अमेरिकी सांसद क्रिप्टो एक्टिविटीज से एनवायरमेंट को नुकसान से बचाने के लिए कड़े उपायों पर विचार कर रहे हैं. ऐसे सभी माइनर्स को न्यूयॉर्क की असेंबली ने परमिट देने से इनकार कर दिया है जो माइनिंग फार्म्स के लिए नॉन-रिन्युएबल एनर्जी का इस्तेमाल करते हैं. क्रिप्टो माइनिंग में इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत होती है और इससे कार्बन एमिशन बढ़ता है.
CoinDesk की रिपोर्ट के अनुसार, न्यूयॉर्क असेंबली में प्रस्तुत किए गए बिल में यह स्पष्ट कहा गया है कि एनर्जी डिपार्टमेंट कार्बन बेस्ड फ्यूल से जेनरेट होने वाली इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल करने वाले क्रिप्टो माइनर्स की एप्लिकेशन को स्वीकृति नहीं देगा. हालांकि, क्रिप्टो का समर्थन करने वाले अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि ऐसे रूल से न्यूयॉर्क स्टेट से क्रिप्टो माइनर्स दूर हो सकते हैं. इससे क्रिप्टो माइनिंग से जुड़े बहुत से लोगों के बेरोजगार होने की आशंका है. हालांकि, नया रूल केवल न्यूयॉर्क में परमिट के लिए आवेदन करने वाले नए माइनर्स पर लागू होगा. पहले से चल रहे माइनिंग फार्म्स पर इसका असर नहीं होगा. अमेरिका के टेक्सस में पिछले वर्ष क्रिप्टो माइनिंग के कारण इलेक्ट्रिसिटी की सप्लाई में रुकावट आई थी. इसका टेक्सस के लोगों ने भारी विरोध किया था.
क्रिप्टो माइनिंग में इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत के कारण चीन जैसे कुछ देशों ने इस पर पूरी तरह रोक लगा दी है. इस वर्ष की शुरुआत में आठ अमेरिकी सांसदों ने बिटकॉइन माइनिंग करने वालीं कंपनियों से यह बताने के लिए कहा था कि वो इस काम में कितनी इलेक्ट्रिसिटी इस्तेमाल करती हैं. सांसदों ने 6 कंपनियों को लेटर भेजा था. ये सभी अमेरिका में बिटकॉइन माइनिंग करती हैं. कंपनियों से पूछा गया था कि वो कितनी इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल करती हैं और वह इलेक्ट्रिसिटी कहां से मिलती है. लेटर में कहा गया था कि बिटकॉइन माइनिंग में इस्तेमाल होने वाली अधिक इलेक्ट्रिसिटी और कार्बन एमिशन की वजह से एनवायरमेंट, लोकल इकोसिस्टम और कंस्यूमर इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट को लेकर चिंता बढ़ रही है.
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी और डिजिकॉनोमिस्ट का अनुमान है कि दो सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin और Ethereum मिलकर पूरे स्वीडन की तुलना में एक साल में लगभग दोगुनी इलेक्ट्रिसिटी की खपत करते हैं. क्रिप्टो एसेट्स अपनी मौजूदा मार्केट वैल्यू के लिहाज से हर साल 120 मिलियन टन CO2 एनवायरमेंट में रिलीज करते हैं.
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