दिव्यांश की फाइल फोटो।
नई दिल्ली:
छह साल के दिव्यांश की मौत से सभी सदमे में हैं.. उसके स्कूल के दोस्त, छात्रों के परिवार और खुद स्कूल प्रशासन। सोमवार को उसे भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई और स्कूल को एक दिन के लिए बंद रखा गया। लेकिन इस घटना से अभिभावकों में गुस्सा है। उसकी मौत के पीछे स्कूल की लापरवाही सामने आई है।
वाटर टैंक तक कैसे पहुंचा बच्चा?
सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर दिव्यांश वाटर टैंक तक कैसे पहुंचा। दो घंटे तक क्लासरूम से गायब होने के बावजूद क्यों किसी ने उसकी सुध नहीं ली। दिल्ली पुलिस स्कूल की प्रिंसिपिल और स्कूल स्टाफ का बयान दर्ज कर चुकी है। प्रिंसिपल ने दलील दी है कि मृतक दिव्यांश हाईपर एक्टिव था। इसकी पुष्टि के लिए बच्चे का पहले से इलाज कर रहे डॉक्टर से भी पूछताछ की गई। शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक बच्चे की मौत डूबने की वजह से हुई है।
बच्चे को बचाने की कोशिश नाकाम
पुलिस और एसडीएम की जांच में कई जानकारियां सामने आई हैं। बताया जाता है कि एम्फीथिएटर के पीछे का दरवाजा खुला था। शायद इसी दरवाजे से बच्चा बाहर निकला हो। खुले दरवाजे पर इलेक्ट्रिशियन की नजर पड़ी तो वह टॉर्च लेकर पंप रूम के भीतर गया। वहां इलेक्ट्रिशियन ने कोई आवाज सुनी। वह फौरन मदद के लिए चिल्लाया और फिर स्विमिंग कोच और 11वीं के छात्र पहुंचे। 11वीं के छात्र ने टैंक में उतरकर बच्चे को निकाला। बच्चे को तुरंत फर्स्ट एड रूम में लाया गया। उसके सीने को पंप किया गया, जिससे उसने उल्टी की। फिर उसे पास के अस्पताल ले जाया गया डॉक्टरों के मुताबिक बच्चे की मौत हो चुकी थी। यही नहीं पुलिस को घटना की जानकारी करीब 2 घंटे बाद दी गई। पुलिस के साथ-साथ दिल्ली सरकार भी मामले की जांच कर रही है।
वाटर टैंक तक कैसे पहुंचा बच्चा?
सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर दिव्यांश वाटर टैंक तक कैसे पहुंचा। दो घंटे तक क्लासरूम से गायब होने के बावजूद क्यों किसी ने उसकी सुध नहीं ली। दिल्ली पुलिस स्कूल की प्रिंसिपिल और स्कूल स्टाफ का बयान दर्ज कर चुकी है। प्रिंसिपल ने दलील दी है कि मृतक दिव्यांश हाईपर एक्टिव था। इसकी पुष्टि के लिए बच्चे का पहले से इलाज कर रहे डॉक्टर से भी पूछताछ की गई। शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक बच्चे की मौत डूबने की वजह से हुई है।
बच्चे को बचाने की कोशिश नाकाम
पुलिस और एसडीएम की जांच में कई जानकारियां सामने आई हैं। बताया जाता है कि एम्फीथिएटर के पीछे का दरवाजा खुला था। शायद इसी दरवाजे से बच्चा बाहर निकला हो। खुले दरवाजे पर इलेक्ट्रिशियन की नजर पड़ी तो वह टॉर्च लेकर पंप रूम के भीतर गया। वहां इलेक्ट्रिशियन ने कोई आवाज सुनी। वह फौरन मदद के लिए चिल्लाया और फिर स्विमिंग कोच और 11वीं के छात्र पहुंचे। 11वीं के छात्र ने टैंक में उतरकर बच्चे को निकाला। बच्चे को तुरंत फर्स्ट एड रूम में लाया गया। उसके सीने को पंप किया गया, जिससे उसने उल्टी की। फिर उसे पास के अस्पताल ले जाया गया डॉक्टरों के मुताबिक बच्चे की मौत हो चुकी थी। यही नहीं पुलिस को घटना की जानकारी करीब 2 घंटे बाद दी गई। पुलिस के साथ-साथ दिल्ली सरकार भी मामले की जांच कर रही है।
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