फाइल फोटो
नई दिल्ली:
दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज एयर इंडिया को एक पायलट की तनख्वाह जारी करने का निर्देश दिया. इस पायलट पर उड़ान से पहले और बाद में शराब पीने का पता लगाने के लिए किया गया परीक्षण दो मौकों पर कथित रूप से सकारात्मक आया था. इसके बाद 2016 से उसे विमान उड़ाने से रोक दिया गया. न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने एयरलाइन से पूछा कि उसने पायलट का पूरा वेतन क्यों रोक दिया है और ऐसी स्थिति में वह अपना जीवन कैसे चला सकता है?
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न्यायाधीश ने एयर इंडिया से कहा, ‘‘ 2017 से उसकी तनख्वाह का तनिक भी भुगतान क्यों नहीं किया गया. आप पूरा वेतन नहीं रोक सकते हैं. उसके पास जीने के लिए कुछ होना चाहिए, इसे समझिए.’’ पायलट के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल का फ्लाइंग लाइसेंस को वापस ले लिया गया था लेकिन उसे अबतक सेवा से बर्खास्त नहीं किया गया है और वह अब भी एयरइंडिया का कर्मचारी है.
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अदालत ने एयरलाइन और नागर विमानन महानिदेशालय को नोटिस जारी करके 15 मई तक उनका जवाब मांगा है. इसी दिन मामले की अगली सुनवाई होगी.
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