प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
तीसरे चरण का निर्माण कार्य पूरा होने के साथ दिल्ली मेट्रो मार्च, 2018 तक दो लाख अतिरिक्त यात्रियों को मेट्रो सुविधा मुहैया कराने के लिए करीब-करीब तैयार है. इसके अलावा दिल्ली मेट्रो रेल नेटवर्क में पिंक एवं मैजेंटा लाइनें पूरी होने पर दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) 186 नए कोच ट्रैक पर उतारेगा. निर्धारित 300 यात्री प्रति कोच के हिसाब से डीएमआरसी मौजूदा पांच मार्गों पर 55,800 अतिरिक्त यात्रियों को परिवहन सुविधा मुहैया कराएगा. इसके अलावा मजलिस पार्क से शिव विहार के बीच पिंक लाइन और जनकपुरी पश्चिम से बॉटैनिकल गार्डन के बीच मैजेंटा लाइन पूरी होने के बाद अगले साल मार्च तक डीएमआरसी के परिवहन बेड़े में 504 कोच और जुड़ जाएंगे. इन दोनों नए मार्गों पर 151,200 यात्री प्रति दिन सफर करेंगे.
डीएमआरसी के एक अधिकारी ने पुष्टि करते हुए कहा कि कोचों की क्षमता और कोचों की बढ़ने वाली संख्या को देखते हुए यह कहना निरापद नहीं होगा कि दिल्ली मेट्रो की क्षमता प्रतिदिन दो लाख यात्री से थोड़ी अधिक ही हो जाएगी. डीएमआरसी के कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन मैनेजर तोमोजित भट्टाचार्जी ने कहा, "यह कहना निरापद नहीं होगा, लेकिन सटीक संख्या बता पाना मुश्किल होगा. चूंकि हमारे पास सापेक्ष सवारी संख्या से जुड़ा कोई आंकड़ा नहीं है या इस दौरान यात्रियों की संख्या में होने वाले इजाफे का कोई पूर्व आकलन नहीं है."
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दिल्ली मेट्रो इस समय पांच लाइनों (रेड, येलो, ब्लू, ग्रीन और वॉयलेट) पर रेल यात्रा का संचालन करता है, जिन पर कुल 227 ट्रेनें संचालित होती हैं, जिनकी कुल कोचों की संख्या 1,468 है. अधिकारी ने बताया कि तीसरे चरण का कार्य पूरा होने के बाद दिल्ली मेट्रो द्वारा संचालित ट्रेनों की संख्या बढ़कर 244 हो जाएगी, जिनमें कुल कोचों की संख्या 1,654 हो जाएगी. 2002 में शुरू हुई दिल्ली मेट्रो शुरू में सिर्फ चार कोच वाली ट्रेनें संचालित करती थी, लेकिन धीरे-धीरे प्रत्येक ट्रेन में कोचों की संख्या बढ़ती गई. इसी तर्ज पर डीएमआरसी ने मौजूदा तीन लाइनों - रेड, येलो और ब्लू - पर ट्रेनों और उनमें कोचों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है.
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दिल्ली मेट्रो के एक तिहाई यात्री अकेले हुडा सिटी सेंटर से जहांगीरपुरी के बीच येलो लाइन से सफर करते हैं और अब येलो लाइन पर ट्रेनों और उनमें कोचों की संख्या में बड़ा इजाफा होने वाला है. तीसरे चरण में ग्रीन लाइन को मुंडका से बढ़ाकर बहादुरगढ़ और वॉयलेट लाइन को एस्कॉर्ट मुजेसर से बढ़ाकर बल्लभगढ़ तक किए जाने की योजना भी शामिल है. इस समय येलो लाइन और ब्लू लाइन मिलकर प्रतिदिन नौ लाख और रेड लाइन प्रति दिन 3.5 लाख यात्रियों को परिवहन सुविधा प्रदान करते हैं.
VIDEO: बिना ड्राइवर के दौड़ेगी दिल्ली मेट्रो
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
डीएमआरसी के एक अधिकारी ने पुष्टि करते हुए कहा कि कोचों की क्षमता और कोचों की बढ़ने वाली संख्या को देखते हुए यह कहना निरापद नहीं होगा कि दिल्ली मेट्रो की क्षमता प्रतिदिन दो लाख यात्री से थोड़ी अधिक ही हो जाएगी. डीएमआरसी के कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन मैनेजर तोमोजित भट्टाचार्जी ने कहा, "यह कहना निरापद नहीं होगा, लेकिन सटीक संख्या बता पाना मुश्किल होगा. चूंकि हमारे पास सापेक्ष सवारी संख्या से जुड़ा कोई आंकड़ा नहीं है या इस दौरान यात्रियों की संख्या में होने वाले इजाफे का कोई पूर्व आकलन नहीं है."
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दिल्ली मेट्रो इस समय पांच लाइनों (रेड, येलो, ब्लू, ग्रीन और वॉयलेट) पर रेल यात्रा का संचालन करता है, जिन पर कुल 227 ट्रेनें संचालित होती हैं, जिनकी कुल कोचों की संख्या 1,468 है. अधिकारी ने बताया कि तीसरे चरण का कार्य पूरा होने के बाद दिल्ली मेट्रो द्वारा संचालित ट्रेनों की संख्या बढ़कर 244 हो जाएगी, जिनमें कुल कोचों की संख्या 1,654 हो जाएगी. 2002 में शुरू हुई दिल्ली मेट्रो शुरू में सिर्फ चार कोच वाली ट्रेनें संचालित करती थी, लेकिन धीरे-धीरे प्रत्येक ट्रेन में कोचों की संख्या बढ़ती गई. इसी तर्ज पर डीएमआरसी ने मौजूदा तीन लाइनों - रेड, येलो और ब्लू - पर ट्रेनों और उनमें कोचों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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