नई दिल्ली:
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मौखिक टिप्पणी की कि सीबीएसई को अपनी पुनर्मूल्यांकन नीति को खत्म नहीं करना चाहिए क्योंकि वह भी उत्तर पुस्तिकाओं को जांचने में गलती करता है.
न्यायमूर्त संजीव सचदेवा ने बारहवीं कक्षा के बोर्ड परीक्षा के अंग्रेजी और गणित विषयों की उत्तर पुस्तिकाओं को फिर से जांचने की एक छात्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, 'आप (सीबीएसई) को ऐसा नहीं करना चाहिए था. आप भी गलती करते हैं.' जवाब में सीबीएसई के वकील ने कहा कि पुनर्मूल्यांकन नीति हटा दी गई क्योंकि देशभर में बोर्ड परीक्षाओं में बैठने वाले 10 लाख छात्रों में से केवल 0.21 प्रतिशत गलतियां हुईं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
न्यायमूर्त संजीव सचदेवा ने बारहवीं कक्षा के बोर्ड परीक्षा के अंग्रेजी और गणित विषयों की उत्तर पुस्तिकाओं को फिर से जांचने की एक छात्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, 'आप (सीबीएसई) को ऐसा नहीं करना चाहिए था. आप भी गलती करते हैं.' जवाब में सीबीएसई के वकील ने कहा कि पुनर्मूल्यांकन नीति हटा दी गई क्योंकि देशभर में बोर्ड परीक्षाओं में बैठने वाले 10 लाख छात्रों में से केवल 0.21 प्रतिशत गलतियां हुईं.
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