
- दिल्ली के अलीपुर फ्लाईओवर का एक बड़ा हिस्सा धंस गया
- NH 44 पर फ्लाईओवर को यातायात के लिए बंद कर ट्रैफिक डाइवर्ट
- दिल्ली के कई इलाकों में यमुना का पानी भर गया है, जिससे कई रास्ते बंद है
दिल्ली में बाढ़ के बीच अलीपुर फ्लाईओवर पर गुरुवार सुबह बड़ा हादसा होते होते बचा. यहां NH 44 पर अलीपुर के पास फ्लाईओवर का बड़ा हिस्सा धंस गया. एक ऑटो वाले का अगला हिस्सा गड्ढे में फंस गया और उसे चोटें आई हैं. ऑटो ड्राइवर को हरिश्चंद्र हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. पुलिस ने फ्लाईओवर को यातायात के लिए बंद कर ट्रैफिक डाइवर्ट किया है. मुश्किल ये है कि NH 44 बेहद व्यस्त सड़क है, ऐसे में थोड़े बाद का समय होता तो हादसा बड़ा हो सकता था.
अलीपुर में NH-44 फ्लाईओवर धंसा, ऑटो फंसा
— NDTV India (@ndtvindia) September 4, 2025
दिल्ली के अलीपुर में NH-44 पर फ्लाईओवर का हिस्सा धंसने से एक ऑटो गड्ढे में फंस गया. ड्राइवर को अस्पताल में भर्ती कराया गया. ट्रैफिक पुलिस ने मार्ग किया डाइवर्ट.#delhi | #video pic.twitter.com/teElr8NykH
दिल्ली में उफान पर यमुना, कई रास्तों पर जाने से बचे
ऐसे में दिल्ली के उस रास्ते पर जाने वाले यात्रियों को असुविधा का सामना कर पड़ सकता है. इसलिए जरूरी है कि घरों से बाहर निकलने से पहले दिल्ली पुलिस की ट्रैफिक एडवाइजरी जरूर देखें, ताकि आपको किसी तरह की असुविधा का सामना ना करना पड़े. दिल्ली के पुराने रेलवे पुल पर यमुना नदी का जलस्तर सुबह सात बजे 207.48 मीटर था, जबकि उफनती यमुना नदी का पानी आस-पास के इलाकों में लगातार भर रहा है.
क्यों डरा रही दिल्ली में उफनती यमुना
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सुबह छह बजे से सात बजे के बीच जलस्तर 207.48 मीटर पर बना रहा. सुबह पांच बजे जलस्तर 207.47 मीटर था, जबकि सुबह छह बजे यह 207.48 मीटर पर था. अधिकारियों के अनुसार, देर रात दो बजे से सुबह पांच बजे के बीच जलस्तर 207.47 मीटर पर स्थिर रहा. बाढ़ का पानी दिल्ली सचिवालय के पास पहुंच गया, जहां मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्रियों और प्रमुख नौकरशाहों के कार्यालय हैं. वासुदेव घाट के आसपास के इलाकों में भी पानी भर गया है.
कश्मीरी गेट के पास पहुंचा यमुना का पानी
कश्मीरी गेट के पास श्री मरघट वाले हनुमान बाबा मंदिर तक भी बाढ़ का पानी पहुंच गया है. बुधवार शाम जारी बाढ़ नियंत्रण बुलेटिन में कहा गया है कि सुबह आठ बजे पुराने रेलवे पुल का जलस्तर 207.48 मीटर होगा और उसके बाद इसमें गिरावट आने की संभावना है. पुराना रेलवे पुल नदी के प्रवाह और संभावित बाढ़ के खतरों पर नजर रखने के लिए एक प्रमुख प्वाइंट के रूप में कार्य करता है.
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