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This Article is From Feb 13, 2018

केजरीवाल सरकार की तीसरी वर्षगांठ के जश्न पर फिर सकता है पानी, नहीं दिखा पाएंगे अपना विज्ञापन!

अधिकारी यह कह रहे हैं कि इस  वाक्य को प्रमाणित करने से इनकार की वजह है कि आखिर इसे सरकार का कौन-सा विभाग क्लियर करेगा.

केजरीवाल सरकार की तीसरी वर्षगांठ के जश्न पर फिर सकता है पानी, नहीं दिखा पाएंगे अपना विज्ञापन!
अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: बुधवार यानी 14 फरवरी को अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार तीन साल पूरे करने जा रही है, मगर तीसरी वर्षगांठ मनाने से पहले ही एक बार फिर से सरकार और अधिकारियों के बीच टकराहट देखने को मिल रही है. दरअसल, बुधवार को अरविंद केजरीवाल सरकार की तीसरी वर्षगांठ के लिए प्रसारित किए जाने वाला टीवी विज्ञापन कथित तौर पर 'दृश्य और अदृश्य शक्तियों' के जिक्र की वजह से अधड़ में लटक गया है. बताया जा रहा है कि इस एड में दृश्य और अृश्य शक्तियों जैसे वाक्य का जिक्र किया गया है, जिसकी वजह से इस एड को अधिकारी पास नहीं कर रहे हैं. अधिकारी यह कह रहे हैं कि इस वाक्य को प्रमाणित करने से इनकार की वजह है कि आखिर सरकार का कौन-सा विभाग इसे क्लियर करेगा. वहीं, इस मामले पर आम आदमी पार्टी (आप) ने अविश्वास के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त की है. 

विज्ञापन में, मुख्यमंत्री केजरीवाल ने 2015 में सत्ता में आने के बाद से स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में आप सरकार के काम के बारे में बात की है और इन कामों में आने वाली बाधाओं का कैसे उन्होंने सामना किया है.  इस विज्ञापन में सीएम केजरीवाल बोलते हैं- जब आप सचाई और ईमानदारी के रास्ते पर चलते हैं तो ब्रह्मांड की सारी दृश्य और अदृश्य शक्तियां आपकी मदद करती हैं. 

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सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव अंशु प्रकाश और अन्य वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों से मुलाकात की और विज्ञापन की स्थिति के बारे में पूछा. विभिन्न विभागों के प्रमुखों ने कथित तौर पर सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का हवाला देते हुए उस पंक्ति को पास करने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि अधिकारी इस बात को लेकर स्पष्ट नहीं हैं कि दैवीय शक्ति वाले इस लाइन को कौन सा विभाग क्लियर करेगा. 

अधिकारियों ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया है कि किसी भी विज्ञापन को प्रकाशित या प्रसारित किए जाने से संबंधित सभी तथ्यों और आंकड़ों की जांच होनी चाहिए और संबंधित विभागों द्वारा इसे मंजूरी मिलनी चाहिए. 

सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के रवैये पर नाराजगी व्यक्त की है. बैठक के दौरान केजरीवाल ने कथित रूप से आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट के नियमों का दुरुपयोग किया जा रहा है. वहीं आप के एक नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश  फैक्ट्स और फिगर्स चेक करने के लिए दिये थे, न कि काम अटकाने के लिए.

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गौरतलब है कि पिछले साल राष्ट्रीय लेखा परीक्षक ने विज्ञापन को लेकर आम आदमी पार्टी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था. उसी के बाद से सूचना और प्रचार निदेशालय हर विज्ञापन को क्लियर कर रहा है. 

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