिल्ली में बाढ़ जैसे हालात (Delhi Yamuna Flood) पैदा हो गए हैं. निचले इलाकों में पानी भर गया है. सिर्फ रिहायशी इलाके ही नहीं श्मशान घाटों का हाल भी बहुत बुरा है. यहां दाह संस्कार नहीं हो पा रहा है. श्मशान के क्या हालात हैं ये दिल्ली के निगम बोध घाट का हाल देखकर समझा जा सकता है. निगमबोध घाट (Nigambodh Ghat Flood) में यमुना का पानी भर गया है, जिसकी वजह से लोगों से अन्य श्मशान घाटों पर जाने की अपील की जा रही है. 

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निगमबोध घाट में बाढ़, नहीं हो रहा अंतिम संस्कार

दिल्ली के सबसे पुराने और व्यस्ततम श्मशान घाट निगमबोध घाट में यमुना का पानी घुसने से लोगों को बहुत दिक्कत हो रही है. क्यों कि पानी की वजह से वहां दाह संस्कार अस्थायी रूप से रोक दिया गया है. दिल्ली नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार को दोपहर में शवदाह गृह में दाह संस्कार रोक दिया गया था. केवल सुबह शुरू हुई अंत्येष्टि ही पूरी कराई गईं.

निगमबोध घाट लाल किले के पीछे रिंग रोड पर मौजूद है. यहां पर 42 दाह स्थल हैं. यह शहर का सबसे पुराना, सबसे बड़ा और सबसे व्यस्त श्मशान घाट है. यहां औसतन हर दिन 55 से 60 दाह संस्कार होते हैं. यमुना का पानी घुसने से व्यवस्थाएं ठप हो गई हैं. 

दीवार ढहने की वजह से घुसा यमुना का पानी

घाट पर मौजूद एक प्रबंधन अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया,"पहले परिसर में केवल बारिश का पानी ही घुसा था, लेकिन करीब सात से आठ फुट ऊंची एक दीवार ऊपर से क्षतिग्रस्त हो गई और उसका करीब दो फुट हिस्सा ढ़ह गया, जिससे यमुना का पानी अंदर आने लगा."

उन्होंने बताया कि घाट बुधवार को दोपहर ढाई बजे तक चालू था. उसके बाद कोई और दाह संस्कार नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि जो कोई भी अब श्मशान घाट की सेवाओं का उपयोग करना चाहता है, उसे किसी अन्य श्मशान घाट जाने का अनुरोध किया जाएगा.  दिन में पहले घाट परिसर में सिर्फ बारिश का ही पानी मौजूद था, लेकिन बुधवार दोपहर ढाई बजे के बाद यमुना का बाढ़ का पानी श्मशान घाट में घुसने लगा. 

इन श्मशान घाटों में भी भरा पानी

वजीराबाद और गीता कॉलोनी के श्मशान घाट में भी पानी भर गया है.लोगों से पंजाबी बाग श्मशान घाट जाने को कहा जा रहा है. यमुना नदी के उफान की वजह से अक्षर धाम और मयूर विहार इलाके में भी पानी घुस गया है.

बता दें कि निगमबोध घाट पर 1950 के दशक में एक विद्युत शवदाह गृह बनाया गया था. साल 2006 में नगर निगम ने यहां  सीएनजी से चलने वाला एक शवदाह गृह भी बना दिया. बाढ़ के पानी की वजह से यहां पर सभी व्यवस्थाएं ठप हो गई हैं. बता दें कि दिल्ली में यमुना नदी मंगलवार को खतरे के निशान को पार कर गई, क्योंकि जल स्तर 206.03 मीटर दर्ज किया गया था, जो तब से बढ़ता ही जा रहा है. 

इनपुट- भाषा के साथ

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