आम आदमी पार्टी (आप) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने राघव चड्ढा को राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष पद से हटा दिया है.
- पार्टी की कानूनी रणनीति वाली टीम की अगुवाई कर रहे हैं चड्ढा
- राघव ने कहा, जिम्मेदारी से मुक्त करने का अनुरोध किया था
- कपिल ने ट्वीट किया, सिर्फ पद से हटाने से काम नहीं चलेगा
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नई दिल्ली:
आम आदमी पार्टी (आप) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने राघव चड्ढा को हटाकर दीपक वाजपेयी को पार्टी का राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष नियुक्त कर दिया है. दिल्ली सरकार में मंत्री पद से बर्खास्त किए गए ‘आप’ के बागी नेता कपिल मिश्रा ने पार्टी के इस फैसले को राघव के कार्यकाल के दौरान हुए कथित ‘‘हवाला सौदों’’ से जोड़ा.
बहरहाल, दीपक ने कपिल के आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि राघव ने ‘‘अपनी मर्जी से पद छोड़ा’’, क्योंकि वह पहले ही काफी मुकदमों से निपट रहे हैं और राम जेठमलानी सहित अन्य वकीलों से समन्वय कायम कर रहे हैं. दीपक ने बताया, ‘‘वह (राघव) पार्टी की कानूनी रणनीति वाली टीम की अगुवाई कर रहे हैं, इसलिए उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी से अनुरोध किया था कि उन्हें इस जिम्मेदारी (कोषाध्यक्ष पद) से विमुक्त किया जाए. उनके अनुरोध को मानकर मुझे कोषाध्यक्ष बनाया गया. हमारे खाते-बही दुरुस्त हैं और अवैध लेन-देन में हमारे शामिल होने का सवाल ही नहीं है.’’ उन्होंने कहा कि पार्टी के एक ‘‘साधारण आंतरिक प्रशासनिक मामले में ज्यादा मतलब निकालना गलत होगा.’’
एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा कि बीते रविवार को हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला किया गया. इस नेता ने कहा, ‘‘यह सच है कि झूठे आरोपों को लेकर केंद्र हमारे पीछे पड़ा हुआ है. लेकिन यह आरोप उस वक्त के हैं जब राघव इस पद को संभाल ही नहीं रहे थे. इसलिए कपिल मिश्रा जो कुछ कह रहे हैं उसे इस फैसले से जोड़ने का कोई तुक ही नहीं है.’’
कपिल ने ट्वीट किया, ‘‘सिर्फ पद से हटाने से काम नहीं चलेगा. मैं निश्चित तौर पर विदेश दौरों से जुड़े ब्योरे निकाल लूंगा. कोषाध्यक्ष के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान कई हवाला लेन-देन हुए हैं.’’
(इनपुट एजेंसी से)
बहरहाल, दीपक ने कपिल के आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि राघव ने ‘‘अपनी मर्जी से पद छोड़ा’’, क्योंकि वह पहले ही काफी मुकदमों से निपट रहे हैं और राम जेठमलानी सहित अन्य वकीलों से समन्वय कायम कर रहे हैं. दीपक ने बताया, ‘‘वह (राघव) पार्टी की कानूनी रणनीति वाली टीम की अगुवाई कर रहे हैं, इसलिए उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी से अनुरोध किया था कि उन्हें इस जिम्मेदारी (कोषाध्यक्ष पद) से विमुक्त किया जाए. उनके अनुरोध को मानकर मुझे कोषाध्यक्ष बनाया गया. हमारे खाते-बही दुरुस्त हैं और अवैध लेन-देन में हमारे शामिल होने का सवाल ही नहीं है.’’ उन्होंने कहा कि पार्टी के एक ‘‘साधारण आंतरिक प्रशासनिक मामले में ज्यादा मतलब निकालना गलत होगा.’’
एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा कि बीते रविवार को हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला किया गया. इस नेता ने कहा, ‘‘यह सच है कि झूठे आरोपों को लेकर केंद्र हमारे पीछे पड़ा हुआ है. लेकिन यह आरोप उस वक्त के हैं जब राघव इस पद को संभाल ही नहीं रहे थे. इसलिए कपिल मिश्रा जो कुछ कह रहे हैं उसे इस फैसले से जोड़ने का कोई तुक ही नहीं है.’’
कपिल ने ट्वीट किया, ‘‘सिर्फ पद से हटाने से काम नहीं चलेगा. मैं निश्चित तौर पर विदेश दौरों से जुड़े ब्योरे निकाल लूंगा. कोषाध्यक्ष के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान कई हवाला लेन-देन हुए हैं.’’
(इनपुट एजेंसी से)
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