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This Article is From Jul 13, 2021

दिल्‍ली: 'आप' और हरियाणा सरकार के आरोप-प्रत्‍यारोप के बीच बूंद-बूंद पानी को तरसी दिल्‍ली, कई जगह15 दिन से सप्‍लाई नहीं

दिल्ली में पानी की ज़बरदस्त समस्या है. हालात यहां तक है कि लोग ख़रीदकर पानी पी रहे हैं. कई इलाकों में 15 दिन से पानी नहीं आया है.

दिल्‍ली शहर इस समय भारी जल संकट का सामना कर रहा है (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

Water crisis in Delhi: देश की राजधानी दिल्ली में मंगलवार सुबह बारिश हुई जिससे गर्मी से राहत तो ज़रूर मिली है लेकिन पिछले लगभग एक माह से पानी की समस्या (Water crisis in Delhi) से जूझ रही इस महानगर को राहत नहीं मिल रही है, दिल्ली सरकार का आरोप है कि हरियाणा सरकार, उसे पानी नहीं दे रहा जबकि हरियाणा सरकार (Haryana Government) का कहना है कि Delhi सरकार के ख़राब प्रबंधन की वजह से पानी की समस्या है. दोनों ओर के इस आरोप-प्रत्‍यारोप के बीच मुश्किलों का सामना आम दिल्ली वालों को हो रहा है. Delhi  में पानी की ज़बरदस्त समस्या है. हालात यहां तक है कि लोग ख़रीदकर पानी पी रहे हैं. कई इलाकों में 15 दिन से पानी नहीं आया है. यमुना नदी में जलस्‍तर बेहद कम है और दिल्ली सरकार (Delhi Government) का आरोप है कि हरियाणा से पानी नहीं मिल रहा, इसके कारण पानी को लेकर हालात बिगड़ते जा रहे हैं.

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दिल्ली जल बोर्ड के वाइस चेयरमैन राघव चड्ढा ने सोमवार को प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर आरोप लगाया था कि   हरियाणा सरकार ने यमुना नदी द्वारा दिल्ली भेजे जाने वाले पानी में कटौती की है. उन्‍होंने कहा था कि कोरोना काल में पानी बेहद महत्वपूर्ण है. दिल्ली पानी के लिए पड़ोसी राज्यों पर निर्भर रहती है. आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक चड्ढा ने कहा था, "आज दिल्ली पर जल संकट मंडरा रहा है, जिसका ज़िम्मेदार हरियाणा है. हरियाणा ने यमुना नदी से दिल्ली आने वाले पानी में भारी कटौती कर दी है. दिल्ली में 100 MGD (मिलियन गैलन प्रति दिन) पानी का प्रोडक्शन कम हो गया है. दिल्ली में पानी का कुल प्रोडक्शन 920 MGD होती था, जो रिकॉर्ड 945 MGD तक पहुंच गयी थी. हरियाणा की खट्टर सरकार दिल्ली में पानी के संकट के लिए ज़िम्मेदार है.

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उन्‍होंने कहा था कि चंद्रवाल वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट(WTP) में प्रोडक्शन 90 MGD से घटकर 55 MGD रह गया है. वज़ीराबाद WTP में उत्पादन 135 से घटकर 80 MGD और ओखला WTP में 20 से घटकर 15 MGD रह गया है. हरियाणा सरकार के निकम्मेपन की वजह से नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन से लेकर, अंतरराष्ट्रीय दूतावास और सेंट्रल दिल्ली, वेस्ट दिल्ली में पानी की सप्लाई बाधित हुई है. हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय पानी दिल्ली को नहीं दे रही है. 

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