साइबर अपराधियों की अब खैर नहीं. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि ऐसे अपराधों पर नकेल कसने के लिए दिल्ली पुलिस ने तैयारी पूरी कर ली है. दरअसल, अब ₹1 लाख से ज़्यादा की साइबर ठगी के मामलों में E-FIR अपने आप दर्ज होगी. पहले केवल ₹10 लाख से ज़्यादा की ठगी पर E-FIR बनती थी, अब सीमा घटाकर ₹1 लाख कर दी गई है. नई व्यवस्था 1 नवंबर 2025 से लागू होगी. गृह मंत्रालय के Indian Cyber Crime Coordination Centre (I4C) ने नया e-zero FIR सिस्टम शुरू किया है.
यह सिस्टम 16 मई 2025 को शुरू हुआ था और अब दिल्ली में इसे पूरी तरह लागू किया जा रहा है. अब ₹1 लाख से ज़्यादा की साइबर ठगी के मामलों में E-FIR अपने आप दर्ज होगी. पहले केवल ₹10 लाख से ज़्यादा की ठगी पर E-FIR बनती थी, अब सीमा घटाकर ₹1 लाख कर दी गई है. नई व्यवस्था 1 नवंबर 2025 से लागू होगी.
साइबर ठगी के पीड़ित 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकते हैं या वेबसाइट https://cybercrime.gov.in पर जाकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं.
- ₹25 लाख तक की ठगी के मामले जिला साइबर पुलिस स्टेशन देखेंगे.
- ₹25 से ₹50 लाख तक के केस क्राइम ब्रांच साइबर सेल देखेगी.
- ₹50 लाख से ज़्यादा के केस स्पेशल सेल (IFSO यूनिट) जांचेगी.
शिकायत मिलने के बाद पोर्टल अपने आप E-FIR जनरेट करेगा और संबंधित थाने को भेज देगा. FIR बनने के बाद जांच अधिकारी तुरंत जरूरी कार्रवाई जैसे खाते सीज करना, CCTV फुटेज और कॉल डिटेल्स इकट्ठा करना शुरू करेगा. जिसके बाद शिकायतकर्ता को FIR दर्ज होने के बाद तुरंत सूचना दी जाएगी और 72 घंटे के अंदर थाने जाकर हस्ताक्षर करने होंगे. अगर शिकायतकर्ता 72 घंटे के भीतर थाने नहीं पहुंचता तो FIR बंद की जा सकती है. फिलहाल ₹1 लाख से कम के मामलों की शिकायतें स्वतः E-FIR में नहीं बदलेंगी, बल्कि सामान्य FIR की तरह दर्ज होंगी. दिल्ली के हर थाने में Integrated Help Desk (IHD) बनाया गया है जहां साइबर शिकायतें दर्ज होंगी.
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