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Delhi Election Result: दिल्ली में एक बार फिर चारों खाने चित हुई कांग्रेस, जानें उसे मिला क्या है

Delhi Election 2025 Result: दिल्ली विधानसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई है. उसे एक बार फिर शून्य से संतोष करना पड़ा है. लेकिन वह अपना वोट शेयर दो फीसदी बढाने में कामयाब रही है.

Delhi Election Result: दिल्ली में एक बार फिर चारों खाने चित हुई कांग्रेस, जानें उसे मिला क्या है
नई दिल्ली:

दिल्ली में चुनावी तस्वीर साफ हो चुकी है. प्रदेश में बीजेपी की अगली सरकार बननी तय है. दिल्ली की जनता ने पिछले 12 साल से सरकार चला रही आम आदमी पार्टी को विपक्ष की बेंच पर बिठा दिया है. इस चुनाव में कांग्रेस के हाथ कुछ नहीं लगा है. पूरी दिल्ली में एक सीट पर ही कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही, बाकि की 69 सीटों पर उसे तीसरे या चौथे स्थान से ही संतोष करना पड़ा है. लेकिन वह अपना वोट बढ़ा पाने में सफल रही है. लेकिन आम आदमी पार्टी की इस हार में कांग्रेस के लिए भविष्य के कुछ संकेत छिपे हैं. जिनका वह आने वाले चुनावों में फायदा उठाने की कोशिश करेगी. आइए जानते हैं कि इस विशाल हार में कांग्रेस के लिए क्या संदेश छिपा है.

दिल्ली में आप की जय और पराजय

दिल्ली में 2013 तक कांग्रेस की सरकार थी. कांग्रेस दिल्ली की सत्ता पर 1998 से काबिज थी. लेकिन नवंबर 2012 में आम आदमी पार्टी अस्तित्व में आई. उसने 2013 का विधानसभा चुनाव पूरी गंभीरता से लड़ा. भ्रष्टाचार और आरक्षण विरोधी आंदोलन के गोद से निकली आप को दिल्ली की जनता ने हाथों-हाथ लिया. अपने पहले ही चुनाव में आप ने 28 सीटें जीतकर तहलका मचा दिया था.  इस चुनाव में बीजेपी ने 31 सीटें जीती थीं और कांग्रेस ने आठ. हालत यह थी कि कोई भी पार्टी अकेले के दम पर सरकार नहीं बना सकती थी. ऐसे में कांग्रेस ने राजनीतिक अस्थिरता को खत्म करते हुए आप को समर्थन दे दिया. इसके बाद से अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में पहली बार सरकार बनी.

दिल्ली विधानसभा चुनाव की मतगणना के दौरान आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल के घर पर पसरा सन्नाटा.

दिल्ली विधानसभा चुनाव की मतगणना के दौरान आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल के घर पर पसरा सन्नाटा.

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार बहुत दिन नहीं चल पाई.इसके बाद 2015 और 2020 में चुनाव कराए गए. इन दोनों चुनावों की खास बात यह रही कि दिल्ली के हाथ शून्य आया. इन दोनों चुनावों को कांग्रेस ने बेमन से लड़ा था. इसका परिणाम यह हुआ कि कांग्रेस का वोट शेयर 24.55 फीसदी से घटकर 4.26 फीसदी पर आ गया. इस बीच आम आदमी पार्टी अपने पैर पसारती रही. उसने दिल्ली से बाहर पंजाब में भी सरकार बना ली. गुजरात में उसने पांच सीटें जीतीं और करीब 13 फीसदी वोट हासिल किया.गोवा में भी आप ने अच्छा चुनाव लड़ा और दो सीटें और करीब सात फीसदी वोट 2022 के चुनाव में जीती हैं. कांग्रेस का आरोप है कि आप वहीं मजबूती से चुनाव लड़ती है, जहां कांग्रेस मजबूत स्थिति में है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि आप ने बीजेपी को पहुंचाया हो या न हो लेकिन कांग्रेस का नुकसान जरूर किया है. 

कहां कहां आप और कांग्रेस की लड़ाई 

आप ने गुजरात विधानसभा में पहला चुनाव 2017 में लड़ा था. 25 सीटों पर लड़ने वाली आप को 0.10 फीसदी वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस ने 77 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए 41.44 फीसदी वोट हासिल किए थे. जबकि बीजेपी ने 49.05 फीसदी वोट और 99 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी. वहीं 2022 का चुनाव आप ने और मजबूती से लड़ा. उसने 181 सीटों पर चुनाव लड़कर पांच सीटें और 12.99 फीसदी वोट हासिल किए. इसका परिणाम यह हुआ कि 2017 में 77 सीटें और 41.44 फीसदी वोट हासिल करने वाली कांग्रेस 17 सीट और 27.28 फीसदी वोट पर सिमट गई थी. कांग्रेस नेताओं को लगता है कि अगर आप ने चुनाव नहीं लड़ा होता तो परिणाम कुछ और आए होते. यही हाल गोवा और पंजाब का है. पंजाब में तो कांग्रेस का सीधा मुकाबला आप से ही है. 

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का अगला मुकाबला 2027 में पंजाब के विधानसभा चुनाव में होना है.

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का अगला मुकाबला 2027 में पंजाब के विधानसभा चुनाव में होना है.

आप ने दिल्ली समेत भारत में जहां भी चुनाव लड़ा है, उसने कांग्रेस के वोटों से ही अपने आप को मजबूत बनाया है.यह ट्रेंड दिल्ली में भी देखा गया था. इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस दिल्ली में अपना वोट बैंक बढ़ा पाने में सफल रही है. दिल्ली में बीजेपी को अबतक 45.89 फीसदी और आप को 43.59 फीसदी वोट मिले हैं. कांग्रेस को अबतक 6.38 फीसदी वोट मिले हैं. इससे पहले 2020 के चुनाव में कांग्रेस तो 4.26 फीसदी वोट मिले थे. दिल्ली में बीजेपी और आप के बीच वोट शेयर में 2.3 फीसदी का अंतर है और कांग्रेस का वोट शेयर 2.12 फीसदी बढ़ा है. इसका परिणाम आपके सामने हैं. इसके बाद कांग्रेस और आप पंजाब,गुजरात और गोवा विधानसभा के चुनाव में आमने-सामने होंगे. इनमें से पंजाब में मुकाबला आप और कांग्रेस के बीच है. वहीं गुजरात और गोवा में इन दोनों के सामने बीजेपी के रूप में बड़ी चुनौती होगी. आम आदमी पार्टी को दिल्ली में मिली हार को कांग्रेस अब आने वाले चुनावों में भुनाने की कोशिश करेगी. 

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