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समंदर की गहराई में अब दुश्मन की खैर नहीं, भारतीय नौसेना का ‘रोमियो’ बना काल, PAK-चीन को मिर्ची लगना तय

चीन खुद को हिंद महासागर का ‘गार्डियन’ बताता है और भारत पर दबाव बनाए रखने की रणनीति पर काम करता है. लेकिन अब रोमियो हेलीकॉप्टरों की तैनाती के बाद चीन के जहाज और पनडुब्बियां भारत से जितनी दूर रहें, उतना ही बेहतर होगा.

समंदर की गहराई में अब दुश्मन की खैर नहीं, भारतीय नौसेना का ‘रोमियो’ बना काल, PAK-चीन को मिर्ची लगना तय
  • भारतीय नौसेना ने गोवा स्थित INS हंसा में MH-60R ‘रोमियो' हेलीकॉप्टरों की दूसरी स्क्वाड्रन को कमीशन किया है.
  • MH-60R हेलीकॉप्टर उन्नत हथियार प्रणाली, सोनार, रडार और सेल्फ डिफेंस तकनीक से लैस एक मल्टी-मिशन प्लेटफॉर्म है.
  • इस हेलीकॉप्टर की सहायता से हिंद महासागर में भारत की पनडुब्बी रोधी और समुद्री निगरानी क्षमता कई गुना बढ़ गई है.
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समंदर की गहराइयों में छिपकर घूम रही दुश्मन की पनडुब्बियों के लिए अब बच पाना आसान नहीं होगा. वजह है भारतीय नौसेना का सबसे घातक हथियार. MH-60R ‘रोमियो' हेलीकॉप्टर. बीते दिनों हिंद महासागर में चीन के वॉरशिप्स और सबमरीन की बढ़ती मौजूदगी ने चिंता बढ़ाई थी. चीन खुद को हिंद महासागर का ‘गार्डियन' बताता है और भारत पर दबाव बनाए रखने की रणनीति पर काम करता है. लेकिन अब रोमियो हेलीकॉप्टरों की तैनाती के बाद चीन के जहाज और पनडुब्बियां भारत से जितनी दूर रहें, उतना ही बेहतर होगा.

भारतीय नौसेना ने गोवा स्थित आईएनएस हंसा (INS Hansa) में MH-60R हेलीकॉप्टरों की दूसरी स्क्वाड्रन को कमीशन कर दिया है. इस अहम कार्यक्रम में नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी मौजूद रहे. दूसरी स्क्वाड्रन के शामिल होते ही हिंद महासागर में भारत की निगरानी और पनडुब्बी रोधी क्षमता कई गुना बढ़ गई है. 

क्यों खास है MH-60R ‘रोमियो'?

MH-60R को दुनिया के सबसे आधुनिक नौसैनिक हेलीकॉप्टरों में गिना जाता है. यह एक मल्टी-मिशन प्लेटफॉर्म है, जो एक साथ कई तरह के ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है.

उन्नत हथियार प्रणाली

हेलफायर मिसाइलें

मार्क-54 टॉरपीडो

रॉकेट और मशीन गन

सेंसर और सोनार क्षमता

अत्याधुनिक डिपिंग सोनार

सोनोबॉय लॉन्च सिस्टम

मल्टी-मोड रडार, जो गहरे समुद्र में दुश्मन की पनडुब्बी तक पकड़ लेता है.

सेल्फ डिफेंस तकनीक

इंफ्रारेड डिवाइस

चैफ-फ्लेयर सिस्टम

खतरा महसूस होते ही ये सिस्टम ऑटोमैटिक एक्टिवेट हो जाते हैं.

ऑपरेशन में पूरी आजादी

विध्वंसक जहाजों, फ्रिगेट और एयरक्राफ्ट कैरियर

INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत से टेक-ऑफ और लैंडिंग

समुद्र और तट:दोनों जगह पूरी पकड़

मल्टी-परपज ताकत

पनडुब्बी रोधी युद्ध

दुश्मन जहाजों पर हमला

समुद्री निगरानी

खोज और बचाव अभियान

आधुनिक खतरों से निपटने की क्षमता

तकनीकी ताकत भी कम नहीं

अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित यह हेलीकॉप्टर 64 फीट 10 इंच लंबा है. इसकी ऊंचाई 17 फीट है. इसका खाली वजन ही 6,880 किलोग्राम है. वहीं हथियारों के साथ उड़ान के समय इसका वजन 10,659 किलोग्राम है. इसकी अधिकतम स्पीड 260 किमी प्रति घंटा रहेगी. 

24 रोमियो, 7,995 करोड़ का करार

बताते चलें कि भारत और अमेरिका के बीच 7,995 करोड़ रुपये का समझौता हुआ है, जिसके तहत कुल 24 MH-60R हेलीकॉप्टर, स्पेयर पार्ट्स, तकनीकी सहयोग, प्रशिक्षण, भारत में मरम्मत की सुविधा रहेगी. कई हेलीकॉप्टर पहले ही भारत पहुंच चुके हैं और अब इन्हें नौसेना के बड़े युद्धपोतों पर तैनात किया जा रहा है.

हिंद महासागर में भारत की पकड़ और मजबूत

दूसरी स्क्वाड्रन के शामिल होने से भारतीय नौसेना की तैयारी, निगरानी और जवाबी क्षमता को नई धार मिल गई है. साफ है कि अब हिंद महासागर में भारत की अनुमति के बिना दुश्मन की हरकतें आसान नहीं होंगी.

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