प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
दिल्ली सरकार के आदेश पर जेएनयू के विवादास्पद कार्यक्रम के वीडियो क्लिपिंग के सेट की हैदराबाद स्थित ट्रूथ लैब में कई गई फॉरेसिंक जांच से पता चला है कि सात में से दो वीडियो में 'जोड़ तोड़' हुई।
ट्रूथ लैब के अधिकारी ने एनडीटीवी से बातचीत में यह खुलासा किया। अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा हैदराबाद स्थित ट्रूथ लैब को भेजे गए सात वीडियो में से दो में छेड़छाड़ पाई गई है, जबकि बाकी वीडियो वास्तविक है।
जानकारी के अनुसार ट्रूथ लैब को दिल्ली सरकार की ओर से सात वीडियो दिए गए थे। इन सभी वीडियो को यूट्यूब से लिया गया था। इन सात में से दो वीडियो में आवाज बाहर से डाली गई थी। वीडियो में निरंतरता नहीं दिखी। ये आवाजें किसकी हैं इस बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। लैब का कहना है कि आज कल इस प्रकार की छेड़ छाड़ संभव है। जांच में वीडियो में एडिटिंग की बात सामने आई है। जेएनयू ने भी पांच वीडियो लैब को उपलब्ध कराए हैं। इस रिपोर्ट के परिणामों को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है।
उल्लेखनीय है कि कल यह खबर आई थी की हेरफेर किए गए क्लिप्स में वीडियो को संपादित किया गया और आवाजों को जोड़ दिया गया। पूरक के साथ मुख्य रिपोर्ट दिल्ली सरकार को सौंपी गई है। यह पूछे जाने पर कि क्या जिन आवाजों को जोड़ा गया वे व्यक्ति छेडछाड़ किए क्लिप्स में नजर नहीं आए, लैब की ओर से कहा गया, 'बेशक'।
अरविंद केजरीवाल नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने जेएनयू कैंपस में 9 फरवरी को कथित देशविरोधी नारेबाजी की घटना की तफ्तीश के लिए 13 फरवरी को मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए थे। इससे पहले कथित तौर पर जेएनयू कैंपस में एक कार्यक्रम में भारत विरोधी नारेबाजी करने का एक वीडियो सामने आने के बाद मामला और उलझ गया था।
ट्रूथ लैब के अधिकारी ने एनडीटीवी से बातचीत में यह खुलासा किया। अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा हैदराबाद स्थित ट्रूथ लैब को भेजे गए सात वीडियो में से दो में छेड़छाड़ पाई गई है, जबकि बाकी वीडियो वास्तविक है।
जानकारी के अनुसार ट्रूथ लैब को दिल्ली सरकार की ओर से सात वीडियो दिए गए थे। इन सभी वीडियो को यूट्यूब से लिया गया था। इन सात में से दो वीडियो में आवाज बाहर से डाली गई थी। वीडियो में निरंतरता नहीं दिखी। ये आवाजें किसकी हैं इस बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। लैब का कहना है कि आज कल इस प्रकार की छेड़ छाड़ संभव है। जांच में वीडियो में एडिटिंग की बात सामने आई है। जेएनयू ने भी पांच वीडियो लैब को उपलब्ध कराए हैं। इस रिपोर्ट के परिणामों को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है।
उल्लेखनीय है कि कल यह खबर आई थी की हेरफेर किए गए क्लिप्स में वीडियो को संपादित किया गया और आवाजों को जोड़ दिया गया। पूरक के साथ मुख्य रिपोर्ट दिल्ली सरकार को सौंपी गई है। यह पूछे जाने पर कि क्या जिन आवाजों को जोड़ा गया वे व्यक्ति छेडछाड़ किए क्लिप्स में नजर नहीं आए, लैब की ओर से कहा गया, 'बेशक'।
अरविंद केजरीवाल नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने जेएनयू कैंपस में 9 फरवरी को कथित देशविरोधी नारेबाजी की घटना की तफ्तीश के लिए 13 फरवरी को मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए थे। इससे पहले कथित तौर पर जेएनयू कैंपस में एक कार्यक्रम में भारत विरोधी नारेबाजी करने का एक वीडियो सामने आने के बाद मामला और उलझ गया था।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
जेएनयू विवाद, देश विरोधी नारेबाजी, दिल्ली सरकार, अरविंद केजरीवाल, ट्रूथ लैब, हैदराबाद, JNU Dispute, Anti India Slogans, Delhi Government, Arvind Kejriwal, Truth Lab, Hyderabad