जानलेवा स्पेनिश फ्लू समाप्त होने के एक साल बाद 1920 में जन्मे और अब 101 साल के हो चुके बृजप्रकाश गुप्ता ने बुधवार को दिल्ली (Delhi) के एक निजी अस्पताल में COVID-19 रोधी टीका लगवाया. गुप्ता (101), पिछले साल 20 मार्च के बाद से पहली बार दक्षिण दिल्ली स्थित अपने घर से बाहर निकले और कोविशील्ड टीका लगवाने अस्पताल पहुंचे. उनके बेटे विमल गुप्ता ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उनके पिता अच्छा महसूस कर रहे हैं.
विमल ने कहा, ‘‘मेरे पिता का जन्म दिल्ली में 26 नवंबर 1920 को हुआ था. उन्होंने दिल्ली में एक बैंक में प्रबंधक के तौर पर सेवा दी थी. चूंकि बैंक का कार्यालय पुरानी दिल्ली में था और देश के विभाजन के समय सांप्रदायिक हिंसा हो रही थी, ऐसे में मेरे पिता ने बैंक की नौकरी छोड़ दी और फिर अपना व्यवसाय शुरू किया.''
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करोल बाग में रहने वाले विमल (65) ने कहा कि कुछ दिन पहले उनकी पत्नी ने भी टीका लगवाया था और उनके पिता ने यहां बीएलके अस्पताल में टीके की पहली खुराक ली. इससे पहले, 15 मार्च को 107 वर्षीय केवल कृष्ण ने यहां एक निजी अस्पताल में कोविड-19 रोधी टीका लगवाया था. वह 1918 के स्पेनिश फ्लू के समय महज पांच साल के थे और बाद में वह संविधान की मसौदा समिति का हिस्सा रहे थे.
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उनके बेटे अनिल कृष्ण ने कहा कि मार्च 2020 में लॉकडाउन लागू होने के बाद से उनके पिता दक्षिण दिल्ली स्थित अपने आवास से पहली बार बाहर निकले और कोविशील्ड टीका लगवाया. साथ ही, तुलसीदास चावला (104) ने भी यहां सर गंगा राम अस्पताल में पांच मार्च को कोविड-19 रोधी टीका लगवाया था.
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