छात्र के परिवार के सदस्यों तथा मित्रों ने कॉलेज के बाहर प्रदर्शन किया
नोएडा (उत्तर प्रदेश):
उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थित एमिटि विधि स्कूल के छात्र द्वारा कथित तौर पर आत्महत्या करने के मामले में यूनिवर्सिटी ने दो संकाय सदस्यों को अवकाश पर भेज दिया है. इसके साथ ही यूनिवर्सिटी ने मामले की जांच के लिए छह सदस्यीय समिति का गठन किया है. छात्र के परिजन ने कॉलेज प्राधिकार पर छात्र को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है.
छात्र के परिवार के सदस्यों तथा मित्रों ने कॉलेज के बाहर प्रदर्शन किया और अधिकारियों की तरफ से मामले में गड़बड़ी का आरोप लगाया. वहीं एमिटि की प्रवक्ता सविता मेहता ने कहा, 'हमने मामले की जांच करने और रिपोर्ट सौंपने के लिए छह सदस्यीय समिति का गठन किया है. निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए, दो संकाय सदस्यों को जांच पूरी होने तक अवकाश पर भेज दिया गया है.'
कॉलेज में बीए-एलएलबी के चौथे वर्ष के छात्र सुशांत रोहिला राज्यसभा सचिवालय के संयुक्त सचिव स्तर के एक अधिकारी का बेटा था. उसे 'हाजिरी की कमी' की वजह से मई में छठे सेमेस्टर की परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया था, जिसके बाद उसने दक्षिणी दिल्ली के सरोजिनी नगर स्थित अपने घर में पिछले हफ्ते आत्महत्या कर ली थी.
मृतक के परिवार के अनुसार, सुशांत और 19 अन्य छात्र, जिन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई थी, से वादा किया गया था कि उन्हें परीक्षा में बैठने दिया जाएगा और अगले सेमेस्टर में जाने दिया जाएगा. आत्महत्या करने वाले छात्र की बहन महक रोहिला ने कहा, 'कॉलेज अधिकारी अपनी बात से पलट गए और उसे परीक्षा के एक महीने बाद मेल भेजकर कहा कि हाजिरी की कमी की वजह से उसे परीक्षा की अनुमति नहीं दी गई तथा उसे उसी सेमेस्टर में दोबारा प्रवेश के लिए आवेदन करना चाहिए. तब से वह काफी तनाव में था.'
एमिटी यूनिवर्सिटी ने हालांकि रोहिला की मौत के मामले में अपनी किसी भूमिका से इनकार किया है और घटना पर दुख व्यक्त किया है. मेहता ने कहा, 'एमिटी लॉ स्कूल, दिल्ली गुरु गोविंद सिंह आईपी यूनिवर्सिटी से संबद्ध है. छात्रों को उस यूनिवर्सिटी के फैसले के अनुसार परीक्षा देने से रोका गया था और एमिटी लॉ स्कूल की इसमें कोई भूमिका नहीं है.' उन्होंने कहा, 'रोहिला की हाजिरी 43 प्रतिशत थी, जबकि इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी के नियमानुसार छात्र की हाजिरी कम से कम 75 प्रतिशत होनी चाहिए. उसके अभिभावकों को कई बार ई-मेल से इसकी सूचना दी गई थी.' मेहता ने कहा, 'इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी के नियमानुसार हाजिरी आईपीयू को भेजी गई, वही परीक्षा के लिए छात्रों को प्रवेशपत्र जारी करता है.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
छात्र के परिवार के सदस्यों तथा मित्रों ने कॉलेज के बाहर प्रदर्शन किया और अधिकारियों की तरफ से मामले में गड़बड़ी का आरोप लगाया. वहीं एमिटि की प्रवक्ता सविता मेहता ने कहा, 'हमने मामले की जांच करने और रिपोर्ट सौंपने के लिए छह सदस्यीय समिति का गठन किया है. निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए, दो संकाय सदस्यों को जांच पूरी होने तक अवकाश पर भेज दिया गया है.'
कॉलेज में बीए-एलएलबी के चौथे वर्ष के छात्र सुशांत रोहिला राज्यसभा सचिवालय के संयुक्त सचिव स्तर के एक अधिकारी का बेटा था. उसे 'हाजिरी की कमी' की वजह से मई में छठे सेमेस्टर की परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया था, जिसके बाद उसने दक्षिणी दिल्ली के सरोजिनी नगर स्थित अपने घर में पिछले हफ्ते आत्महत्या कर ली थी.
मृतक के परिवार के अनुसार, सुशांत और 19 अन्य छात्र, जिन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई थी, से वादा किया गया था कि उन्हें परीक्षा में बैठने दिया जाएगा और अगले सेमेस्टर में जाने दिया जाएगा. आत्महत्या करने वाले छात्र की बहन महक रोहिला ने कहा, 'कॉलेज अधिकारी अपनी बात से पलट गए और उसे परीक्षा के एक महीने बाद मेल भेजकर कहा कि हाजिरी की कमी की वजह से उसे परीक्षा की अनुमति नहीं दी गई तथा उसे उसी सेमेस्टर में दोबारा प्रवेश के लिए आवेदन करना चाहिए. तब से वह काफी तनाव में था.'
एमिटी यूनिवर्सिटी ने हालांकि रोहिला की मौत के मामले में अपनी किसी भूमिका से इनकार किया है और घटना पर दुख व्यक्त किया है. मेहता ने कहा, 'एमिटी लॉ स्कूल, दिल्ली गुरु गोविंद सिंह आईपी यूनिवर्सिटी से संबद्ध है. छात्रों को उस यूनिवर्सिटी के फैसले के अनुसार परीक्षा देने से रोका गया था और एमिटी लॉ स्कूल की इसमें कोई भूमिका नहीं है.' उन्होंने कहा, 'रोहिला की हाजिरी 43 प्रतिशत थी, जबकि इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी के नियमानुसार छात्र की हाजिरी कम से कम 75 प्रतिशत होनी चाहिए. उसके अभिभावकों को कई बार ई-मेल से इसकी सूचना दी गई थी.' मेहता ने कहा, 'इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी के नियमानुसार हाजिरी आईपीयू को भेजी गई, वही परीक्षा के लिए छात्रों को प्रवेशपत्र जारी करता है.'
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