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This Article is From Apr 15, 2016

घर से निकलते समय ध्यान रखें, आज सड़क पर सिर्फ ऑड

घर से निकलते समय ध्यान रखें, आज सड़क पर सिर्फ ऑड
फाइल फोटो...
नई दिल्‍ली: दिल्‍ली में आज से सम-विषम योजना का दूसरा चरण शुरू हो गया है, जिसके लिए दिल्‍ली सरकार ने पूरी तरह कमर कसी हुई है। योजना के तहत अगले 15 दिनों तक रोजाना सड़कों पर 2,000 यातायात कर्मी, 580 प्रवर्तन अधिकारी एवं 5,000 से अधिक नागरिक रक्षा स्वयंसेवक तैनात किए जाएंगे।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसे लेकर ट्वीट भी किया है...
 
'ऑड-इवन के लिए प्रवर्तन योजना तैयार'
परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा, 'एक प्रवर्तन योजना तैयार की गई है, जिसके अंतर्गत राजधानी को योजना के क्रियान्वयन के लिए 11 क्षेत्रों में बांटा गया है। हर क्षेत्र में 10 उपक्षेत्र होंगे। हर उपक्षेत्र में एक सचल प्रवर्तन दल काम करेगा।' राय ने बताया, 'दिल्ली परिवहन विभाग की प्रवर्तन शाखा के 588 अधिकारी इस योजना के दौरान विभिन्न दलों में बांटकर तैनात किए जाएंगे। सचल दल से आने वाले मामलों पर गौर करने के लिए 20 सदस्यीय विशेष कार्यबल बनाया गया है।' राय ने बताया कि 'प्रवर्तन टीमों के पास 10 सूत्रीय चार्ट हैं, जिसमें आईएसबीटी, रेलवे स्टेशनों, स्वास्थ्य संस्थानों, बड़े चौराहों, आईजीआई हवाई अड्डे के आसपास के क्षेत्र एवं भीड़भाड़ वाले भवन शामिल हैं।'

ट्रैफ़िक पुलिस के दो हजार अधिकारी रोजाना सड़कों पर रहेंगे तैनात
दिल्ली यातायात पुलिस के 2,000 अधिकारी सड़कों पर रोजाना तैनात किए जाएंगे। यातायात विभाग ने शहर में 200 ऐसे चौराहों की पहचान की, जहां उनके कर्मी टीमों में तैनात किए जाएंगे। वैसे टीम का आकार उन चौराहों पर यातायात की संख्‍या के आधार पर तय होगा।

भारत में 2020 से षष्ठम उत्सर्जन मापदंड होगा लागू- जावड़ेकर
इसी बीच एक कार्यक्रम के मौके पर वायू प्रदूषण का जिक्र करते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने कहा कि भारत षष्ठम उत्सर्जन मापदंड के लागू होने से 2020 तक प्रदूषण 90 फीसदी कम हो जाएगी। उन्होंने मीडिया से कहा, 'सरकार ने भारत षष्ठम उत्सर्जन मापदंड शुरू करने की तारीख 2024 से घटाकर 2020 करने का फैसला किया है। तब केवल भारत षष्ठम वाले वाहनों को भी सड़कों पर चलने की इजाजत होगी। इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। इससे वायु प्रदूषण 90 फीसदी घट जाएगा।' उन्होंने सम-विषम योजना के दूसरे चरण की ओर इशारा करते हुए कहा, 'तबतक के लिए सभी राज्य अपने उपाय एवं नीतियां लागू करने के लिए स्वतंत्र हैं।'

स्‍कूली बच्‍चों के लिए दिल्‍ली सरकार नहीं ढूंढ पाई हल
वहीं, राय ने कहा कि सरकार इस योजना के दौरान स्कूल के बाद बच्चों को लाने जा रही कार की समस्या का हल ढूढ नहीं पाई है। जिन कारों में स्कूली वर्दी में बच्चे जा रहे हैं, उन्हें सम विषम से छूट है। लेकिन अभिभावकों ने उन्हें स्कूल से वापस लाने जा रही कारों को लेकर आशंका प्रकट की है। सरकार द्वारा हाल ही में कराए गए एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए राय ने कहा कि जब स्कूल से बच्चों को लाने की बात आती है तो देखा गया कि 85 फीसदी महिलाएं ही ड्राइवर होती है जिन्हें इस योजना के तहत छूट प्राप्त है। बाकी लोग कार पुलिंग कर सकते हैं।

जब उनसे पूछा गया ऐसी कारों के लिए सीएनजी स्टीकर या प्रमाणन जैसी व्यवस्था क्यों नहीं की जा सकती तो राय ने कहा कि ऐसे काम की निगरानी फिलहाल संभव नहीं है। (इनपुट भाषा से भी)

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