दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के चुनाव में शिरोमणि अकाली दल (बादल) ने बाजी मारी.
- शिरोमणि अकाली (बादल ) ने जीतीं 46 में से 35 सीटें
- कांग्रेस समर्थित शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) ने जीतीं 7 सीटें
- आप द्वारा समर्थित माने जाने वाले 'पंथक सेवा दल' पूरी तरह असफल
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नई दिल्ली:
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के लिए हुए चुनाव में शिरोमणि अकाली (बादल ) ने तमाम कयासों से उलट शानदार प्रदर्शन बरकरार रखा. उसने कुल 46 वार्डों के लिए हुए चुनाव में 35 सीटें जीत लीं. कांग्रेस समर्थित शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) ने अपने खराब प्रदर्शन का रिकॉर्ड बरकरार रखते हुए केवल 7 सीटें जीतीं.
चर्चा में रही आम आदमी पार्टी द्वारा समर्थित मानी जाने वाली पार्टी 'पंथक सेवा दल' इस चुनाव में कोई प्रभाव छोड़ने में नाकाम रही. उसको एक भी सीट नहीं मिली. इस दल के संयोजक आम आदमी पार्टी के कालकाजी के विधायक अवतार सिंह कालकाजी हैं.
चार साल पहले हुए चुनाव में भी अकाली दल (बादल) ने 35 सीटें जीती थीं जबकि कांग्रेस समर्थित अकाली दल (दिल्ली) ने 7 सीटें जीती थीं. पंथक सेवा दल पहली बार चुनाव में उतरा था.
सवाल उठना लाज़मी है कि क्या जो दिल्ली के सिखों का मूड है वही सिख बहुल पंजाब का भी मूड है? शिरोमणि अकाली दल (बादल) के प्रधान मंजीत सिंह जीके के मुताबिक 'पंजाब के समीकरण अलग हैं, पंजाब के मसले अलग हैं, लेकिन एक समीकरण जरूर सामने आ गया. अकाली दल को धर्म की पार्टी कहा जाता है. अकाली दल के जीतने का मतलब है कि आज भी पंथिक वोट अकाली दल के साथ हैं.'
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति दिल्ली में गुरुद्वारा, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल के प्रबंधन का कामकाज देखती है इसलिए इसको दिल्ली में सिख समाज की दूसरी सबसे बड़ी धार्मिक संस्था माना जाता है. इन चुनावों में कुल वोटर करीब 3 लाख 80 हजार थे जबकि 45% मतदाता ही वोट डालने पहुंचे थे.
चर्चा में रही आम आदमी पार्टी द्वारा समर्थित मानी जाने वाली पार्टी 'पंथक सेवा दल' इस चुनाव में कोई प्रभाव छोड़ने में नाकाम रही. उसको एक भी सीट नहीं मिली. इस दल के संयोजक आम आदमी पार्टी के कालकाजी के विधायक अवतार सिंह कालकाजी हैं.
चार साल पहले हुए चुनाव में भी अकाली दल (बादल) ने 35 सीटें जीती थीं जबकि कांग्रेस समर्थित अकाली दल (दिल्ली) ने 7 सीटें जीती थीं. पंथक सेवा दल पहली बार चुनाव में उतरा था.
सवाल उठना लाज़मी है कि क्या जो दिल्ली के सिखों का मूड है वही सिख बहुल पंजाब का भी मूड है? शिरोमणि अकाली दल (बादल) के प्रधान मंजीत सिंह जीके के मुताबिक 'पंजाब के समीकरण अलग हैं, पंजाब के मसले अलग हैं, लेकिन एक समीकरण जरूर सामने आ गया. अकाली दल को धर्म की पार्टी कहा जाता है. अकाली दल के जीतने का मतलब है कि आज भी पंथिक वोट अकाली दल के साथ हैं.'
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति दिल्ली में गुरुद्वारा, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल के प्रबंधन का कामकाज देखती है इसलिए इसको दिल्ली में सिख समाज की दूसरी सबसे बड़ी धार्मिक संस्था माना जाता है. इन चुनावों में कुल वोटर करीब 3 लाख 80 हजार थे जबकि 45% मतदाता ही वोट डालने पहुंचे थे.
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