फाइल फोटो
गाजियाबाद:
गाजियाबाद के ऑडी हिट एंड रन मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है. बरेली के एक शख्स के नाम पर किसी ने खुद को आरोपी बताते हुए कोर्ट से जमानत ले ली. अब असली शख्स जमानत लेने वाले और ऑडी कार के मालिक पर कार्रवाई करने की बात कर रहा है. बरेली के लभेड़ा गांव के इशाक अहमद का परिवार अचानक सुर्खियों में है. दरअसल इशाक नाम के एक शख्स ने 28 जनवरी को गाजियाबाद में हुए इसी ऑडी हिट एंड रन मामले खुद को आरोपी बताते हुए में कोर्ट से जमानत ले ली, लेकिन जब इशाक से मीडिया ने संपर्क किया तो उसने बताया कि उसने ऑडी कार कभी नहीं चलाई, वो तो ट्रक चलाता है और हादसे वाले दिन अहमदाबाद में था. एनडीटीवी से बातचीत में इशाक ने कहा कि वह डॉ. मनीष रावत के खिलाफ कार्रवाई कराएंगे.
इशाक ने कहा, 'मैं गाड़ी श्रीरामपुर बॉर्डर पर छोड़कर वापस आ रहा हूं, मेरे भाई हैं यहां पर आ रहा हूं और क्या करूं. जब उनसे पूछा गया कि तो क्या जमानत आपके नाम पर किसी और ने ले ली तो इशाक ने कहा, जी जी, इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई होगी, ये फ्रॉड बनकर बेल लेने वाले के खिलाफ और डॉक्टर साहब जिसने पैसा देकर इसे भेजा है उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. 28 जनवरी को गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके में तेज रफ्तार ऑडी कार ने इस ऑटो में जोरदार टक्कर मारी. हादसे में ऑटो में बैठे 4 लोगों की मौत हो गयी थी.
जांच में पता चला कि कार सफदरजंग हॉस्पीटल के न्यूरोसर्जन डॉ. मनीष रावत की है. हैरान करने वाली बात यह है कि गाजियाबाद पुलिस अब तक मनीष तक नहीं पहुंच पायी है. लभेड़ा गांव में एक और इशाक है और वो भी इस हादसे से ताल्लुक नहीं रखता. कार का मालिक मनीष अब तक गायब है और पुलिस ये तय नहीं कर सकी है कि दरअसल कार चला कौन रहा था.
इशाक ने कहा, 'मैं गाड़ी श्रीरामपुर बॉर्डर पर छोड़कर वापस आ रहा हूं, मेरे भाई हैं यहां पर आ रहा हूं और क्या करूं. जब उनसे पूछा गया कि तो क्या जमानत आपके नाम पर किसी और ने ले ली तो इशाक ने कहा, जी जी, इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई होगी, ये फ्रॉड बनकर बेल लेने वाले के खिलाफ और डॉक्टर साहब जिसने पैसा देकर इसे भेजा है उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. 28 जनवरी को गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके में तेज रफ्तार ऑडी कार ने इस ऑटो में जोरदार टक्कर मारी. हादसे में ऑटो में बैठे 4 लोगों की मौत हो गयी थी.
जांच में पता चला कि कार सफदरजंग हॉस्पीटल के न्यूरोसर्जन डॉ. मनीष रावत की है. हैरान करने वाली बात यह है कि गाजियाबाद पुलिस अब तक मनीष तक नहीं पहुंच पायी है. लभेड़ा गांव में एक और इशाक है और वो भी इस हादसे से ताल्लुक नहीं रखता. कार का मालिक मनीष अब तक गायब है और पुलिस ये तय नहीं कर सकी है कि दरअसल कार चला कौन रहा था.
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