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This Article is From Feb 12, 2017

20 साल में पहली बार एम्स में होगी शुल्क की समीक्षा, इलाज कराना हो सकता है महंगा

20 साल में पहली बार एम्स में होगी शुल्क की समीक्षा, इलाज कराना हो सकता है महंगा
फाइल फोटो
  • वित्त मंत्रालय ने एम्स से शुल्क की समीक्षा और संशोधन के लिए कहा है
  • एम्स ने 300 करोड़ रुपये के अतिरिक्त आवंटन की मांग की है
  • एम्स को ओपीडी और अन्य शुल्कों के रूप में 101 करोड़ रुपये प्राप्त होता है
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नई दिल्ली: देश के प्रतिष्ठित अस्पताल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में जल्द ही इलाज के लिए मरीजों को अधिक रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं. वित्त मंत्रालय ने चिकित्सा संस्थान से शुल्क की समीक्षा और संशोधन के लिए कहा है. एम्स में पिछले 20 सालों से शुल्क में बदलाव नहीं हुआ है.

उप निदेशक वी श्रीनिवास ने कहा कि एम्स ने 300 करोड़ रुपये के अतिरिक्त आवंटन की मांग की है. चिकित्सा संस्थान ने गैर-योजना व्यय के रूप में इतने रुपये की मांग की है.

श्रीनिवास ने कहा, 'वित्त मंत्रालय को लगता है कि बजट अनुमानों और संशोधित अनुमान में बहुत अधिक अंतर होता है. वित्त मंत्रालय ने इसलिए एम्स से अपने शुल्कों की समीक्षा का सुझाव दिया है. वर्ष 1996 से शुल्कों में संशोधन नहीं हुआ है.' एम्स के निदेशक ने हाल में एक बैठक बुलाई, जिसमें शुल्कों के संशोधन की व्यवहारिकता पर चर्चा की गई.

वर्तमान में एम्स ओपीडी शुल्कों, विभिन्न विभागों की जांच, रेडियोलॉजी शुल्कों और अन्य शुल्कों के रूप में लोगों से कुल 101 करोड़ रुपये अर्जित करता है. श्रीनिवास ने कहा, 'एम्स वर्तमान में प्रस्ताव की समीक्षा कर रहा है.'

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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एम्स, दिल्ली, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, AIIMS, Delhi, All India Institute Of Medical Sciences
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