दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली सरकार की मांग और आरोप का बेहद सख्त और आक्रामक तेवर के साथ जवाब दिया है. दिल्ली के एलजी की तरफ से प्रेस रिलीज़ जारी कर कहा गया है कि '400 फाइलों के पीछे छुपा सच जनता के सामने आना चाहिए. अगर सब कुछ कानूनन सही है जैसा कि दावा किया गया तो चुनी हुई सरकार सच के सामने आने से डर क्यों रही है? कुछ मामलों में ऐसी गलतियां दिखी है, जिनके चलते वो सीबीआई को जांच के लिए भेजे जा रहे हैं'.
एलजी ने कहा कि वो हैरान हैं कि दिल्ली कैबिनेट ने शुंगलू समिति को असंवैधानिक कहा. एलजी ने कहा कि फाइलों को एलजी दफ़्तर ने तलब या ज़ब्त नहीं किया, बल्कि ये वो फाइलें हैं जो खुद सरकार के मंत्रियों ने भेजी, क्योंकि वो खुद मानते हैं कि उसने इसमें तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया. एलजी के मुताबिक, समिति अगले 6 हफ्ते में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
इससे पहले दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने एक संकल्प पारित करके दिल्ली के एलजी नजीब जंग को शुंगलू समिति भंग करने की मांग की. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी मीडिया को दी.
मनीष सिसोदिया के मुताबिक, 'शुंगलू समिति ने हमारी 400 फाइलें ज़ब्त की हुई हैं, जिसमे बहुत ज़रूरी फाइलें हैं और इनकी जांच के लिए समिति अफसरों को ऑफ रिकॉर्ड फ़ोन करके बुलाती है और अफसरों को पूरे दिन बैठाए रखते हैं. हमारे पास एलजी साहब को सलाह देने का अधिकार है. इसलिये हमने सलाह देते हुए कहा कि इस समिति को भंग किया जाए'.
मनीष सिसोदिया ने बताया कि हमने इससे पहले समिति के अध्यक्ष को खत लिखकर कहा था कि मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने तक अपना काम रोक दें, लेकिन उनका जवाब आया कि ये आपके, एलजी और कोर्ट का मामला है. हम अपना काम कर रहे हैं.
मनीष सिसोदिया के मुताबिक, 'कैबिनेट ने एक संकल्प लिया कि एलजी साहब ने ये समिति कैसे बनाई? उनके पास ऐसा कोई अधिकार नहीं. एलजी साहब केवल फाइल मंगवा सकते हैं, लेकिन समिति बनाकर दूसरों को नहीं दिखा सकते. फाइल देखने के अधिकार अफसर, एलजी, मंत्री को है. ये समिति अवैध है'.
आपको बता दें कि एलजी नजीब जंग ने 30 अगस्त को पूर्व सीएजी वीके शुंगलू की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय समिति बनायीं थी, जो केजरीवाल सरकार के बीते डेढ़ साल के सभी फैसलों की जांच करके अपनी सिफारिश एलजी कों सौंपेगी.
एलजी ने कहा कि वो हैरान हैं कि दिल्ली कैबिनेट ने शुंगलू समिति को असंवैधानिक कहा. एलजी ने कहा कि फाइलों को एलजी दफ़्तर ने तलब या ज़ब्त नहीं किया, बल्कि ये वो फाइलें हैं जो खुद सरकार के मंत्रियों ने भेजी, क्योंकि वो खुद मानते हैं कि उसने इसमें तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया. एलजी के मुताबिक, समिति अगले 6 हफ्ते में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
इससे पहले दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने एक संकल्प पारित करके दिल्ली के एलजी नजीब जंग को शुंगलू समिति भंग करने की मांग की. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी मीडिया को दी.
मनीष सिसोदिया के मुताबिक, 'शुंगलू समिति ने हमारी 400 फाइलें ज़ब्त की हुई हैं, जिसमे बहुत ज़रूरी फाइलें हैं और इनकी जांच के लिए समिति अफसरों को ऑफ रिकॉर्ड फ़ोन करके बुलाती है और अफसरों को पूरे दिन बैठाए रखते हैं. हमारे पास एलजी साहब को सलाह देने का अधिकार है. इसलिये हमने सलाह देते हुए कहा कि इस समिति को भंग किया जाए'.
मनीष सिसोदिया ने बताया कि हमने इससे पहले समिति के अध्यक्ष को खत लिखकर कहा था कि मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने तक अपना काम रोक दें, लेकिन उनका जवाब आया कि ये आपके, एलजी और कोर्ट का मामला है. हम अपना काम कर रहे हैं.
मनीष सिसोदिया के मुताबिक, 'कैबिनेट ने एक संकल्प लिया कि एलजी साहब ने ये समिति कैसे बनाई? उनके पास ऐसा कोई अधिकार नहीं. एलजी साहब केवल फाइल मंगवा सकते हैं, लेकिन समिति बनाकर दूसरों को नहीं दिखा सकते. फाइल देखने के अधिकार अफसर, एलजी, मंत्री को है. ये समिति अवैध है'.
आपको बता दें कि एलजी नजीब जंग ने 30 अगस्त को पूर्व सीएजी वीके शुंगलू की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय समिति बनायीं थी, जो केजरीवाल सरकार के बीते डेढ़ साल के सभी फैसलों की जांच करके अपनी सिफारिश एलजी कों सौंपेगी.
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