विजय गोयल ने कहा कि, 'चारों नेता यहां नीति आयोग की बैठक में शामिल होने आए हैं, न कि राजनीति करने. यह उन्हें शोभा नहीं देता है'.
नई दिल्ली:
बीजेपी ने धरने पर बैठे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समर्थन में उतरे चार गैर एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की आलोचना करते हुए सवाल खड़ा किया है कि आखिर इन्होंने दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के वक्त क्यों नहीं बोला? बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजय गोयल ने कहा कि, 'चारों नेता यहां नीति आयोग की बैठक में शामिल होने आए हैं, न कि राजनीति करने. यह उन्हें शोभा नहीं देता है'. उन्होंने कहा कि, 'ये लोग तब कहां थे जब दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से अरविंद केजरीवाल के घर उन्हीं की मौजूदगी में मारपीट हुई थी. जरा सोचिये कि अगर इनके राज्यों के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के समर्थन में आ जाएं तो क्या होगा'. गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समर्थन में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, केरल के सीएम पिनरई विजयन और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी उतर आए हैं. उन्होंने एलजी अनिल बैजल से केजरीवाल से मिलने की इजाजत मांगी थी, लेकिन उन्होंने अनुमति देने से इंकार कर दिया.
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मुलाकात की इजाजत नहीं मिलने के बाद चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सीएम आवास जाकर केजरीवाल के परिवार से मुलाकात की. इसके बाद उनलोगों ने प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी एकजुटता दिखाई और कहा कि हम केजरीवाल का समर्थन करने आए हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह इस मामले को पीएम के सामने भी उठाएंगी. ममता ने कहा कि किसी भी मुख्यमंत्री को अगर दिक्कत होती है तो हम समर्थन करेंगे. हम चाहते है कि समस्या का हल निकले. ये नहीं होना चाहिए. ममता ने कहा कि दिल्ली का अगर ये हाल है तो बाहर बहुत गलत मैसेज जा रहा है. अगर कोई बीजेपी का मुख्यमंत्री भी कहता है तो हम उसको भी सुनेंगे. हम LG को संवैधानिक संस्था मानते हैं. हम लोकतंत्र को मानते हैं, लेकिन हम मुख्यमंत्री के साथ नहीं मिल पा रहे हैं.
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कहा कि मैं किसी पर आरोप नहीं लगाना चाहती हूं कि कौन इस परिस्थिति के लिए जिम्मेदार है. हमारी भी इज्जत है हम ऐसे सड़क पर मार्च नहीं कर सकते हैं. अगर LG इजाजत नहीं देंगे तो हम क्या करेंगे. हम सरकार और अधिकारी दोनों की इज्जत करेंगे. हम मारपीट पर चर्चा नहीं करेंगे. प्रेस कांफ्रेंस में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा, 'आज हम दिल्ली के सीएम का समर्थन करने आए हैं. वह दिल्ली के चुने हुए सीएम हैं. उनकी सभी मांगे मानी जाएं. चुनी हुई सरकार को काम करने दिया जाए. ममता जी ने एलजी से मिलने की अनुमति मांगी है, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया है.' वहीं कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी ने इस मामले में पीएम से हस्तक्षेप की मांग की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए. केरल के सीएम पिनरई विजयन ने कहा कि लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकार को काम करने दिया जाए.
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मुलाकात की इजाजत नहीं मिलने के बाद चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सीएम आवास जाकर केजरीवाल के परिवार से मुलाकात की. इसके बाद उनलोगों ने प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी एकजुटता दिखाई और कहा कि हम केजरीवाल का समर्थन करने आए हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह इस मामले को पीएम के सामने भी उठाएंगी. ममता ने कहा कि किसी भी मुख्यमंत्री को अगर दिक्कत होती है तो हम समर्थन करेंगे. हम चाहते है कि समस्या का हल निकले. ये नहीं होना चाहिए. ममता ने कहा कि दिल्ली का अगर ये हाल है तो बाहर बहुत गलत मैसेज जा रहा है. अगर कोई बीजेपी का मुख्यमंत्री भी कहता है तो हम उसको भी सुनेंगे. हम LG को संवैधानिक संस्था मानते हैं. हम लोकतंत्र को मानते हैं, लेकिन हम मुख्यमंत्री के साथ नहीं मिल पा रहे हैं.
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कहा कि मैं किसी पर आरोप नहीं लगाना चाहती हूं कि कौन इस परिस्थिति के लिए जिम्मेदार है. हमारी भी इज्जत है हम ऐसे सड़क पर मार्च नहीं कर सकते हैं. अगर LG इजाजत नहीं देंगे तो हम क्या करेंगे. हम सरकार और अधिकारी दोनों की इज्जत करेंगे. हम मारपीट पर चर्चा नहीं करेंगे. प्रेस कांफ्रेंस में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा, 'आज हम दिल्ली के सीएम का समर्थन करने आए हैं. वह दिल्ली के चुने हुए सीएम हैं. उनकी सभी मांगे मानी जाएं. चुनी हुई सरकार को काम करने दिया जाए. ममता जी ने एलजी से मिलने की अनुमति मांगी है, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया है.' वहीं कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी ने इस मामले में पीएम से हस्तक्षेप की मांग की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए. केरल के सीएम पिनरई विजयन ने कहा कि लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकार को काम करने दिया जाए.
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