
- दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड रेल का पूरा कॉरिडोर जल्द ही यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा.
- सराय काले खां से मेरठ मोदीपुरम तक की यात्रा एक घंटे से भी कम समय में पूरी हो सकेगी.
- सराय काले खां स्टेशन रेल, मेट्रो, रैपिड रेल और बस टर्मिनल के साथ एक मल्टी-मॉडल परिवहन केंद्र बनेगा.
Delhi Meerut Rapid Rail: दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड रेल का काम अब पूरा हो गया है. रैपिड रेल के पूरे कॉरिडोर को जल्द ही खोल दिया जाएगा. इसके बाद यात्री दिल्ली के सराय काले खां स्टेशन से मेरठ के मोदी पुरम तक सफर कर पाएंगे. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि सराय काले खां से 17 सितंबर से रैपिड रेल दौड़नी शुरू हो जाएगी. बता दें कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन भी है. ऐसे में हो सकता है कि पीएम मोदी ही सराय काले खां से रैपिड रेल को हरी झंडी दिखाएं. हालांकि, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) की ओर से इसके बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गई है.
सराय काले खां...‘मल्टी-मॉडल' परिवहन केंद्र
रैपिड रेल का स्टेशन शुरू होने से सराय काले खां ऐसा सेंटर बन जाएगा, जहां से रेल, रैपिड रेल, मेट्रो ट्रेन और बस टर्मिनल एक साथ है. हालांकि, अभी भी सराय काले खां स्टेशन एक प्रमुख ‘मल्टी-मॉडल' परिवहन केंद्र के रूप में भी काम करता है, जहां बस टर्मिनल, मेट्रो लाइन और रेलवे स्टेशन हैं, जिसके चलते यात्रियों के लिए आगे की यात्रा सुगम होती है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि इस नए स्टेशन के शुरू होने से सराय काले खां और मेरठ के बीच यात्रा का समय एक घंटे से भी कम रह जाएगा. सूत्रों ने बताया कि सराय काले खां स्टेशन का उद्घाटन 17 सितंबर को होने की संभावना है, जिस दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्मदिन भी है.

स्पेशल डिजाइन, गुजरात में बने... रैपिड रेल की खासियत
दिल्ली मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम के 55 किलोमीटर लंबे खंड पर 160 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली ‘नमो भारत' देश में सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन बन गई है. रैपिड रेल के 82.15 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर सबसे बड़े स्टेशनों में से एक, सराय काले खां स्टेशन को यात्रियों की अधिक संख्या को संभालने के लिए डिजाइन किया गया है और इसके दिल्ली को पड़ोसी राज्यों से जोड़ने वाला एक प्रमुख आवागमन केंद्र बनने की उम्मीद है. अधिकारी के अनुसार, सरकार की ‘मेक इन इंडिया' पहल के अनुरूप, सभी ‘ट्रेन सेट' हैदराबाद में स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए हैं और गुजरात स्थित ‘एल्सटॉम' संयंत्र में निर्मित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि 215 मीटर लंबाई, 50 मीटर चौड़ाई और 15 मीटर ऊंचाई वाला यह स्टेशन तीन आरआरटीएस गलियारे के बीच निर्बाध कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करेगा और इसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के प्रवेश द्वार के रूप में स्थापित किया जा रहा है. अधिकारी ने कहा कि 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत वाली इस पूरी परियोजना से दिल्ली-मेरठ मार्ग पर सार्वजनिक परिवहन की हिस्सेदारी मौजूदा 37 प्रतिशत से बढ़कर 63 प्रतिशत होने की उम्मीद है.

ट्रायल रन पूरा, अब सिर्फ हरी झंडी दिखाने की देरी...
दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल का ट्रायल रन पूरा हो चुका है, जिसमें ट्रेनें सराय काले खां और मोदीपुरम के बीच के हिस्से को एक घंटे से भी कम समय में पूरा कर लेती हैं और रास्ते में सभी स्टेशनों पर रुकती हैं. 55 किलोमीटर लंबा यह चालू खंड वर्तमान में दिल्ली के न्यू अशोक नगर और मेरठ साउथ को जोड़ता है, जहां 11 स्टेशन हैं. अधिकारी ने बताया कि सराय काले खां से न्यू अशोक नगर और मेरठ साउथ से मोदीपुरम तक का नया मार्ग, मेरठ मेट्रो नेटवर्क के साथ मिलकर, शहर के भीतर और शहर के बीच संपर्क को और बेहतर बनाएगा.
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