साल 2013 में दिल्ली में जब एक नई पार्टी का उदय हुआ तो एक ऐसा चेहरा भी उसके साथ जुड़ा, जिसे कोई जानता तक नहीं था. वो नया चेहरा कई और नहीं आतिशी मार्लेना (Delhi New CM Atishi Marlena) थीं. धीरे-धीरे वह पार्टी के कामकाज में इस कदर योगदान देने लगीं कि उनको पहचान मिलने लगी. उन्होंने आम आदमी पार्टी की नीतियां बनाने में खूब मदद की. जिस दिन आतिशी ने आम आदमी पार्टी की दफ्तर में अपना पहला कदम रखा होगा, उन्होंने शायद सपने में भी नहीं सोचा होगा कि वह एक दिन दिल्ली के सीएम कुर्सी तक का सफर तय कर लेंगी. आतिशी ने एक पेशेवर नौकरी छोड़ जब राजनीति के दलदल में उतरने का विकल्प चुना तो उनके कॉलेज जूनियर्स का भी उनको खूब सपोर्ट मिला. दिल्ली की एजुकेशन पॉलिसी बनाने में भी आतिशी की अहम भूमिका रही है.
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सेंट स्टीफन कॉलेज की वो गुमनाम स्टूडेंट
आतिशी ने अपनी शरुआती पढ़ाई दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से की है. सेंट स्टीफन कॉलेज की वो गुमनाम स्टूडेंट, जिसके हाथ के लिखे हिस्ट्री के नोट्स ने न जाने कितने स्टूडेंट की नैय्या पार लगा दी. मुंबई मिरर के मुताबिक, उनके नोट्स बैच दर बैच पास होते रहे हैं. जब आतिशी ने साल 2019 के पूर्वी दिल्ली से लोकसभा चुनाव में उतरने का फैसला लिया, तो उनके कॉलेज के जूनियर्स से उनको जबरदस्त समर्थन मिला. आतिशी के जूनियर्स के लिए ये शायद उन नोट्स के लिए उनको शुक्रिया कहने का एक मौका जैसा रहा होगा. क्यों कि आतिशी के हाथ से बनाए उन नोट्स की वजह से वह अपने फर्स्ट ईयर में हिस्ट्री की पढ़ाई आसानी से कर सके.
आतिशी को जूनियर्स से मिला खूब सपोर्ट
आतिशी के कुछ ऐसे समर्थक भी रहे, जिन्होंने चुपचाप उनकी मदद की. उनके चुनावी अभियान के लिए चंदा जुटाया. तो वहीं कुछ समर्थकों ने जमीनी स्तर पर उनके लिए कैंपनिंग की. घर-घर जाकर उनके लिए वोट मांगे. हाल ही में एक्ट्रेस रिचा चड्ढा ने आतिश को अपना समर्थ देने की बात कही थी. क्यों कि वह चाहती हैं कि राजनीति में पढ़े-लिखे लोग शामिल है. इसके साथ ही रिचा चड्ढा ने आतिशी के लिखे हुए उन नोट्स को भी याद किया, जिनसे पूरी यूनिवर्सिटी पढ़ती आ रही है. आतिशी के लिखे हिस्ट्री के ये नोट्स आज भी उनके जूनियर्स के काम आ रहे हैं.
कॉलेज जूनियर्स ने किया आतिशी के लिए चुनाव प्रचार
ज्यादातर लोगों ने अपनी नौकरी से समय निकालकर आतिशी के कैंपेन के लिए उनकी मदद की. 26 साल की तारिषि शर्मा ने आतिशी के साथ मिलकर काम करने के लिए साल 2017 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में एमफिल की पढ़ाई छोड़ने का फैसला लिया, जो उनके लिए आसान नहीं था. अब वह सफलता के उस मकाम पर पहुंच चुकी हैं, कि तारिषि को इसका कोई अफसोस नहीं है.
चुनावी कैंपेन से मेनिफेस्टो बनाने में मदद करने तक...
आतिशी अब दिल्ली की मुख्यमंत्री बन गई हैं, जल्द ही वह पद की शपथ लेने जा रही हैं. वह अविंद केजरीवाल की जदह दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने जा रही हैं. ऐसे में ये उनके कॉलेज जूनियर्स और उनके बनाए नोट्स से पढ़ाई करने वालो के लिए किसी फक्र से कम हीं है. उनके कॉलेज यूनियर्स समय-समय पर आतशी के सपोर्ट में उतरते रहे हैं. चुनावी कैंपेन से लेकर पार्टी का मेनिफेस्टो बनाने तक, उनको अपने जूनियर्स का खूब सपोर्ट मिला है. अब जब आतिशी दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं, तो ये उनके जूनियर्स के लिए किसी जश्न से कम नहीं है, जिसके लिए उन्होंने चुनाव प्रचार किया, उनकी वह सीनियर अब दिल्ली की सीएम बनने जा रही है.
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