- दिल्ली पुलिस ने एक गिरोह का भंडाफोड़ किया जो एयरलाइन नौकरी के नाम पर लोगों से ठगी करता था
- आरोपियों ने फर्जी विज्ञापनों के जरिए पीड़ितों को नौकरी का झांसा देकर प्रोसेसिंग फीस समेत कई तरह से पैसे ऐंठे
- गिरोह ने देश भर में 40 से अधिक लोगों से दो हजार पांच सौ से पंद्रह हजार रुपये तक की ठगी की है
दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो एयरलाइन कंपनियों में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करता था. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में सात महिलाओं समेत 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस गिरोह के मास्टरमाइंड को भी गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है कि आरोपी कथित तौर पर पश्चिमी दिल्ली में एक अवैध कॉल सेंटर चला रहे थे. खुद को इंडिगो सहित प्रतिष्ठित एयरलाइनों के लिए भर्तीकर्ता बताते थे और रोजगार के अवसर प्रदान करने के बहाने नौकरी चाहने वालों को धोखा देते थे. ये गिरोह अभी तक देश भर में 40 से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना चुका है.
NDTV से बात करते हुए दक्षिण जिले के अतिरिक्त डीसीपी सुमित झा ने कहा कि आरोपियों ने OLX और अन्य नौकरी पोर्टलों पर फर्जी विज्ञापनों के माध्यम से पीड़ितों को अपने जाल में फंसाते थे. वे एयरलाइन अधिकारियों के रूप में टेलीफोनिक इंटरव्यू आयोजित करते थे और आवेदकों से "प्रोसेसिंग फीस", "वर्दी शुल्क" और "सेविंग एकाउंट खोलने" जैसे विभिन्न तरीकों के माध्यम से पैसे ऐंठते थे.
DCP सुमित झा ने आगे बताया कि पीड़ितों से कई चरणों में 2,500 रुपये से लेकर 15,000 रुपये तक की छोटी रकम की धोखाधड़ी की गई.इसी तरह की नौकरी घोटाले में 11,000 रुपये गंवाने वाले एक पीड़ित की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सुभाष नगर और तिलक नगर इलाकों में संदिग्धों का पता लगाया.
छापेमारी में गिरोह के मास्टरमाइंड विकास कुमार उर्फ विक्की (38) और उसके सहयोगी बलजीत सिंह (31) को गिरफ्तार किया गया, जो एक दूरसंचार कंपनी का कर्मचारी था, जिसने कथित तौर पर ग्राहकों के बायोमेट्रिक डेटा का उपयोग करके फर्जी सिम कार्ड जारी किए थे.
इसके बाद गणेश नगर, तिलक नगर में छापेमारी में सात महिला टेलीकॉलर्स को गिरफ्तार किया गया, जिनकी पहचान चरणजीत उर्फ चारू, शालिनी भारद्वाज, आरती कौर, पलवीन कौर, नंदिनी, पूजा गुप्ता और श्वेता उर्फ शिवानी सिंह के रूप में हुई. कथित तौर पर उन्हें नौकरी पोर्टल के माध्यम से काम पर रखा गया था और नौकरी चाहने वालों से संपर्क करने और उन्हें समझाने के लिए प्रति माह ₹15,000 का भुगतान किया गया था.
पुलिस ने उनके कब्जे से 22 मोबाइल फोन, एक डेस्कटॉप कंप्यूटर, 19 सिम कार्ड, कई बैंक खातों के क्यूआर कोड, एयरलाइन के नाम से मिलते-जुलते आठ यूपीआई आईडी और एक वाई-फाई राउटर बरामद किया. तकनीकी विश्लेषण से विभिन्न राज्यों से राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर आरोपियों से जुड़ी 40 से अधिक शिकायतें भी सामने आईं.
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