प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज एक तीन सदस्यीय समिति से दिल्ली सरकार के इश्तहारों पर फिजूलखर्जी के आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया. यह समिति सरकारी विज्ञापन की सामग्री के सिलसिले में उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के उल्लंघन पर रोक के लिए नियुक्त की गई थी.
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता धींगरा की पीठ ने केन्द्र द्वारा गठित इस समिति को कांग्रेस नेता अजय माकन के प्रतिवेदन में लगाए गए इन आरोपों पर समयबद्ध तरीके से फैसला करने को कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर इश्तहार जारी कर रही है.
पीठ ने कहा, ‘‘समिति दोनों पक्षों की राय सुनेगी और फिर विस्तृत आदेश जारी करेगी.’’ अदालत माकन की याचिका समेत चार जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है जिनमें सरकारी धन को बर्बाद कर अरविंद केजरीवाल एवं उनकी आम आदमी पार्टी का महिमामंडन करते हुए प्रचार अभियान चलाने एवं इश्तहार देने का आरोप लगाया गया है और ऐसे प्रचार एवं इश्तहार पर रोक लगाने की मांग की गई है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता धींगरा की पीठ ने केन्द्र द्वारा गठित इस समिति को कांग्रेस नेता अजय माकन के प्रतिवेदन में लगाए गए इन आरोपों पर समयबद्ध तरीके से फैसला करने को कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर इश्तहार जारी कर रही है.
पीठ ने कहा, ‘‘समिति दोनों पक्षों की राय सुनेगी और फिर विस्तृत आदेश जारी करेगी.’’ अदालत माकन की याचिका समेत चार जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है जिनमें सरकारी धन को बर्बाद कर अरविंद केजरीवाल एवं उनकी आम आदमी पार्टी का महिमामंडन करते हुए प्रचार अभियान चलाने एवं इश्तहार देने का आरोप लगाया गया है और ऐसे प्रचार एवं इश्तहार पर रोक लगाने की मांग की गई है.
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