प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
राजधानी दिल्ली में वेक्टर जनित बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में दिल्ली सरकार ने डेंगू और चिकनगुनिया बुखार से पीड़ित मरीजों को मेडिकल सहायता तथा पास में स्थित सरकारी क्लिनिकों के बारे में सूचना देने के लिए हेल्पलाइन शुरू की है.
दिल्ली में चिकनगुनिया का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. अभी तक बुखार के 1,700 मामले आए हैं और अस्पतालों तथा क्लिनिकों में मरीजों की भीड़ लगी हुई है. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लोग 011-22307145 पर फोन करके अपने निवास के आसपास मौजूद सरकारी क्लिनिकों की जानकारी तथा मेडिकल सहायता ले सकते हैं.
अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू और चिकनगुनिया से निपटने के लिए शहर में 355 क्लीनिक खोले हैं. साथ ही सरकार ने अपने 24 अस्पतालों की सूची सार्वजनिक रूप से जारी की है, जहां इन बीमारियों की जांच और इलाज मुफ्त में किया जा रहा है.
जिन अस्पतालों में बुखार की दवाएं उपलब्ध हैं, उनमें अरूणा आसफ अली अस्पताल, बाबू जगजीवन राम अस्पताल, भगवान महाबीर अस्पताल और जीटीबी अस्पताल शामिल हैं. अधिकारी ने कहा, "सरकार ने अपने अस्पतालों के मेडिकल अधीक्षकों को निर्देश दिया है कि वे मरीजों को भर्ती करने से इनकार नहीं करें. सरकारी अस्पतालों में बिस्तरों की कोई कमी नहीं है क्योंकि करीब 2,000 बिस्तर खाली हैं."
दिल्ली में चिकनगुनिया का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. अभी तक बुखार के 1,700 मामले आए हैं और अस्पतालों तथा क्लिनिकों में मरीजों की भीड़ लगी हुई है. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लोग 011-22307145 पर फोन करके अपने निवास के आसपास मौजूद सरकारी क्लिनिकों की जानकारी तथा मेडिकल सहायता ले सकते हैं.
अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू और चिकनगुनिया से निपटने के लिए शहर में 355 क्लीनिक खोले हैं. साथ ही सरकार ने अपने 24 अस्पतालों की सूची सार्वजनिक रूप से जारी की है, जहां इन बीमारियों की जांच और इलाज मुफ्त में किया जा रहा है.
जिन अस्पतालों में बुखार की दवाएं उपलब्ध हैं, उनमें अरूणा आसफ अली अस्पताल, बाबू जगजीवन राम अस्पताल, भगवान महाबीर अस्पताल और जीटीबी अस्पताल शामिल हैं. अधिकारी ने कहा, "सरकार ने अपने अस्पतालों के मेडिकल अधीक्षकों को निर्देश दिया है कि वे मरीजों को भर्ती करने से इनकार नहीं करें. सरकारी अस्पतालों में बिस्तरों की कोई कमी नहीं है क्योंकि करीब 2,000 बिस्तर खाली हैं."
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