Bitcoin से कोई करोड़पति हो जाए, सुनकर हैरानी होती है न. लेकिन आपको बता दें कि लंदन की एक कंपनी के साथ ऐसा हुआ है. बिटकॉइन पर बारीकी से नज़र रख रही इस कंपनी की अब आगे के निवेश को लेकर उत्सुकता बनी हुई.
लंदन स्थित एसेट मैनेजमेंट फर्म Ruffer ने बिटकॉइन (Bitcoin) में अपने निवेश से केवल पांच महीनों में 1.1 बिलियन डॉलर (लगभग 8,000 करोड़ रुपये) का लाभ कमाया है। कंपनी ने नवंबर 2020 में लगभग 600 मिलियन डॉलर (लगभग 4,369 करोड़ रुपये) का निवेश किया था, जब बिटकॉइन की कीमत लगभग 20,000 डॉलर (14.5 लाख रुपये) थी। दिसंबर 2020 तक और जनवरी 2021 की शुरुआत में, बिटकॉइन की कीमत (Bitcoin price in India) लगभग दोगुनी हो गई थी और कंपनी ने इसका फायदा उठाया। कुछ महीने बाद, अप्रैल में, जब बिटकॉइन ने रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ और $60,000 (लगभग 43.6 लाख रुपये) से अधिक पर पहुंचा, तो कंपनी ने अपने कॉइन बेच दिए।
Ruffer का कहना है कि कंपनी ने अपने बिटकॉइन निवेश को बेचने का फैसला किया, क्योंकि लॉकडाउन प्रतिबंध हटने के साथ उन्हें उम्मीद नहीं थी कि युवा लोग ट्रेडिंग पर इतना समय बिताएंगे।
The Sunday Times को Ruffer के एक निवेश निदेशक ने बताया कि कंपनी ने दिसंबर और जनवरी की शुरुआत में, जब कीमत दोगुना हो गई थी, तो उसने अपने क्लाइंट्स के लिए थोड़ा मुनाफा निकाला। इसके बाद कंपनी ने बिटकॉइन की स्थिति को लगातार मॉनिटर किया और जब अप्रैल में कंपनी ने अपने बिटकॉइन बेचे तो उसे 1.1 बिलियन डॉलर (लगभग 8,000 करोड़ रुपये) का लाभ हुआ।
Ruffer बिटकॉइन में निवेश करने वाले पहले फंड मैनेजर थे। भले ही यह निवेश छोटे समय अंतराल के लिए था, लेकिन बेली का कहना है कि कंपनी भविष्य में भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश जारी रख सकती है। उन्होंने यह भी भविष्यवाणी की है कि कंपनी बिटकॉइन में विश्वास करना जारी रखेगी और इसे अपने पोर्टफोलियो के लिए वैकल्पिक संपत्ति के रूप में चुनेगी।
पिछले कुछ हफ्तों में, भारत में बिटकॉइन की कीमत के साथ-साथ डॉजकॉइन (Dogecoin) और कुछ अन्य क्रिप्टोकरेंसी की कीमत अस्थिर चल रही है। खासकर चीन द्वारा वित्तीय संस्थानों और भुगतान कंपनियों को क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन से संबंधित सेवाएं प्रदान करने से प्रतिबंधित करने के बाद, मार्केट में गिरावट देखने को मिली है।
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