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दिल्ली शराब घोटाले में विजय नायर की जमानत याचिका पर सुनवाई टली, ईडी ने जवाब दाखिल करने का समय मांगा

न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की पीठ ने नायर की याचिका पर 12 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी करते हुए इस बात पर गौर किया था कि वह दो साल से हिरासत में हैं.

दिल्ली शराब घोटाले में विजय नायर की जमानत याचिका पर सुनवाई टली, ईडी ने जवाब दाखिल करने का समय मांगा
विजय नायर को सीबीआई मामले में निचली अदालत से जमानत मिल चुकी है. 
नई दिल्ली:

दिल्ली शराब घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी के पूर्व मीडिया प्रभारी विजय नायर की ED मामले में दाखिल जमानत याचिका पर सुनवाई टल गई है. वहीं ईडी ने जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा है. सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले में अगले हफ्ते सुनवाई करेगा. विजय नायर  ने ED की ओर से दर्ज मनी लांड्रिंग केस में अपनी गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताते हुए जमानत की मांग की है.

निचली अदालत से मिल चुकी है जमानत

विजय नायर को सीबीआई मामले में निचली अदालत से जमानत मिल चुकी है. न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की पीठ ने नायर की याचिका पर 12 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी करते हुए इस बात पर गौर किया था कि वह दो साल से हिरासत में हैं. नायर की ओर से 12 अगस्त को अदालत में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ताओं- अभिषेक सिंघवी और विक्रम चौधरी ने कहा था कि याचिकाकर्ता को 13 नवंबर, 2022 को गिरफ्तार किया गया था.

दिल्ली एलजी ने की आबकारी नीति जांच की सिफारिश

विजय नायर ने अपनी ‘डिफॉल्ट' जमानत याचिका को खारिज करने वाले अधीनस्थ अदालत के 29 जुलाई के आदेश को चुनौती दी है. इससे पहले, उच्च न्यायालय ने पिछले साल तीन जुलाई को धनशोधन मामले में नायर और अन्य सह-आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया था. धनशोधन का यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक प्राथमिकी से बना है. दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने आबकारी नीति 2021-22 की जांच की सिफारिश की थी, जिसके बाद सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की थी. इस नीति को बाद में रद्द कर दिया गया था.

आबकारी नीति मामले में सीबीआई का क्या आरोप

सीबीआई ने आरोप लगाया है कि नायर ने हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली के विभिन्न होटलों में कुछ अन्य सह-आरोपियों, शराब निर्माताओं और वितरकों से मुलाकात की थी, ताकि ‘‘हवाला ऑपरेटर के जरिये अवैध धन की व्यवस्था की जा सके'', जिसे ‘आप' को रिश्वत के रूप में दिया गया. यह भी दावा किया गया कि व्यवसायी और सह-आरोपी अभिषेक बोइनपल्ली इन बैठकों का हिस्सा थे और एक अन्य आरोपी शराब व्यवसायी समीर महेंद्रू के साथ धनशोधन की साजिश में शामिल थे.

इस मामले में किसे-किसे बनाया गया आरोपी

दिल्ली के जोर बाग स्थित शराब वितरक ‘‘इंडोस्पिरिट ग्रुप'' के प्रबंध निदेशक महेंद्रू की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने दिल्ली और पंजाब में करीब तीन दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की थी. मामले में अन्य आरोपी दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पूर्व आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्ण, आबकारी विभाग के पूर्व उपायुक्त आनंद तिवारी और पूर्व सहायक आयुक्त पंकज भटनागर हैं.

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