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This Article is From Mar 25, 2022

एनर्जी एक्सपोर्ट के लिए Bitcoin में पेमेंट ले सकता है रूस

रूस की यह प्रतिक्रिया उस पर अमेरिका सहित पश्चिमी देशों की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों के कारण आई है

एनर्जी एक्सपोर्ट के लिए Bitcoin में पेमेंट ले सकता है रूस
रूस मित्र देशों के साथ उनकी करेंसीज में भी ट्रेड कर सकता है
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर कई देशों ने प्रतिबंध लगाए हैं
इससे रूस को ट्रेड करने में मुश्किल हो रही है
यूरोप के देश एनर्जी की जरूरत को पूरा करने के लिए रूस पर निर्भर हैं

रूस की फेडरल असेंबली State Duma की एनर्जी कमेटी के चेयरमैन Pavel Zavalny ने कहा है कि उनका देश एनर्जी का एक्सपोर्ट करने के बदले रूबल, गोल्ड और मित्र देशों की करंसीज के साथ ही बिटकॉइन में भी पेमेंट ले सकता है. मित्र देशों में उन्होंने चीन, तुर्की और सर्बिया को गिनाया. Zavalny ने कहा कि रूस इन देशों के साथ उनकी करेंसीज में ट्रेड करने के लिए तैयार है. 

उन्होंने प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन के अन्य देशों से एनर्जी के एक्सपोर्ट के लिए रूस की करेंसी रूबल में पेमेंट लेने के फैसले का भी समर्थन किया. Zavalny ने एक संवादाता सम्मेलन में बताया कि रूस कैसे नेचुरल गैस को अमेरिकी डॉलर और यूरो में बेचने से दूर होगा. उनका कहना था, "हम चीन को नेशनल करेंसीज में ट्रांजैक्शन की पेशकश कर रहे हैं. तुर्की के साथ यह लीरा और रूबल होगी. करेंसी सेट अलग हो सकते हैं. यह एक सामान्य चलन है. अगर बिटकॉइन के साथ ट्रेड करना जरूरी हुआ तो हम वो करेंगे." 

डॉलर और यूरो में ट्रेड को लेकर Zavalny ने कहा, "अगर यूरो में पश्चिमी यूरोप और अन्य देशों के साथ ट्रेड सेटलमेंट करने में मुश्किल होती है तो हमें इस करेंसी में क्यों ट्रेड करना चाहिए. हमारी यूरो और डॉलर में कोई दिलचस्पी नहीं रही." रूस की यह प्रतिक्रिया उस पर अमेरिका सहित पश्चिमी देशों की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों के कारण आई है. इन प्रतिबंधों से रूस के बैंक और इसके बड़े कारोबारी बाकी दुनिया से कट गए हैं. हालांकि, यूरोप के अधिकतर देश एनर्जी की जरूरत को पूरा करने के लिए रूस की नेचुरल गैस पर निर्भर करते हैं. इस वजह से अमेरिकी दबाव के बावजूद वे रूस के साथ ट्रेड कर रहे हैं. 

हाल ही में रूस के सबसे बड़े बैंक Sbernank को डिजिटल फाइनेंस एसेट्स (DFA) को इश्यू और एक्सचेंज करने की अनुमति दी गई है. इसका मतलब है कि रूस में क्रिप्टो और NFT होल्डर्स अपने एसेट्स को Sbernank के जरिए एक्सचेंज कर सकेंगे. रूस का पिछले महीने से यूक्रेन के साथ युद्ध चल रहा है और इस वजह से रूस पर बहुत से देशों ने प्रतिबंध लगाए हैं. इस वजह से रूस की इकोनॉमी अस्थिर हुई है और अब वह क्रिप्टो से आमदनी बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. Sbernank का कहना है कि वह बैंक ऑफ रशिया से लाइसेंस मिलने के बाद रूस के कानूनों के अनुसार DFA ट्रांजैक्शंस करेगा. रूस की एंटिटीज Sberbank के इनफॉर्मेशन सिस्टम के जरिए इश्यू किए जाने वाले DFA को खरीद सकेंगी. बैंक ने बताया कि कंपनियां उसके ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म पर एक महीने बाद ट्रांजैक्शन शुरू करने में सक्षम होंगी. 

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