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This Article is From Aug 09, 2021

क्या है Cryptocurrency : बिटकॉइन, ईथर, डॉजकॉइन और दूसरे पॉपुलर क्रिप्टो टोकन्स की सीखिए ABCD

Cryptocurrency Markey : क्रिप्टोकरेंसी को अकसर बस क्रिप्टो भी कहा जाता है. यह एक तरीके का डिजिटल पैसा है. इसका कॉन्सेप्ट हमारे ट्रेडिशनल करेंसी से काफी अलग है, लेकिन इसके बावजूद क्रिप्टो ने पिछले कुछ सालों में विशाल संख्या में निवेशकों को आकर्षित किया है.

क्या है Cryptocurrency : बिटकॉइन, ईथर, डॉजकॉइन और दूसरे पॉपुलर क्रिप्टो टोकन्स की सीखिए ABCD
Cryptocurrency या Digital Tokens का मार्केट इस साल अप्रत्याशित रूप में बढ़ा है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

साल 2021 के पहले चार महीनों में क्रिप्टोकरेंसी मार्केट (Cryptocurrency Market) में ऐतिहासिक ऊंचाई देखने को मिली, जिसके बाद इस साल देश-दुनिया में क्रिप्टो में निवेशकों की संख्या अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है. बिटकॉइन और डॉजकॉइन जैसे क्रिप्टो ने नए रिकॉर्ड बनाए, जिसके चलते संभावित निवेशकों में इनके प्रति दिलचस्पी जगी. लेकिन इसके बाद मार्केट में बड़ी गिरावट आ गई. मई में क्रिप्टो बाजार ऐसा गिरा कि डिजिटल करेंसीज़ ने अपना अधिकतम लाभ गंवा दिया. लेकिन कुछ निवेशकों (Crypto Investors) को जहां नुकसान हुआ, वहीं बाजार में पहले से निवेश कर रहे कुछ निवेशकों को बड़ा फायदा भी हुआ. और तबसे ही क्रिप्टो एक बार फिर ऊपर जा रहा है.

क्रिप्टोकरेंसी ने लोगों में उत्सुकता जगाई है और ज्यादा से ज्यादा लोग इस वर्चुअल संपत्ति के व्यापार से जुड़ रहे हैं. हालांकि, क्रिप्टो बाजार में उतार-चढ़ाव एक डरावना फैक्टर हो सकता है, इसका मतलब है कि अगर आप किसी क्रिप्टोकरंसी में निवेश करना चाहते हैं, तो पहली अपनी रिसर्च कर लें. लेकिन उसके पहले आपको क्रिप्टोकरेंसी के बेसिक्स को समझना होगा, जो हम इस आर्टिकल में समझाने की कोशिश कर रहे हैं.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

क्रिप्टोकरंसी को अकसर बस क्रिप्टो भी कहा जाता है. यह एक तरीके का डिजिटल पैसा है. इसका कॉन्सेप्ट हमारे ट्रेडिशनल या सरकारी करेंसी से काफी अलग है. हमारी ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिस्ट्रिब्यूटेड लेज़र (Ledger का मतलब बहीखाते से) के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी  कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं.

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बहुत सारी कंपनियों ने अब इस डिजिटल असेट के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए इसे अपने पेमेंट सिस्टम में शामिल करना शुरू कर दिया है. कुछ ने तो अपनी सेवाएं या उत्पाद खरीदने के लिए खुद की करेंसी या टोकन भी जारी करना शुरू दिया है.

सबसे ज्यादा चर्चित क्रिप्टोकरेंसी कौन सी हैं?

अपने मार्केट कैप यानी बाजार पूंजीकरण के लिहाज से टॉप की पांच क्रिप्टो कॉइन्स हैं- बिटकॉइन इथीरिमय, टेदर, बाइनेंस कॉइन और कारडानो. इनमें सबसे पुरानी कॉइन बिटकॉइन है. यह 2009 में यानी 2008 की आर्थिक मंदी के कुछ वक्त बाद लॉन्च हुई थी. इसकी शुरुआत सतोषी नाकामोतो नाम के स्यूडोनिम यानी छद्म नाम के साथ किसी शख्स ने की थी. असली शख्स कौन है, ये निश्चिंतता के साथ कोई नहीं कहता.

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डॉजकॉइन भी काफी पॉपुलर है, हालांकि, यह फिलहाल टॉप फाइव कॉइन में शामिल नहीं है. इसकी शुरुआत 2013 में बिटकॉइन का मजाक उड़ाने के लिए एक मीम यानी मजाक की तरह हुई थी. लेकिन इस साल की शुरुआत में टेस्ला के सीईओ इलॉन मस्क ने इस कॉइन का सपोर्ट करके इसे हाइप दे दिया, जिसके चलते इसकी कीमत बढ़ गई.

क्या क्रिप्टोकरेंसी कानूनी है?

बहुत सारे देशों ने इस असेट को अपना समर्थन दिया है. लेकिन विस्तृत तौर पर इस करेंसी को लेकर कोई औपचारिक नियमन नहीं है. भारत में तो पहले इसे बैन किए जाने की बात हुई थी. 2018 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने क्रिप्टो ट्रेडिंग पर प्रतिबंध भी लगाए, लेकिन पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने उसके आदेश को पलट दिया. और अब आरबीआई ने कहा है कि यह अपनी खुद की क्रिप्टोकरेंसी एक चरणबद्ध तरीके से लॉन्च करेगी.

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क्रिप्टोकरेंसी इतनी पॉपुलर क्यों है?

इसके पीछे कई कारण हैं. सबसे प्रमुख अच्छा रिटर्न मिलने की उम्मीद है. अब तो बहुत से लोग असली पैसे खर्च करके बिटकॉइन खरीद रहे हैं ताकि आगे चलकर और मांग बढ़ने पर उन्हें अच्छा रिटर्न मिले. मस्क ने तो यह भी कहा है कि ये कॉइन्स भविष्य की करेंसी हैं, हालांकि उन्होंने इसपर कुछ नहीं कहा है कि कौन सी ऐसी करेंसी होगी जो ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी बन सकती है या फिर दुनिया में कभी बस कोई एक क्रिप्टोकरेंसी चलेगी या कई सारी.

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क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग से क्या मतलब होता है?

क्रिप्टो माइनिंग का मतलब नई डिजिटल कॉइन्स जेनरेट करने यानी पैदा करने से होता है. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. हालांकि, ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं, वो खुद इनकी माइनिंग नहीं करते हैं.

क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कहां होती है?

मार्केट रिसर्च वेबसाइट CoinMarketCap के मुताबिक, फिलहाल क्रिप्टो मार्केट में 11,000 क्रिप्टोकरेंसीज़ की सार्वजनिक तौर पर उनके लिए बने एक्सचेंज पर ट्रेडिंग होती है. फिलहाल सर्कुलेशन में जितनी क्रिप्टोकरेंसी हैं, उनकी कुल कीमत 4 अगस्त, 2021 की तारीख में $1,557,848,783,736 यानी 1.5 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा है. क्रिप्टो की ट्रेडिंग अधिकतर एक्सचेंज पर ही होती है, लेकिन इसके अलावा भी पेपर वॉलेट के जरिए ऑफलाइन ट्रांसफर या टोकन को डायरेक्टली ट्रेड करने जैसे विकल्प भी होते हैं, लेकिन रिटेल इन्वेस्टर्स को सलाह दी जाती है कि उनके लिए एक्सचेंज पर ट्रेडिंग करना ज्यादा सुरक्षित होगा.

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