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This Article is From Jan 18, 2016

सरकारी विद्यालयों की दशा पर हाईकोर्ट की दिल्ली सरकार को फटकार, कहा - अपना घर दुरुस्त करें

सरकारी विद्यालयों की दशा पर हाईकोर्ट की दिल्ली सरकार को फटकार, कहा - अपना घर दुरुस्त करें
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को आप सरकार से कहा कि निजी गैर सहायता प्राप्त विद्यालयों की प्रवेश प्रक्रिया अपने हाथ में लेने के बजाय उसे अपने विद्यालयों का प्रशासन चलाकर और उनमें सुधार लाकर ‘अपना घर दुरुस्त करना’ चाहिए।

सरकारी विद्यालयों की खराब स्थिति है
न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा, ‘‘इन सबके लिए एक बड़ी वजह सरकारी विद्यालयों की खराब स्थिति है। कोई भी उस मुद्दे का समाधान नहीं कर रहा। जो लोग सरकारी विद्यालयों का शासन नहीं चला सकते, वे निजी विद्यालयों के प्रवेश को अपने हाथों में लेने की कोशिश कर रहे हैं।’’

कृपया, अपना घर दुरुस्त कीजिए
न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा, ‘‘कृपया, अपना घर दुरुस्त कीजिए। तब, लोगों के निजी विद्यालयों की ओर भागने की कोई वजह ही नहीं होगी। ’’ उन्होंने निजी विद्यालयों की अर्जियों पर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करते हुए और उसे जवाब देने का निर्देश देते हुए यह टिप्पणी की। निजी विद्यालयों ने न्यायालय से नर्सरी प्रवेश के लिए प्रबंधन कोटा समेत 62 मापदंडों को खारिज करने के सरकार के छह जनवरी के आदेश को निरस्त करने की मांग की है।

अदालत ने उन बच्चों के लिए कोटा जिनके माता-पिता शाकाहारी, शराब नहीं पीने वाले तथा धूम्रपान नहीं करने वाले हैं जैसे पैमाने के अलावा सभी 62 मापदंडों को निरस्त करने पर संदेह व्यक्त किया। अदालत ने कहा कि यदि ऐसे मापदंड किसी विद्यालय द्वारा प्रवेश में लागू किए जाते हैं तो प्रवेश दोषपूर्ण होगा।

अभिभावक फिलहाल 62 मापदंडों के आधार पर आवेदन कर सकते हैं
वैसे अदालत ने स्पष्ट किया कि अभिभावक फिलहाल 62 मापदंडों के आधार पर आवेदन कर सकते हैं, लेकिन आवेदनों की जांच अंतिम फोरम फार प्रमोशन ऑफ क्वालिटी एजूकेशन और एक्शन कमिटी ऑफ अनएडेड रिकगनाइज्ड प्राइवेट स्कूल की याचिकाओं पर अंतिम आदेशों के दायरे में होगी।

सरकार निजी विद्यालयों की स्वायत्तता विशेषकर उस कार्यालयी आदेश के जरिए नहीं ले सकती
अदालत ने कहा कि सरकार निजी विद्यालयों की स्वायत्तता विशेषकर उस कार्यालयी आदेश के जरिए नहीं ले सकती जो किसी सांविधिक प्रावधान के तहत पारित नहीं किया गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 6 जनवरी को प्रबंधन कोटा को शिक्षा के क्षेत्र में सबसे बड़े घोटाले के लिए उर्वर जमीन करार दिया था और कहा था कि उनकी सरकार मूकदर्शक बनी नहीं रह सकती।

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