दरअसल, अमानतुल्लाह पर कार्रवाई न होने से कुमार विश्वास नाराज हैं....
नई दिल्ली:
आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास और विधायक अमानतुल्ला खान के बीच आपसी विवाद बढ़ने के कारण पार्टी में टूट का संकट गहरा गया है और बगावत के सुर उठते दिख रहे हैं. ओखला से विधायक अमानतुल्ला खान द्वारा भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाए जाने के बाद कुमार विश्वास ने मंगलवार को पार्टी छोड़ने तक के संकेत दे दिए. विश्वास ने पार्टी में उनके खिलाफ साजिश रचे जाने का आरेाप लगाया और कहा कि वे 'आप' में अपने भविष्य का फैसला आज रात करेंगे. इसी सिलसिले में पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया के साथ रात को कुमार विश्वास को मनाने उनके घर पहुंचे हैं. इससे पहले अरविंद ने कहा कि कुमार विश्वास अभी नाराज हैं, उम्मीद है उन्हें मना लेंगे.
इतना ही नहीं विश्वास ने सोमवार को पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की बैठक में पार्टी नेताओं को मीडिया से बात करने पर परहेज बरतने के फैसले को धता बताते हुए आज पत्रकारों से औपचारिक बातचीत भी की. इस दौरान उन्होंने कहा कि वह पार्टी की गलतियों को उजागर करते रहेंगे और देशहित में जो भी सही होगा उसे बोलने से नहीं रूकेंगे.
विश्वास के कल पीएसी की बैठक में शामिल नहीं होने पर पार्टी में टकराव के हालात सार्वजनिक रूप से सतह पर आ गए. हालांकि खान और विश्वास द्वारा पार्टी के अंदरूनी मामलों पर सार्वजनिक बयानबाजी करने की पीएसी में कड़ी निंदा की गई. इस पर खान ने पीएसी से इस्तीफा दे दिया, जिसे स्वीकार भी कर लिया गया.
विश्वास ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आप संयोजक पद से हटाकर उन्हें यह जिम्मेदारी देने की मांग के सवाल पर कहा कि उनके मन में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री या आप संयोजक बनने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है. पंजाब, गोवा विधानसभा चुनाव और नगर निगम चुनाव में आप के लचर प्रदर्शन को देखते हुए पार्टी के तमाम विधायक केजरीवाल
को पार्टी संयोजक पद से हटाने की पैरोकारी कर रहे हैं. विश्वास ने भावुक होते हुए कहा कि 'मैं यह बात केजरीवाल और सिसोदिया को पहले ही बता चुका हूं कि मेरी ऐसी कोई इच्छा नहीं है. ना ही मैं स्वराज इंडिया या किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल होने जा रहा हूं'.
हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि खान अगर केजरीवाल या सिसोदिया के खिलाफ कुछ भी बोलते तो उन्हें 10 मिनट के भीतर पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता. इससे पहले मंत्री कपिल मिश्रा सहित आज आप के वरिष्ठ नेताओं ने विश्वास से मुलाकात कर उन्हें मनाने की कोशिश की, लेकिन इसका कोई खास असर होता नहीं दिखा.
(इनपुट भाषा से)
इतना ही नहीं विश्वास ने सोमवार को पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की बैठक में पार्टी नेताओं को मीडिया से बात करने पर परहेज बरतने के फैसले को धता बताते हुए आज पत्रकारों से औपचारिक बातचीत भी की. इस दौरान उन्होंने कहा कि वह पार्टी की गलतियों को उजागर करते रहेंगे और देशहित में जो भी सही होगा उसे बोलने से नहीं रूकेंगे.
विश्वास के कल पीएसी की बैठक में शामिल नहीं होने पर पार्टी में टकराव के हालात सार्वजनिक रूप से सतह पर आ गए. हालांकि खान और विश्वास द्वारा पार्टी के अंदरूनी मामलों पर सार्वजनिक बयानबाजी करने की पीएसी में कड़ी निंदा की गई. इस पर खान ने पीएसी से इस्तीफा दे दिया, जिसे स्वीकार भी कर लिया गया.
विश्वास ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आप संयोजक पद से हटाकर उन्हें यह जिम्मेदारी देने की मांग के सवाल पर कहा कि उनके मन में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री या आप संयोजक बनने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है. पंजाब, गोवा विधानसभा चुनाव और नगर निगम चुनाव में आप के लचर प्रदर्शन को देखते हुए पार्टी के तमाम विधायक केजरीवाल
को पार्टी संयोजक पद से हटाने की पैरोकारी कर रहे हैं. विश्वास ने भावुक होते हुए कहा कि 'मैं यह बात केजरीवाल और सिसोदिया को पहले ही बता चुका हूं कि मेरी ऐसी कोई इच्छा नहीं है. ना ही मैं स्वराज इंडिया या किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल होने जा रहा हूं'.
हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि खान अगर केजरीवाल या सिसोदिया के खिलाफ कुछ भी बोलते तो उन्हें 10 मिनट के भीतर पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता. इससे पहले मंत्री कपिल मिश्रा सहित आज आप के वरिष्ठ नेताओं ने विश्वास से मुलाकात कर उन्हें मनाने की कोशिश की, लेकिन इसका कोई खास असर होता नहीं दिखा.
(इनपुट भाषा से)
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