- दिल्ली के सिविल लाइन्स इलाके में यात्रियों से भरी बस में अचानक आग लगने से बस पूरी तरह जल गई है.
- बस में अवैध वाणिज्यिक सामान भरा हुआ था, जो यात्रियों के सामान से अधिक था और ओवरलोडिंग थी.
- इस प्रकार की बसों को डग्गामार बस कहा जाता है, जिनमें गुड्स टैक्स बचाने के लिए माल छिपाया जाता है.
दिल्ली के सिविल लाइन्स इलाके में एक बड़ा हादसा हुआ. गणपति अपार्टमेंट के पास यात्रियों से भरी एक बस में अचानक आग लग गई. बस में न सिर्फ यात्री थे, बल्कि अवैध रूप से वाणिज्यिक सामान भी भरा हुआ था. आग इतनी तेज थी कि बस पूरी तरह जलकर खाक हो गई.
यह घटना राज्यपाल और मुख्यमंत्री निवास से कुछ ही दूरी पर हुई है. फिलहाल घायलों या मृतकों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है. यह पहली बार नहीं है जब ऐसा हादसा हुआ हो. इससे पहले भी कई घटनाएं इसी वजह से सामने आई हैं. यात्री बसों में अवैध माल भरना, ओवरलोडिंग और निगरानी में भारी लापरवाही.

माल के लिए यात्री बस का इस्तेमाल
दिल्ली से खरीदारी करने के बाद लोग बड़ी मात्रा में सामान लेकर अपने शहरों और कस्बों में लौटते हैं. इसके लिए निजी सवारी बसों का इस्तेमाल किया जाता है, जिनमें बड़ी-बड़ी डिग्गियां बनाई जाती हैं. इन डिग्गियों में यात्रियों का सामान कम और वाणिज्यिक माल अधिक भरा होता है.
बसों को आमतौर पर ‘डग्गामार बसें' कहा जाता है
यह तरीका गुड्स टैक्स बचाने के लिए अपनाया जाता है. बस ऑपरेटरों को सवारी किराए के साथ-साथ माल का भाड़ा भी मिलता है, जिससे उनका मुनाफा बढ़ता है. सबसे बड़ी चिंता यह है कि इन बसों में क्या सामान जा रहा है, इसकी कोई जांच नहीं होती. दिल्ली परिवहन प्राधिकरण के निरीक्षक भी इन बसों को अपनी आंखों के सामने से गुजरते देखते हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं करते. ऐसी बसों को आमतौर पर ‘डग्गामार बसें' कहा जाता है.

पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश और दिल्ली से डग्गामार बसों का गोरखधंधा खुलेआम चल रहा है. बड़ा सवाल यह है कि बिना परमिट वाली, डीज़ल का धुआं छोड़ती ये बसें दिल्ली की सीमाओं में कैसे प्रवेश कर जाती हैं? कौन लोग हैं जो इन बसों को बेखौफ राजधानी में आने की इजाजत दे रहे हैं?
दिल्ली में डग्गामार बस माफिया का जाल
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, सीलमपुर, सीमापुरी; पूर्वी दिल्ली में सराय काले खां, ओखला मोदी मिल, दक्षिणी दिल्ली में अंधेरिया मोड़ और सेंट्रल दिल्ली में मोरी गेट, इंद्रलोक, पहाड़गंज, रामलीला ग्राउंड पार्किंग जैसे स्थानों पर इन बसों के अघोषित टर्मिनल सक्रिय हैं.
दिल्ली परिवहन निगम की इंफोर्समेंट टीमें सड़कों पर तैनात रहती हैं, फिर भी इन अवैध बसों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं होती? इन बसों की छतों पर इतना माल लादा जाता है कि उनके पलटने का खतरा बना रहता है.
इससे पहले कानपुर में रामादेवी चौराहे के पास नेशनल हाईवे पर आज एक यात्री बस में अचानक आग लग गई. देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया. गनीमत रही कि समय रहते सभी सवारियों को सुरक्षित नीचे उतार लिया गया. बस नौबस्ता से चकेरी की ओर जा रही थी. घटना चकेरी थाना क्षेत्र के नेशनल हाईवे पर हुई. सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाया.
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