दिल्ली के चांदबाग इलाके का गेट।
नई दिल्ली:
दिल्ली पुलिस ने जैश ए मोहम्मद से जुड़े होने के शक में 11 लोगों को दिल्ली के चांदबाग इलाके से पकड़ा था, जिनमें से 10 को छोड़ दिया है। यही नहीं, उनकी काउंसिलिंग भी कराई जा रही है ताकि वे सही रास्ते पर आ सकें।
'मैं कभी गलत रास्ते पर था ही नहीं'
एनडीटीवी इंडिया ने रिहा हुए लड़कों और उनके परिवारों से बात की। 19 साल के एक लड़के ने कहा कि "पुलिस मेरे बारे में पूछ रही थी इसलिए मैंने खुद ही अपना नाम बता दिया और खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस मुझे स्पेशल सेल के दफ्तर ले गई। वहां हम सभी लड़कों से अलग-अलग पूछताछ हुई। वे साजिद और मेरे संबंधों के बारे में पूछ रहे थे। मैंने उन्हें बताया कि मैं साजिद से मस्जिद में मिला जरूर था लेकिन आमतौर पर जैसे लोग मस्जिद में मिलते हैं, यह ठीक वैसी ही मुलाकात थी। जब पुलिस को लगा कि मैं बेकसूर हूं तो उन्होंने मुझे घर जाने को कहा। पूछताछ के दौरान मुझे कोई तकलीफ नहीं दी गई। जाने से पहले मेरे घरवालों के सामने एक डॉक्टर और मौलवी ने मेरी काउंसलिंग भी की और मुझे समझाया की गलत रास्ते पर कभी मत चलना। हांलाकि मैं कभी गलत रास्ते पर नहीं था, मैं बिल्कुल रास्ता नहीं भटका हूं। मैं तो चूड़ी बेचकर किसी तरह गुजारा कर रहा हूं। "
दिमागी कमजोर, रास्ता कैसे भटकेगा?
दिल्ली के चांदबाग इलाके से मंगलवार की रात पकड़े गए ज्यादातर लड़कों के बयान कमोबेश ऐसे ही हैं। उनका और उनके घरवालों का कहना है उनका जैश या आतंकवाद से कोई वास्ता नहीं। एक और रिहा हुए लड़के के भाई ने कहा कि मेरा भाई जो दिमागी तौर पर भी कमजोर है। पढ़ा-लिखा भी नहीं है और रास्ता नहीं भटका है।
पुलिस रखेगी निगरानी
दिल्ली पुलिस ने उस रात इन तंग गलियों में छापा मारकर 11 लोगों को पकड़ा था। इनमें से दस अब छोड़ दिए गए हैं। हालांकि धर्मगुरुओं और डॉक्टरों से इनकी काउसिलिंग कराई जा रही है ताकि वे भटकें नहीं। रिहा हुए सभी लड़के पुलिस की निगरानी में रहेंगे।
सिर्फ साजिद के खिलाफ पुख्ता सबूत
दिल्ली पुलिस के मुताबिक सिर्फ साजिद नाम के शख़्स के खिलाफ की पुख्ता सबूत मिले हैं। उस पर जैश ए मोहम्मद के सीधे संपर्क में होने का आरोप है। कहा जा रहा है कि वही दूसरे लड़कों को जैश में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहा था। उसके पास बम बनाने का सामान भी बरामद हुआ। यहां तक पुलिस ने दावा किया कि बीते मंगलवार को बम बनाते वक्त साजिद का हाथ भी जल गया था। साजिद के साथ लोनी से समीर और देवबंद से शाकिर भी गिरफ्तार हुआ।
इंटरनेट से आपत्तिजनक कंटेंट हटाए सरकार
रिहा हुए कई और लोगों से हमने बात करने की कोशिश की लेकिन वे सामने आने से डर रहे हैं। घनी आबादी वाले इस इलाके के लोग डरे हुए भी हैं और चितिंत भी। कोई कहता है कि अगर इंटरनेट पर जिहादी कंटेंट है तो बच्चों को उससे कैसे बचाएं। तो किसी को चांदबाग की छवि खराब होने की तकलीफ है। चांदबाग इलाके के निवासी इश्तेकार अहमद ने कहा कि अगर इंटरनेट पर जिहादी कंटेट है तो मैं सरकार से गुजारिश करूंगा कि सरकार उसे हटवाए क्योंकि कई बार बच्चे अंजाने में ऐसी बेबसाइट पर चले जाते हैं और लगता है कि वे जिहाद की तरफ मुड़ रहे हैं या आतंक की तरफ प्रेरित हो रहे हैं।
चांदबाग की छवि खराब हुई
वहीं यहां रहने वाले मोहम्मद शमीम खान, जो फैशन डिजाइनिंग का काम करते हैं, का कहना है कि यहां से 11 लोगों के पकड़े जाने के बाद उनमें से 10 लोगों को भले ही छोड़ दिया गया हो लेकिन चांदबाग अब चर्चा में आ गया है। डर है कि कोई नौकरी के लिए अपना बायोडाटा लेकर जाएगा तो इंटरव्यू लेने वाला निवास की जगह चांदबाग देखकर कुछ और न सोचने लगे?
'मैं कभी गलत रास्ते पर था ही नहीं'
एनडीटीवी इंडिया ने रिहा हुए लड़कों और उनके परिवारों से बात की। 19 साल के एक लड़के ने कहा कि "पुलिस मेरे बारे में पूछ रही थी इसलिए मैंने खुद ही अपना नाम बता दिया और खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस मुझे स्पेशल सेल के दफ्तर ले गई। वहां हम सभी लड़कों से अलग-अलग पूछताछ हुई। वे साजिद और मेरे संबंधों के बारे में पूछ रहे थे। मैंने उन्हें बताया कि मैं साजिद से मस्जिद में मिला जरूर था लेकिन आमतौर पर जैसे लोग मस्जिद में मिलते हैं, यह ठीक वैसी ही मुलाकात थी। जब पुलिस को लगा कि मैं बेकसूर हूं तो उन्होंने मुझे घर जाने को कहा। पूछताछ के दौरान मुझे कोई तकलीफ नहीं दी गई। जाने से पहले मेरे घरवालों के सामने एक डॉक्टर और मौलवी ने मेरी काउंसलिंग भी की और मुझे समझाया की गलत रास्ते पर कभी मत चलना। हांलाकि मैं कभी गलत रास्ते पर नहीं था, मैं बिल्कुल रास्ता नहीं भटका हूं। मैं तो चूड़ी बेचकर किसी तरह गुजारा कर रहा हूं। "
दिमागी कमजोर, रास्ता कैसे भटकेगा?
दिल्ली के चांदबाग इलाके से मंगलवार की रात पकड़े गए ज्यादातर लड़कों के बयान कमोबेश ऐसे ही हैं। उनका और उनके घरवालों का कहना है उनका जैश या आतंकवाद से कोई वास्ता नहीं। एक और रिहा हुए लड़के के भाई ने कहा कि मेरा भाई जो दिमागी तौर पर भी कमजोर है। पढ़ा-लिखा भी नहीं है और रास्ता नहीं भटका है।
पुलिस रखेगी निगरानी
दिल्ली पुलिस ने उस रात इन तंग गलियों में छापा मारकर 11 लोगों को पकड़ा था। इनमें से दस अब छोड़ दिए गए हैं। हालांकि धर्मगुरुओं और डॉक्टरों से इनकी काउसिलिंग कराई जा रही है ताकि वे भटकें नहीं। रिहा हुए सभी लड़के पुलिस की निगरानी में रहेंगे।
सिर्फ साजिद के खिलाफ पुख्ता सबूत
दिल्ली पुलिस के मुताबिक सिर्फ साजिद नाम के शख़्स के खिलाफ की पुख्ता सबूत मिले हैं। उस पर जैश ए मोहम्मद के सीधे संपर्क में होने का आरोप है। कहा जा रहा है कि वही दूसरे लड़कों को जैश में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहा था। उसके पास बम बनाने का सामान भी बरामद हुआ। यहां तक पुलिस ने दावा किया कि बीते मंगलवार को बम बनाते वक्त साजिद का हाथ भी जल गया था। साजिद के साथ लोनी से समीर और देवबंद से शाकिर भी गिरफ्तार हुआ।
इंटरनेट से आपत्तिजनक कंटेंट हटाए सरकार
रिहा हुए कई और लोगों से हमने बात करने की कोशिश की लेकिन वे सामने आने से डर रहे हैं। घनी आबादी वाले इस इलाके के लोग डरे हुए भी हैं और चितिंत भी। कोई कहता है कि अगर इंटरनेट पर जिहादी कंटेंट है तो बच्चों को उससे कैसे बचाएं। तो किसी को चांदबाग की छवि खराब होने की तकलीफ है। चांदबाग इलाके के निवासी इश्तेकार अहमद ने कहा कि अगर इंटरनेट पर जिहादी कंटेट है तो मैं सरकार से गुजारिश करूंगा कि सरकार उसे हटवाए क्योंकि कई बार बच्चे अंजाने में ऐसी बेबसाइट पर चले जाते हैं और लगता है कि वे जिहाद की तरफ मुड़ रहे हैं या आतंक की तरफ प्रेरित हो रहे हैं।
चांदबाग की छवि खराब हुई
वहीं यहां रहने वाले मोहम्मद शमीम खान, जो फैशन डिजाइनिंग का काम करते हैं, का कहना है कि यहां से 11 लोगों के पकड़े जाने के बाद उनमें से 10 लोगों को भले ही छोड़ दिया गया हो लेकिन चांदबाग अब चर्चा में आ गया है। डर है कि कोई नौकरी के लिए अपना बायोडाटा लेकर जाएगा तो इंटरव्यू लेने वाला निवास की जगह चांदबाग देखकर कुछ और न सोचने लगे?
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