पार्टियों में इस्तेमाल होती है 'म्याऊं-म्याऊं' (प्रतीकात्मक फोटो)।
नई दिल्ली:
पुलिस की स्पेशल सेल ने इंटरनेशनल ड्रग सिंडिकेट को ध्वस्त कर 25 करोड़ से ज्यादा की 'म्याऊं-म्याऊं' पार्टी ड्रग पकड़ी है. पुलिस ने ड्रग सिंडिकेट से जुड़े आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
मुंबई के ड्रग माफिया की गिरफ्तारी के बाद पकड़े गए बाकी आरोपी
पुलिस के मुताबिक सबसे पहले 23 जुलाई को 'म्याऊं-म्याऊं' की खेप दिल्ली में लेने आए मुंबई के ड्रग माफिया फैजान सुपारीवाला को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में फैजान ने खुलासा किया कि दिल्ली के चितरंजन पार्क में रहने वाला सुरेन्द्र लांबा ड्रग सप्लायर है. इसके बाद सुरेन्द्र लांबा समेत दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से आठ लोगों को गिरफ्तार कर करीब 14 किलो म्याऊं-म्याऊं ड्रग्स बरामद की गई. अन्य आरोपियों के नाम ऋषि, गुड्डू, संजय खन्ना, मनोज और दीपक हैं.
नशे के दुनिया में 'म्याऊं-म्याऊं' की काफी मांग
स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव यादव के मुताबिक यह ड्रग्स ज्यादातर खाड़ी देशों में इस्तेमाल होती है. यह ड्रग अब दिल्ली और मुंबई की पर्टियों में इस्तेमाल होने लगी है. यह ड्रग असल में मेफेड्रोन नाम का एक पाउडर है जिसकी आजकल नशे की दुनिया में सबसे ज्यादा डिमांड में है.
अफगानी आरोपी ने बनाया था नेटवर्क
गिरफ्तार लोगों में एक अफगानी है जो अब भारत में ही रहकर मुंबई से आगे का नेटवर्क बना रहा था. यह ड्रग मुंबई से दुबई होते हुए लंदन जाकर इंग्लैंड के अन्य शहरों और स्पेन में भेजी जाती है. पुलिस को शक है कि इसे फैलाने में अंडरवर्ल्ड का भी हाथ हो सकता है क्योंकि इस पूरे गिरोह के पीछे कैलाश नाम का एक शख्स है जो दुबई से इस पूरे ड्रग के कारोबार को चला रहा है.
कस्टम विभाग के इंस्पेक्टर की तलाश
इस मामले में पुलिस दिल्ली में कस्टम विभाग में तैनात एक इंस्पेक्टर की तलाश कर रही है जो कई दिनों से अपने दफ्तर और घर से गायब है. पुलिस की गिरफ्त में आए महेन्द्र राणा ने खुलासा किया है कि उसके पास से बरामद 9 किलो ड्रग्स उसने इसी कस्टम इंस्पेक्टर से ही ली थी. 'म्याऊं-म्याऊं' इस नशे का कोडवर्ड नाम है. नशे की दुनिया में एक ग्राम म्याऊं-म्याऊं की कीमत 5000 से 15000 रुपये तक है. पहले यह पाउडर मिलना आसान था लेकिन फरवरी 2015 में ही यह ड्रग एनडीपीएस एक्ट में नोटिफाई की गई है. मेफेड्रोन का इस्तेमाल आम तौर पर कई दवाओं में होता है.
मुंबई के ड्रग माफिया की गिरफ्तारी के बाद पकड़े गए बाकी आरोपी
पुलिस के मुताबिक सबसे पहले 23 जुलाई को 'म्याऊं-म्याऊं' की खेप दिल्ली में लेने आए मुंबई के ड्रग माफिया फैजान सुपारीवाला को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में फैजान ने खुलासा किया कि दिल्ली के चितरंजन पार्क में रहने वाला सुरेन्द्र लांबा ड्रग सप्लायर है. इसके बाद सुरेन्द्र लांबा समेत दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से आठ लोगों को गिरफ्तार कर करीब 14 किलो म्याऊं-म्याऊं ड्रग्स बरामद की गई. अन्य आरोपियों के नाम ऋषि, गुड्डू, संजय खन्ना, मनोज और दीपक हैं.
नशे के दुनिया में 'म्याऊं-म्याऊं' की काफी मांग
स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव यादव के मुताबिक यह ड्रग्स ज्यादातर खाड़ी देशों में इस्तेमाल होती है. यह ड्रग अब दिल्ली और मुंबई की पर्टियों में इस्तेमाल होने लगी है. यह ड्रग असल में मेफेड्रोन नाम का एक पाउडर है जिसकी आजकल नशे की दुनिया में सबसे ज्यादा डिमांड में है.
अफगानी आरोपी ने बनाया था नेटवर्क
गिरफ्तार लोगों में एक अफगानी है जो अब भारत में ही रहकर मुंबई से आगे का नेटवर्क बना रहा था. यह ड्रग मुंबई से दुबई होते हुए लंदन जाकर इंग्लैंड के अन्य शहरों और स्पेन में भेजी जाती है. पुलिस को शक है कि इसे फैलाने में अंडरवर्ल्ड का भी हाथ हो सकता है क्योंकि इस पूरे गिरोह के पीछे कैलाश नाम का एक शख्स है जो दुबई से इस पूरे ड्रग के कारोबार को चला रहा है.
कस्टम विभाग के इंस्पेक्टर की तलाश
इस मामले में पुलिस दिल्ली में कस्टम विभाग में तैनात एक इंस्पेक्टर की तलाश कर रही है जो कई दिनों से अपने दफ्तर और घर से गायब है. पुलिस की गिरफ्त में आए महेन्द्र राणा ने खुलासा किया है कि उसके पास से बरामद 9 किलो ड्रग्स उसने इसी कस्टम इंस्पेक्टर से ही ली थी. 'म्याऊं-म्याऊं' इस नशे का कोडवर्ड नाम है. नशे की दुनिया में एक ग्राम म्याऊं-म्याऊं की कीमत 5000 से 15000 रुपये तक है. पहले यह पाउडर मिलना आसान था लेकिन फरवरी 2015 में ही यह ड्रग एनडीपीएस एक्ट में नोटिफाई की गई है. मेफेड्रोन का इस्तेमाल आम तौर पर कई दवाओं में होता है.
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