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दिल्ली में प्रदूषण के आंकड़ों पर उठ रहे सवाल, एक ही जगह के AQI में इतना अंतर कैसे?  

क्लाउड सीडिंग से लेकर हाई राइज़ बिल्डिंग्स पर स्प्रिंकलर गन लगाने तक को कहा गया है लेकिन उसके बावजूद दिल्ली में प्रदूषण कम नहीं हो रहा है.

दिल्ली में प्रदूषण के आंकड़ों पर उठ रहे सवाल, एक ही जगह के AQI में इतना अंतर कैसे?  
दिल्ली में प्रदूषण ने बढ़ाई समस्या
नई दिल्ली:

दिल्ली इन दिनों प्रदूषण की समस्या से दो-चार हो रहा है. शहर की दम घोंटू हवा सभी को बेहद परेशान कर रही है. लेकिन बढ़ते प्रदूषण के बीच प्रदूषण को लेकर जिस तरह के आंकड़े सामने आ रहे हैं वो बेहद चौकाने वाले हैं. दरअसल, दिल्ली में एक ही जगह के सरकारी और गैरसरकारी AQI (हवा की गुणवत्ता) आंकड़े में भारी अंतर दिख रहा है. सरकारी आंकड़ों में AQI न सिर्फ़ कम दिखाया जा रहा है बल्कि DPCC की वेबसाइट पर अगर आप आर के पुरम का AQI देखना चाहेंगे तो पुषा का AQI दिखाएगा. DPCC के वेबसाइट पर AQI कम दिखने से GRAP-2 को लागू किया गया है जबकि ग़ैर सरकारी आंकड़ों के हिसाब से दिल्ली में अब तक GRAP-4 लग जाना चाहिए. पर्यावरण मामलों के जानकार अनिल सूद ने बताया कि दिल्ली के अंदर AQI मैंपने के लिए 31 जगहों पर मॉनिटरिंग सेंटर बनाए गए हैं लेकिन इसके लगाने के लिए मापदंड हैं.

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मसलन,  जहां से मॉनिटरिंग सेंटर बनाया जाए वहां कोई रुकावट न हो..साथ ही एक ऊंचाई पर ये लगा होना चाहिए. दिल्ली जैसे बड़े राजधानी क्षेत्र में केवल 31 मॉनिटरिंग सेंटर से क्या होगा. चेतना संस्था के अध्यक्ष अनिल सूद कहते हैं कि दिल्ली में सबसे ज्यादा प्रदूषण एयरपोर्ट के आसपास होता है खुद 2019 से 2022 के DPCC के आंकड़े मौजूद हैं लेकिन जब RTI लगाकर 2022 से 25 तक के आंकड़े मांगे तो बताया गया कि ये सेंटर बंद कर दिया गया है.

खुद एनडीटीवी इंडिया ने जब इसका रियलिटी चेक किया तो पता लगा कि सरकारी और गैरसरकारी AQI के आंकड़ों में अंतर क्यों है ? मसलन आनंद विहार में DPCC के मुताबिक 11 बजे का AQI-413 था जबकि गैरसरकारी IQ Air 673 है इसी तरह DPCC के मुताबिक RK puram का AQI 368 है IQ Air के मुताबिक 416 है. IQ Air आँकड़ों के मुताबिक अब तक GRAP-4 लग जाना चाहिए.

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क्लाउड सीडिंग से लेकर हाई राइज़ बिल्डिंग्स पर स्प्रिंकलर गन लगाने तक को कहा गया है लेकिन उसके बावजूद दिल्ली में प्रदूषण कम नहीं हो रहा है.लेकिन अनिल सूद कहते हैं कि प्रदूषण कम करने का स्थाई समाधान केवल ग्रीन ज़ोन बढ़ाना हो सकता है.जब तक दिल्ली में हरियाली नहीं बढ़ेगी तब तक प्रदूषण बड़ी समस्या रहेगी. सरकार ने एक नवंबर से BS-3 से चलने वाली कामार्शियल गाड़ियों पर भी पाबंदी लगा दी है.

दिल्ली के पर्यायवरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा कहते हैं कि बीते सात महीनों में सरकार ने प्रदूषण को कम करने के लिए हाईराइज बिल्डिंग्स पर स्प्रिंकलर लगाने को आवश्यक किया है कई जगहों पर स्प्रिंकलर लगाया गया है पाँच सौ फैक्ट्रियों के ईकाईयों को भी इसके दायरे में लाया जाएगा.

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