पुलिस की गिरफ्त में आरोपी सवनीत और हशमीत.
नई दिल्ली:
कार की नंबर प्लेट निकाली, उसका बीमा कराने की कोशिश की और जब बात नहीं बनी तो मरम्मत के बजाय मर्सडीज़ कार को कबाड़ी को बेचने के लिए निकले...लेकिन इसी बीच पुलिस के हाथ लग गए. यह कहानी है दिल्ली के पश्चिम विहार के मर्सडीज़ हिट एंड रन मामले की. इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. आरोपी सवनीत ने पांच फरवरी को अपनी मर्सडीज़ कार से युवक अतुल अरोड़ा को रौंद डाला था और मौके से भाग गया था. पुलिस तभी से उसको तलाश रही थी.
आरोपी तक पुलिस के पहुंचने की कहानी दिलचस्प है. पकड़े गए आरोपियों में सवनीत और उसका चचेरा भाई हशमीत शामिल है. सवनीत ने ही पांच फरवरी को पश्चिम विहार इलाके में अपनी मर्सडीज़ कार से 17 साल के अतुल अरोड़ा को रौंद डाला था और मौके से भाग गया था. आसपास लगे कई सीसीटीवी कैमरों में उसकी कार की तस्वीरें तो कैद हुईं लेकिन किसी भी तस्वीर में कार का नंबर नहीं मिल सका. ऐसे में कार तक पहुंचना बड़ी चुनौती थी. क्राइम ब्रांच को पता चला कि एक शख्स किसी इंश्योरेंस कंपनी से अपनी कार का इंश्योरेंस कराने के लिए संपर्क कर रहा है. हादसे के वक्त इस कार का इंश्योरेंस नहीं था. इसी सूत्र के जरिए पुलिस आरोपी तक पहुंच गई.
पुलिस के मुताबिक हादसे के वक्त कार में हशमीत भी बैठा हुआ था. सवनीत का राजौरी गार्डन में फर्नीचर का कारोबार है जबकि हशमीत गुड़गांव में एक एमएनसी में काम करता है. हादसे के बाद आरोपी कार को एक खाली प्लॉट में ले गए और बाद में उन्होंने कार अपने एक दोस्त के घर के बाहर खड़ी कर दी. पुलिस से बचने के लिए उन्होंने कार की पीछे की नंबर प्लेट कार की डिक्की में डाल दी. यहां तक कि वे कार की मरम्मत कराने की जगह उसे कबाड़ी के यहां बेचने ले जा रहे थे, लेकिन बीच में ही पकड़े गए.
पुलिस को शक है कि हादसे के वक्त दोनों ने शराब पी रखी थी. आरोपी सवनीत ने कहा कि वह इसलिए तेज रफ्तार कार चला रहा था क्योंकि उसे पता चला था उसकी फर्नीचर की दुकान के पास आग लगी है, जबकि ऐसा नहीं था. पांच मार्च को स्कूटी सवार 17 साल के अतुल अरोड़ा की मौत हो गई थी. इकलौते लड़के अतुल की मौत से उसका परिवार बेहद सदमे में है.
पुलिस से बचने के लिए आरोपियों ने हर वह कोशिश की जो वे कर सकते थे, लेकिन एक छोटे से सुराग से पुलिस उन तक पहुंच गई.
आरोपी तक पुलिस के पहुंचने की कहानी दिलचस्प है. पकड़े गए आरोपियों में सवनीत और उसका चचेरा भाई हशमीत शामिल है. सवनीत ने ही पांच फरवरी को पश्चिम विहार इलाके में अपनी मर्सडीज़ कार से 17 साल के अतुल अरोड़ा को रौंद डाला था और मौके से भाग गया था. आसपास लगे कई सीसीटीवी कैमरों में उसकी कार की तस्वीरें तो कैद हुईं लेकिन किसी भी तस्वीर में कार का नंबर नहीं मिल सका. ऐसे में कार तक पहुंचना बड़ी चुनौती थी. क्राइम ब्रांच को पता चला कि एक शख्स किसी इंश्योरेंस कंपनी से अपनी कार का इंश्योरेंस कराने के लिए संपर्क कर रहा है. हादसे के वक्त इस कार का इंश्योरेंस नहीं था. इसी सूत्र के जरिए पुलिस आरोपी तक पहुंच गई.
पुलिस के मुताबिक हादसे के वक्त कार में हशमीत भी बैठा हुआ था. सवनीत का राजौरी गार्डन में फर्नीचर का कारोबार है जबकि हशमीत गुड़गांव में एक एमएनसी में काम करता है. हादसे के बाद आरोपी कार को एक खाली प्लॉट में ले गए और बाद में उन्होंने कार अपने एक दोस्त के घर के बाहर खड़ी कर दी. पुलिस से बचने के लिए उन्होंने कार की पीछे की नंबर प्लेट कार की डिक्की में डाल दी. यहां तक कि वे कार की मरम्मत कराने की जगह उसे कबाड़ी के यहां बेचने ले जा रहे थे, लेकिन बीच में ही पकड़े गए.
पुलिस को शक है कि हादसे के वक्त दोनों ने शराब पी रखी थी. आरोपी सवनीत ने कहा कि वह इसलिए तेज रफ्तार कार चला रहा था क्योंकि उसे पता चला था उसकी फर्नीचर की दुकान के पास आग लगी है, जबकि ऐसा नहीं था. पांच मार्च को स्कूटी सवार 17 साल के अतुल अरोड़ा की मौत हो गई थी. इकलौते लड़के अतुल की मौत से उसका परिवार बेहद सदमे में है.
पुलिस से बचने के लिए आरोपियों ने हर वह कोशिश की जो वे कर सकते थे, लेकिन एक छोटे से सुराग से पुलिस उन तक पहुंच गई.
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