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कमरा नंबर 13.. अल-फलाह यूनिवर्सिटी आतंकियों की साजिश का ठिकाना, मुजम्मिल की डायरी से खुले कई राज

राजधानी दिल्ली के लाल किले इलाके के करीब हुआ बम ब्लास्ट में लगातार बड़े खुलासे हो रहे हैं. डॉक्टर मुजम्मिल शकील राजधानी में दीवाली के दौरान ही धमाका करने का प्लान बना चुका था.

डॉ मुजम्मिल शकील की डायरी से खुले कई राज
  • डॉक्टर मुजम्मिल शकील की डायरी से दिल्ली ब्लास्ट के कई राज खुल रहे हैं
  • अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कमरा नंबर 13 में साजिश रची जाती थी, डायरी से खुलासा
  • सूत्रों के मुताबिक, आतंकवादी देश के कई और शहरों को अपना निशाना बनाने वाले थे
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नई दिल्ली:

हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी आतंकियों का मीटिंग प्वाइंट था. दिल्ली ब्लास्ट का साजिशकर्ता डॉक्टर मुजम्मिल शकील की डायरी से कई बड़े खुलासे हुए हैं. यूनिवर्सिटी का बिल्डिंग नंबर 17 का कमरा नंबर 13 में आतंकवादी मिलते थे. यहीं से सारी प्लानिंग होती थी. इन आतंकियों का दिल्ली के कई इलाकों में बम धमाका करने की साजिश थी. 

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कमरा नंबर 13 का राज 

पुलवामा का रहने वाला मुजम्मिल शकील की डायरी से ऐसे कई खुलासे हुए हैं जो चौंकाने वाले हैं. डायरी के पन्नों से इन आतंकियों की नापाक इरादों की जानकारी मिल रही है. यूनिवर्सिटी का बिल्डिंग नंबर 17 के कमरा नंबर 13 में आतंकी मिलकर पूरी साजिश रचते थे. ये 13 नंबर कमरा पुलवामा के डॉक्टर मुझम्मिल का था और यहां दूसरे आतंकी डॉक्टर्स के साथ वो मीटिंग किया करता था. यूनिवर्सिटी से लैब से कुछ कैमिकल किस तरह से यूनिवर्सिटी से बाहर मुझम्मिल के कमरे पर ले जाने है सब इसी कमरे में तय होता था.

पेन ड्राइव मिला 

पुलिस ने कमरा नंबर 13 को सीज कर लिया है. इस कमरे से पुलिस को कई तरह के डिवाइस और पेन ड्राइव मिले हैं. इस कैम्पस में दो फैकल्टी डॉक्टर उमर उन नबी और  शाहीन शाहिद ने कॉलेज की लैब से कैमिकल अरेंज करके फरीदाबाद के धौज और तगा गांव में ट्रांसपोर्ट किए थे. फोरेंसिक टीम ने 17 नंबर बिल्डिंग के कमरा नंबर 13 से और लैब से कुछ रसायनिक पदार्थ और डिजिटल डेटा बरामद किया है.

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विस्फोटक किए गए थे तैयार 

जांच एजेंसियों को शक है इन रसायनिक पदार्थो, कम मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट और ऑक्साइड मिलाकर ही विस्फोटक तैयार किए गए थे. दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के अनुसार लाल किला विस्फोट के आरोपी डॉ. मुजम्मिल, डॉ. अदील, उमर और शाहीन ने मिलकर लगभग 20 लाख रुपये नकद जुटाए, जो उमर को सौंपे गए थे. एजेंसियों के अनुसार, बाद में उन्होंने नूंह और से IED तैयार करने के लिए 3 लाख रुपये  का 20 क्विंटल से ज्यादा NPK उर्वरक खरीदा गया था. उमर और डॉ. मुजम्मिल के बीच पैसों का विवाद भी था. उमर ने सिग्नल ऐप पर 2-4 सदस्यों वाला एक ग्रुप बनाया था.

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तीन और कारों में लगाना था विस्फोटक

सूत्रों के अनुपसार उमर की i20 कार की तरह विस्फोटक से तैयार होनी बाकी थी तीन और कारें. हरियाणा पुलिस सूत्रों के मुताबिक डॉक्टर्स की आड़ में आतंक का खेल खेलने वाले डॉक्टर्स की बम ब्लास्ट की बहुत बड़ी प्लानिंग थी. सूत्रों ने बताया कि इनका प्लान सिर्फ दिल्ली ही नहीं, अयोध्या, प्रयागराज समेत कई जगहों पर ब्लास्ट करने का था. दो-दो के ग्रुप में तैयार हुए थे 8 आतंकियों के ग्रुप, हर जगह ब्लास्ट के लिए पुरानी सेकेंड हैंड कार की गई थी अरेंज. उमर के पास जो i20 कार थी, इसके अलावा लाल रंग की इको स्पोर्ट के अलावा दो और कार विस्फोटक से तैयार होनी बाकी थी.


शिपमेंट और पैकेज थे कोडवर्ड

अगर जम्मू कश्मीर पुलिस के जरिए इस यूनिवर्सिटी और डॉक्टर्स की साजिश का खुलासा न होता तो एक साथ देश के अलग-अलग हिस्सों में कई ब्लास्ट करने की साजिश रची जा रही थी.विस्फोटक का कोड वर्ड शिपमेंट और पैकेज था. सूत्रों के मुताबिक आतंकी विदेशी हैंडलर्स से एन्क्रिप्टेड रूट के जरिए से बात करते थे और इन्हें आदेश भी इसपर ही मिलते थे. अमोनियम नाइट्रेट, ऑक्साइड, फ्यूल ऑयल से जो ये विस्फोटक तैयार करते थे इनको कोड वर्ड में लिखा करते थे. आतंकी डॉक्टर विस्फोटक को शिपमेंट और पैकेज लिखा करते थे. इनके फोन से ये कोड वर्ड बरामद हुए हैं.

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