Cryptocurrency में पैसा लगाने में दिलचस्पी नहीं लेता यह दिग्गज, बताई वजह

रोजर्स ने कहा कि इसे अपनाने के बढ़ते स्तर के साथ, केंद्रीकृत सरकारी संस्थान लोगों के पैसे के पीछे जाएंगे और उन्हें किसी तरह कंट्रोल करने की कोशिश करेंगे.

Cryptocurrency में पैसा लगाने में दिलचस्पी नहीं लेता यह दिग्गज, बताई वजह

Microsoft के को-फाउंडर Bill Gates भी NFT जैसे क्रिप्टो प्रोजेक्ट्स को जालसाजी कह चुके हैं

खास बातें

  • क्रिप्टो व डिजिटल एसेट्स में निवेश में रुचि नहीं रखते Jim Rogers
  • उनका मानना ​​​​है कि क्रिप्टो किसी भी समय "सरकार का पैसा" बनने जा रही है
  • हेज फंड मैनेजर सेठ कलारमण भी क्रिप्टोकरेंसी की कर चुके हैं आलोचना

क्रिप्टोकरेंसी में युवाओं के साथ-साथ कई दिग्गज जबरदस्त दिलचस्पी दिखा रहे हैं. हालांकि, अभी भी कुछ बड़े निवेशक ऐसे हैं, जो क्रिप्टोकरेंसी को खुद से दूर रखना बेहतर ऑप्शन समझ रहे हैं. ऐसे ही एक निवेशक जिम रोजर्स हैं, जो क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को पैसा बर्बाद करना मानते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि क्रिप्टो में निवेश भविष्य में सरकार का पैसा होगा. 

Bloomberg की सीनियर एशिया इकोनामी रिपोर्टर मिशेल जैमरिस्को (Michelle Jamrisko) के साथ अपने सबसे हालिया इंटरव्यू में,  जिम रोजर्स (Jim Rogers) ने रिटेल निवेशकों के बीच क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ती दिलचस्पी के बावजूद क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल एसेट्स में निवेश नहीं करने के अपने कारणों को बताया. उनका मानना है कि भविष्य में क्रिप्टो में निवेश किया पैसा सरकार के अधीन होगा और इससे निवेशकों को फायदा नहीं होगा.
 


क्रिप्टो व डिजिटल एसेट्स में निवेश में रुचि न रखने को लेकर पूछे गए प्रश्न का जवाब देते हुए Soros Fund Management के को-फाउंडर ने कहा कि उनका मानना ​​​​है कि क्रिप्टोकरेंसी किसी समय "सरकार का पैसा" बनने जा रही है. रोजर्स ने कहा कि इसे अपनाने के बढ़ते स्तर के साथ, केंद्रीकृत सरकारी संस्थान लोगों के पैसे के पीछे जाएंगे और उन्हें किसी तरह कंट्रोल करने की कोशिश करेंगे.

निवेशक ने कई CBDCs की अपकमिंग रिलीज के बारे में भी बात की, जो डिजिटल एसेट्स हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि क्रिप्टोकरेंसी, केंद्रीय बैंकों या अन्य केंद्रीकृत वित्तीय संस्थानों द्वारा जारी की गई हों, जिन्हें सरकार की आधिकारिक करेंसी के साथ समर्थित किया जाएगा. रोजर्स ने कि उनकी अपनी पत्नी और दोस्त क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं और कुछ ने कुछ मुनाफा भी कमाया है, जबकि अन्य ने अपना सब कुछ खो दिया है और उनका पोर्टफोलियो शून्य हो गया है.

रोजर्स पहले निवेशक नहीं है, जिन्होंने किसी वजह से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश नहीं करने का फैसला लिया है. हेज फंड मैनेजर सेठ कलारमण भी ऐसी ही एक हस्ती हैं, जो अरबपति होकर भी क्रिप्टो जैसे डिजिटल एसेट्स में विश्वास नहीं रखते हैं. हाल ही में सेठ कलारमण ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कहा था कि क्रिप्टो निवेश करने वाले लोग एक दिन बड़े घाटे में होंगे और आखिर में उन्हें अपने फैसले के लिए रोना पड़ेगा. बॉस्टन आधारित बॉपोस्ट ग्रुप (Baupost Group) के मालिक कलारमण बिटकॉइन या क्रिप्टोकरेंसी से ज्यादा सोने को निवेश को बेहतर विकल्प मानते हैं. वर्तमान में, इनके पास 1.2 बिलियन डॉलर (करीब 93.98 अरब रुपये) की एसेट है.

इससे पहले, माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) के को-फाउंडर बिल गेट्स (Bill Gates) ने नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) जैसे क्रिप्टो प्रोजेक्ट्स को जालसाजी करार दिया था. उनका कहना है कि ये 'बेवकूफ बनाने की थ्योरी' पर बेस्ड हैं. वहीं, बर्कशायर हैथवे (Berkshire Hathaway) की एनुअल शेयरहोल्डर मीटिंग में लोकप्रिय अमेरिकी अरबपति निवेशक वॉरेन बफेट (Warren Buffet) ने कहा था कि Bitcoin में कई कमियां हैं और उन्हें क्रिप्टोकरेंसी में कोई वैल्यू नहीं दिखती है. उनका मानना है कि बिटकॉइन कुछ भी मूल्यवान उत्पादन नहीं करता है चाहे उसकी कीमत बढ़े या न बढ़े. उनके अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी एक निष्क्रिय एसेट है, और निवेशक इसे इस उम्मीद में खरीदते और रखते हैं कि लंबे समय में इसकी कीमत बढ़ेगी और उनकी अच्छी कमाई होगी.


 

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