![कोरोना संकट: कर्मचारियों को वेतन देने के लिए दिल्ली ने केंद्र से मांगे 5 हजार करोड़ रुपये कोरोना संकट: कर्मचारियों को वेतन देने के लिए दिल्ली ने केंद्र से मांगे 5 हजार करोड़ रुपये](https://c.ndtvimg.com/2020-05/j4fbhsco_delhi-coronavirus-afp-650_625x300_31_May_20.jpg?downsize=773:435)
कोरोना से युद्ध लड़ रहे राज्यों के सामने अब आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज प्रेस कांफ्रेंस करके बताया कि दिल्ली सरकार के सामने कर्मचारियों की सैलेरी को लेकर संकट खड़ा हो गया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को केवल सैलेरी देने और साधारण खर्च के लिए 3500 करोड़ रुपये की जरूरत है. उपमुख्यमंत्री के अनुसार दिल्ली को कुल 7 हजार करोड़ की जरुरत है, उन्होंने केंद्र सरकार से 5 हजार करोड़ रुपये की मांग की है. मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार को आपदा प्रबंधन का पैसा भी नहीं मिला है. साथ ही टैक्स कलेक्शन भी 85 फीसदी नीचे चला गया है.
मैंने केंद्रीय वित्त मंत्री को चिट्ठी लिखकर दिल्ली के लिए 5 हज़ार करोड़ रुपए की राशि की माँग की है.
— Manish Sisodia (@msisodia) May 31, 2020
कोरोना व लॉकडाउन की वजह से दिल्ली सरकार का टैक्स कलेक्शन क़रीब 85% नीचे चल रहा है. केंद्र की ओर से बाक़ी राज्यों को जारी आपदा राहत कोष से भी कोई राशि दिल्ली को नहीं मिली है.
मनीष सिसोसिदिया ने बताया कि हमने फंड की मांग के लिए वित्त मंत्री को चिट्ठी लिखी है. ताकि उन डॉक्टर्स, इंजीनियर्स और टीचरों की तनख्वाह दे सकें जो इस संकट के दौर में अपनी जान की परवाह किए बिना काम कर रहे थे. सीएम केजरीवाल ने भी मनीष सिसोदिया की इस अपील पर एक ट्वीट करते हुए केंद्र सरकार से अपील की. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि केंद्र सरकार से निवेदन है कि आपदा की इस घड़ी में दिल्ली के लोगों की मदद करे.
केंद्र सरकार से निवेदन है कि आपदा की इस घड़ी में दिल्ली के लोगों की मदद करे। https://t.co/Z82D7UEZDo
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 31, 2020
मनीष सिसोदिया ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से बंद दुकानों का असर अब सरकार के फंड पर भी पड़ रहा है. लॉकडाउन की वजह से पिछले दो महीनों में टैक्स कलेक्शन सिर्फ 500 करोड़ रुपये रहा है. अन्य स्रोतों से 1735 करोड़ रुपये आए हैं जबकि राजधानी को दो महीनों के भीतर 7 हजार करोड़ रुपये की जरूरत है.
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